आचरण विकार में व्यवहार की पुनरावृत परिपाटी शामिल होती है जिससे दूसरों के मूलभूत अधिकारों का उल्लंघन होता है।
आचरण विकार से पीड़ित बच्चे स्वार्थी और दूसरे की भावनाओं के प्रति असंवेदनशील होते हैं और वे धमकाने का काम कर सकते हैं, सम्पत्ति को नुकसान पहुंचा सकते हैं, झूठ बोल सकते हैं और बिना अपराध बोध के चोरी कर सकते हैं।
बच्चे के व्यवहार के आधार पर डॉक्टर निदान करते हैं।
मनोचिकित्सा से सहायता मिल सकती है, लेकिन बच्चों को समस्या वाले माहौल से हटाकर तथा एक कड़ा अवसंरचित परिवेश, जैसे मानसिक स्वास्थ्य संगठन आदि प्रदान करके सबसे ज़्यादा प्रभावी उपचार हो सकता है।
बच्चों में सामान्य व्यवहार में भिन्नता होती है। कुछ बच्चे दूसरों की तुलना में अच्छा व्यवहार करते हैं। आचरण विकार का निदान केवल तभी किया जाता है जब बच्चे बार-बार तथा निरन्तर नियमों और दूसरों के अधिकारों का उल्लंघन इस तरह से करते हैं जो उनकी आयु के अनुसार तौर तरीकों की तुलना में अनुचित होता है।
आचरण विकार की शुरुआत आमतौर पर बालावस्था की समाप्ति या प्रारम्भिक किशोरावस्था में होती है तथा यह लड़कियो की तुलना में लड़कों में अधिक आम होता है।
संभवतः आनुवंशिकता और पर्यावरण आचरण विकार के विकास को प्रभावित करते हैं। अक्सर बच्चों के माता-पिता में मानसिक स्वास्थ्य विकार होते हैं, जैसे नशीले तत्वों का प्रयोग, अटेंशन डेफिसिट/हाइपरएक्टिविटी विकार, मनोदशा विकार, सीज़ोफ़्रेनिया, या समाजविरोधी व्यक्तित्व विकार। हालाँकि, प्रभावित बच्चे ऐसे स्वस्थ परिवारों से हो सकते है, जो ठीक नज़र आते हैं।
आचरण विकार के लक्षण
आमतौर पर, आचरण विकार से पीड़ित बच्चों में निम्नलिखित विशेषताएं होती हैं:
वे स्वार्थी होते हैं।
वे दूसरों से भली-भांति घुलते-मिलते नहीं हैं।
उनमें अपराध बोध की उचित संवेदनशीलता नहीं होती है।
वे दूसरों की संवेदनाओं और कल्याण के प्रति असंवेदनशील होते हैं।
वे दूसरों के व्यवहार का गलत आंकलन करने की प्रवृति रखते हैं और वे आक्रामक रूप से प्रतिक्रिया करते हैं।
वे धमकी देने वाले, डराने वाले और बार-बार झगड़ने वाले हो सकते हैं।
वे पशुओं के प्रति निर्दयी हो सकते हैं।
वे सम्पत्ति को क्षति पहुंचाने वाले, खास तौर पर आग लगाने में शामिल हो सकते हैं।
वे झूठ बोल सकते हैं अथवा चोरी कर सकते हैं।
आचरण विकार से लड़के और लड़कियाँ अलग-अलग प्रभावित होते हैं। इस बात की संभावना कम होती है कि लड़कियाँ शारीरिक रूप से आक्रामक हो सकती हैं। इसके बजाए, लड़कियों में भाग जाने, झूठ बोलने, या कभी-कभी वेश्यावृत्ति में शामिल होने का रूझान पाया जाता है। लड़के लड़ाई करने, चोरी करने और तोड़-फोड़ करने की प्रवृति रखते हैं। व्यवहार के विकार वाले लोगों द्वारा अवैध नशीले तत्वों का उपयोग करने की संभावना होती है। (किशोरों में व्यवहार संबंधी समस्याएँ और नशीले पदार्थों के उपयोग के विकार भी देखें।)
