दोहरी दृष्टि

(डिप्लोपिया)

इनके द्वाराChristopher J. Brady, MD, Wilmer Eye Institute, Retina Division, Johns Hopkins University School of Medicine
समीक्षा की गई/बदलाव किया गया जून २०२१

दोहरी नज़र का मतलब एक चीज़ की 2 छवियां दिखना होता है। दोहरी दृष्टि तब हो सकती है जब केवल एक आँख खुली होती है (मोनॉक्युलर डिप्लोपिया) या, अधिक सामान्य रूप से, जब दोनों आँखें खुली होती हैं (बाइनॉक्युलर डिप्लोपिया)। जब कोई एक आँख बंद की जाती है तो बाइनॉक्युलर दोहरी दृष्टि अदृश्य हो जाती है। दोहरी दृष्टि के कारण पर निर्भर करते हुए, आँख में दर्द, आँख का उभरना, या मांसपेशी की कमजोरी जैसे अन्य लक्षण मौजूद रह सकते हैं।

दोहरी नज़र के कारण

मोनॉक्युलर दोहरी दृष्टि तब हो सकती है जब कोई चीज आँख से रेटिना (आँख के पिछवाड़े में स्थित प्रकाश-संवेदी संरचना) तक प्रकाश के संचरण को विकृत करती है। इसमें 2 से अधिक छवियां भी दिख सकती हैं। इनमें से एक छवि सामान्य गुणवत्ता की होती है (जैसे, चमक, कॉंट्रास्ट, और स्पष्टता में)। दूसरी छवि या छवियाँ खराब गुणवत्ता की हो सकती हैं।

मोनॉक्युलर दोहरी दृष्टि के सबसे आम कारण हैं

  • आँख के लेंस का धुंधला होना (मोतियाबिंद)

  • कोर्निया की आकृति के साथ समस्याएं (जैसे, केरैटोकोनस, जिसमें कोर्निया सामान्य गोल आकृति से शंकु जैसी आकृति में बदल जाती है)

  • सही न की गई अपवर्तक त्रुटि, आम तौर से एस्टिग्मेटिज्म

रेटिना पर प्रकाश की किरणों के त्रुटिपूर्ण फोकस को अपवर्तक त्रुटि कहते हैं। एस्टिग्मेटिज्म कोर्निया (परितारिका और पुतली के सामने स्थित पारदर्शी पर्त) की असामान्य वक्रता से उत्पन्न एक अपवर्तक त्रुटि है।

मोनॉक्युलर दोहरी दृष्टि के अन्य कारणों में कोर्निया के क्षतचिह्न और अपने स्थान से हटा हुआ लेंस शामिल है।

बाइनॉक्युलर दोहरी दृष्टि संकेत देती है कि आँखें एक ही वस्तु पर केंद्रित नहीं हो रही हैं। सामान्य तौर पर लोगों को एक वस्तु मात्र एक छवि के रूप में दिखती है हालांकि प्रत्येक आँख को उस वस्तु की अपने लिए अलग छवि प्राप्त होती है। अकेली छवियों की अनुभूति के लिए, आँखों को संरेखित होना चाहिए ताकि दोनों एक ही समय पर एक ही बिंदु पर केंद्रित हों (जिसे कॉंजुगेट अलाइनमेंट कहते हैं)। जब आँखें ठीक से संरेखित नहीं होती हैं, तो लोगों को बिल्कुल एक जैसी 2 छवियां दिखाई देती हैं। कभी-कभी बाइनॉक्युलर दोहरी दृष्टि का केवल तभी पता चलता है जब लोग अपनी आँखों को किसी एक दिशा में चरम सीमा तक ले जाते हैं (जैसे, एकदम दायें या बायें, या ऊपर या नीचे)।

बाइनॉक्युलर दोहरी दृष्टि के कई संभावित कारण हैं। सबसे आम हैं

  • आँख को हिलाने वाली मांसपेशियों को नियंत्रित करने वाली किसी तंत्रिका (तीसरी, चौथी और छठवीं क्रैनियल तंत्रिकाओं में से) में लकवा होना

  • मायस्थेनिया ग्रेविस

  • आँख की गतिविधि की यांत्रिक रुकावट

सबसे सामान्य रूप से, आँखों के संरेखन में गड़बड़ी एक विकार के कारण होती है जो आँखों को हिलाने वाली मांसपेशियों, जिन्हें एक्स्ट्राऑक्युलर मांसपेशियाँ कहते हैं, में जाने वाली क्रेनियल नाड़ियों को प्रभावित करता है। बहुत कम लकवा हो सकता है और कारण अज्ञात हो सकता है। ज्ञात कारणों में वे विकार शामिल हैं जो आम तौर से नाड़ियों की मांसपेशियों को नियंत्रित करने की क्षमता में बाधा डालते हैं। उदाहरण के लिए, माइएस्थीनिया ग्रैविस, बॉटुलिज्म, और गुइलेन-बार सिंड्रोम सारे शरीर की मांसपेशियों को प्रभावित कर सकते हैं, जिनमें आँखों को गतिमान करने वाली मांसपेशियाँ शामिल हैं।

आँखों की गतिविधि में हस्तक्षेप करने वाली कोई भी चीज आँखों को ठीक से संरेखित होने से रोक सकती है और दोहरी दृष्टि उत्पन्न करती है। उदाहरणों में शामिल हैं, आँख के गड्ढे के फ्रैक्चर में आँख की किसी मांसपेशी का फंस जाना और आँख के गड्ढे में असामान्य ऊतक का जमा होना जैसा कि हाइपरथायरॉयडिज्म के ग्रेव्स रोग नामक प्रकार में हो सकता है।

टेबल

दोहरी नज़र की जाँच

दोहरी दृष्टि के कई कारण बहुत गंभीर हो सकते हैं। निम्नलिखित जानकारी लोगों को यह जानने में मदद कर सकती है कि डॉक्टर से कब मिलना है और जांच के दौरान क्या उम्मीद करनी चाहिए।

चेतावनी के संकेत

दोहरी दृष्टि वाले लोगों में, कुछ लक्षण और विशेषताएं चिंता का विषय होती हैं। उनमें शामिल हैं

  • दोहरी दृष्टि के अलावा कोई भी ऐसे लक्षण जो तंत्रिका तंत्र के कार्यकलाप की गड़बड़ी का संकेत हो सकते हैं (जैसे, कमजोरी या लकवा, सुन्नता, बोलने या भाषा संबंधी समस्याएं, निगलने या पैदल चलने में कठिनाई, सिर घूमना, सिरदर्द, पेशाब या मल न रोक पाना, या बेड़ोल हो जाना)

  • आँख का दर्द

  • आँख का उभरना (प्रॉप्टोसिस)

  • हाल में लगी आँख या सिर की चोट

  • बाइनॉक्युलर दोहरी दृष्टि

डॉक्टर से कब मिलना चाहिए

दोहरी दृष्टि का हमेशा किसी डॉक्टर द्वारा मूल्यांकन किया जाना चाहिए चाहे वह अस्थायी ही क्यों न हो। जिन लोगों में चेतावनी के संकेत हैं उनका आम तौर से आपात्कालीन विभाग में, डॉक्टर द्वारा तत्काल मूल्यांकन किया जाना चाहिए। दोहरी दृष्टि वाले सभी लोगों को, भले ही वह ठीक हो गई हो, जब भी सुविधाजनक हो, आम तौर से कुछ ही दिनों के भीतर डॉक्टर को दिखाना चाहिए।

डॉक्टर क्या करते हैं

डॉक्टर सबसे पहले व्यक्ति के लक्षण और चिकित्सा इतिहास के बारे में सवाल पूछते हैं। उसके बाद डॉक्टर एक शारीरिक परीक्षण करते हैं। चिकित्सीय इतिहास और शारीरिक परीक्षण के दौरान उन्हें जो मिलता है, वह अक्सर दोहरी दृष्टि के कारण और उन जांचों का संकेत दे देता है जिन्हें किया जाना आवश्यक होता है (देखें तालिका दोहरी दृष्टि के कुछ कारण और लक्षण)।

डॉक्टर जानना चाहते हैं कि क्या दोहरी दृष्टि एक या दोनों आँखों में है और क्या वह स्थिर है या आती-जाती रहती है। वे यह भी पूछते हैं कि क्या छवियाँ अगल-बगल में हैं या एक के ऊपर एक हैं और क्या दोहरी दृष्टि केवल तभी होती है जब व्यक्ति किसी खास दिशा में टकटकी लगाता है। डॉक्टर कहीं भी होने वाले दर्द, माथे या गाल की सुन्नता, चेहरे की कमज़ोरी, वर्टिगो और निगलने या बोलने में आ रही समस्याओं के बारे में पूछते हैं, क्योंकि ये लक्षण किसी क्रैनियल तंत्रिका में हुई समस्या का संकेत हो सकते हैं। डॉक्टर तंत्रिका तंत्र की समस्याओं के अन्य लक्षणों और अन्य विकारों के लक्षणों के बारे में भी पूछते हैं।

शारीरिक जाँच का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा आँखों की जाँच है। डॉक्टर व्यक्ति की दृष्टि की जाँच करते हैं। वे एक या दोनों आँखों के उभरने और पलक के लटकने के लिए भी सावधानी से देखते हैं और जाँचते हैं कि पुतलियाँ प्रकाश के प्रति कैसे प्रतिक्रिया करती हैं। वे आँखों की गतिविधि की जाँच करते हैं जिसके लिए वे व्यक्ति से अपनी उंगली को ऊपर और नीचे लाने और एकदम दायें से एकदम बायें तक ले जाने के दौरान उसका अनुसरण करने के लिए कहते हैं। फिर डॉक्टर आँख की आंतरिक संरचनाओं की जाँच करने के लिए स्लिट लैंप (एक उपकरण जो डॉक्टर को उच्च आवर्धन के साथ आँख की जाँच करने की अनुमति देता है) और ऑफ्थैल्मोस्कोपी का उपयोग करते हैं।