गंभीर रूप से नियमों का उल्लंघन करना आम होता है और घर से भाग जाना शामिल होता है और स्कूल से बार-बार अनुपस्थित रहना शामिल होता है। इस बात की संभावना होती है कि बच्चे अवैध दवाओं का प्रयोग तथा दुरूपयोग करेंगे और उनको स्कूल में परेशानियाँ होंगी। आत्महत्या के विचार आ सकते हैं और बच्चे की सुरक्षा के लिए उन पर गंभीरता से ध्यान दिया जाना चाहिए।
आचरण विकारों से पीड़ित बच्चों को दूसरे विकार भी हो सकते हैं, जैसे डिप्रेशन, अटेंशन डेफिसिट/हाइपरएक्टिविटी विकार या शिक्षण विकार।
लगभग दो तिहाई बच्चे वयस्क होने तक अनुचित व्यवहार को रोक देते हैं। जब आचरण विकार की शुरुआत होती है और बच्चा अभी छोटा है, तो इस बात की अधिक संभावना होती है कि यह व्यवहार जारी रहेगा। यदि यह व्यवहार वयस्क होने तक बना रहता है, तो लोगों को अक्सर कानूनी समस्या का सामना करना पड़ता है, वे बार-बार दूसरों के अधिकारों का उल्लंघन करते हैं, और अकसर उनका निदान समाज विरोधी व्यक्तित्व विकार से किया जाता है। इनमें से कुछ वयस्क मनोदशा, चिंता या अन्य मानसिक स्वास्थ्य विकारों को विकसित कर लेते हैं।
आचरण विकार का निदान
डॉक्टर या व्यवहार संबंधी स्वास्थ्य विशेषज्ञ से मुलाकात
बच्चे के व्यवहार की जानकारी (अक्सर किसी अभिभावक या शिक्षक द्वारा)
बच्चे के व्यवहार के आधार पर डॉक्टर आचरण विकार का निदान करते हैं। लक्षण या व्यवहार अवश्य ही इतना परेशानीकारक होना चाहिए जिससे रिश्तों में, स्कूलों में, या कार्य स्थल पर कार्यकरण बाधित होता है।
सामाजिक परिवेश पर भी विचार किया जाता है। यदि दुराचार विकार बहुत अधिक तनावयुक्त परिवेश (जैसे युद्ध से बरबाद क्षेत्र या नागरिक अशांति वाले क्षेत्र) के कारण विकसित होता है, तो इसे आचरण विकार नहीं माना जाता है।
डॉक्टर किसी अन्य मानसिक स्वास्थ्य या बच्चों में संभवतः शिक्षण विकार की भी पहचान करने की कोशिश करते हैं।
आचरण विकार का उपचार
अक्सर, बच्चों को उनके संघर्षपूर्ण माहौल से अलग करके कड़ी अवसंरचित व्यवस्था में ले जाना
मनश्चिकित्सा
आचरण विकार का उपचार बहुत ही मुश्किल कार्य है क्योंकि आचरण विकार से पीड़ित बच्चे और किशोर बहुत कम बार यह मानते हैं कि उनका व्यवहार गलत है। इस प्रकार, उनको डांटने या बेहतर व्यवहार करने के लिए कहने से सहायता नहीं मिलती है और इससे बचा जाना चाहिए। अक्सर, गंभीर रूप से परेशान बच्चों या किशोरों के लिए सबसे सफल उपचार उन्हें परेशानी वाले माहौल से अलग करना और मानसिक स्वास्थ्य या किशोर सुधार गृह जैसी कठोर संरचित व्यवस्था प्रदान करना है।
मनोचिकित्सा से बच्चे के आत्म स्वाभिमान और स्व-नियंत्रण में सुधार हो सकता है, और इस प्रकार वे अपने व्यवहार को बेहतर नियंत्रित करने में समर्थ हो सकते हैं।
अन्य विकार, यदि मौजूद हैं, तो उनका उपचार किया जाता है। किसी हद तक कुछ दवाएँ प्रभावी साबित हो सकती हैं, विशेष रूप से यदि बच्चों को कुछ अन्य विकार भी हैं, जैसे अटेंशन डेफिसिट/हाइपरएक्टिविटी विकार या डिप्रेशन। इस प्रकार के विकारों के उपचार से आचरण विकार के लक्षणों को कम करने में मदद मिलती है। शिक्षण विकारों के लिए सर्वाधिक उपयोगी उपचार शिक्षा है जिसे सावधानी से प्रत्येक बच्चे के लिए तैयार किया जाता है।