लक्षण और जाँच के निष्कर्ष सबसे अधिक संभावित कारणों के बारे में उपयोगी जानकारी प्रदान कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, अगर दोहरी नज़र की समस्या अक्सर होती है और तंत्रिका तंत्र के कार्यकलाप में गड़बड़ी के अन्य लक्षण मौजूद हैं, तो मायस्थेनिया ग्रेविस और मल्टीपल स्क्लेरोसिस इसके संभावित कारण हो सकते हैं। यदि आँखें एक ही दिशा में नहीं देखती हैं, तो दोहरी दृष्टि की दिशा वाली टकटकी कभी-कभी संकेत देती है कि कौन सी क्रेनियल नाड़ी के कार्यकलाप में गड़बड़ी है।

परीक्षण

एक आँख में दोहरी दृष्टि वाले लोगों को नेत्र रोग विशेषज्ञ (एक मेडिकल डॉक्टर होता है जो आँखों के विकारों के मूल्यांकन और उपचार––सर्जिकल और गैर-सर्जिकल––का विशेषज्ञ होता है) के पास भेजा जाता है। व्यक्ति को रेफर करने से पहले परीक्षणों की जरूरत नहीं होती है। नेत्र रोग विशेषज्ञ व्यक्ति की आँखों की आँख के विकारों के लिए सावधानीपूर्वक जाँच करता है।

दोनों आँखों को प्रभावित करने वाली दोहरी दृष्टि वाले लोगों में, अक्सर अधिक परीक्षणों की जरूरत होती है क्योंकि कई विकार बाइनॉक्युलर दोहरी दृष्टि उत्पन्न कर सकते हैं। जाँचें इस बात पर निर्भर करती है कि डॉक्टरों को इतिहास और शारीरिक जांच के दौरान क्या पता चलता है।

अधिकांश लोगों को आँख के गड्ढे (ऑर्बिट), खोपड़ी, मस्तिष्क या स्पाईनल कॉर्ड की असामान्यताओं का पता लगाने के लिए मैग्नेटिक रेज़ोनैंस इमेजिंग (MRI) या कंप्यूटेड टोमोग्राफी (CT) के साथ इमेजिंग की आवश्यकता होती है। यदि डॉक्टरों को लगता है कि दोहरी दृष्टि का कारण संक्रमण, एन्यूरिज्म, या स्ट्रोक है तो तत्काल इमेजिंग करने की जरूरत हो सकती है।

ग्रेव्स रोग के लक्षणों (जैसे कि आँखों का उभरना, आँखों में दर्द होना, पानी आना और बढ़ी हुई थायरॉइड ग्रंथि) से पीड़ित लोगों में, थायरॉइड परीक्षण (सीरम थायरोक्सिन [T4] और थायरॉइड-स्टिमुलेटिंग हार्मोन [TSH] के स्तर की जाँच) किए जाते हैं। माइएस्थीनिया ग्रैविस और मल्चीपल स्क्लेरोसिस के लिए परीक्षण की जरूरत हो सकती है, खास तौर से यदि दोहरी दृष्टि आती-जाती है।

सभी लोगों को परीक्षण करवाने की जरूरत नहीं होती है। दोहरी दृष्टि के कुछ मामले उपचार के बिना ठीक हो जाते हैं। यदि लक्षण और जाँच के निष्कर्ष किसी भी गंभीर कारण का सुझाव नहीं देते हैं, तो डॉक्टर किसी भी परीक्षण की अनुशंसा करने से पहले व्यक्ति की आँखों की कुछ सप्ताह तक नियमित जाँच करने का सुझाव दे सकते हैं ताकि देखा जा सके कि क्या दृष्टि में सुधार होता है या नहीं।

दोहरी नज़र का इलाज

दोहरी दृष्टि का उपचार करने का सबसे अच्छा तरीका है अंतर्निहित विकार का उपचार करना।

महत्वपूर्ण मुद्दे

  • दोहरी दृष्टि के साथ-साथ अकस्मात या तीव्र दर्द, चोट, या तंत्रिका तंत्र के कार्यकलाप में गड़बड़ी के लक्षणों वाले लोगों को आम तौर से इमरजेंसी विभाग में जाना चाहिए।

  • दोहरी दृष्टि अपने आप ठीक हो सकती है, लेकिन लोगों को फिर भी डॉक्टर को दिखाना चाहिए।

  • जाँच का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है आँखों की जाँच, लेकिन आम तौर से इमेजिंग की जरूरत पड़ती है।