लिम्फ़ाडेनाइटिस

इनके द्वाराWingfield E. Rehmus, MD, MPH, University of British Columbia
द्वारा समीक्षा की गईBrenda L. Tesini, MD, University of Rochester School of Medicine and Dentistry
समीक्षा की गई/बदलाव किया गया जून २०२३ | संशोधित जुल॰ २०२५
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लिम्फ़ाडेनाइटिस एक या अधिक लसीका ग्रंथियों का संक्रमण है जिनमें आम तौर पर सूजन हो जाती है और छूने मात्र से दर्द होता है।

(त्वचा के जीवाणु संक्रमणों का विवरण भी देखें।)

लसीका ऐसा फ़्लूड होता है, जिसे शरीर की सबसे छोटी रक्त वाहिकाएँ स्रावित करती हैं और यह फ़्लूड शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र का हिस्सा होता है। यह फ़्लूड कोशिकाओं के बीच में से होकर गुजरता है और पोषण प्रदान करता है, साथ ही यह क्षतिग्रस्त कोशिकाओं, कैंसर कोशिकाओं और संक्रामक सूक्ष्मजीवों जैसे पदार्थों को बहाकर ले जाता है। सारी लिंम्फ़, लिम्फ़ैटिक वाहिकाओं से गुज़रकर महत्वपूर्ण स्थानों पर मौजूद लसीका ग्रंथियों में पहुंचती हैं। लसीका ग्रंथि और लसीका ग्रंथि में उपस्थित विशिष्टीकृत श्वेत रक्त कोशिकाएँ, शरीर से इन पदार्थों और बाहरी पदार्थों को हटाने का काम करती हैं। (लिम्फ़ैटिक तंत्र: संक्रमण से बचाने वाला तंत्र चित्र देखें।)

लिम्फ़ाडेनाइटिस लगभग हमेशा ही किसी संक्रमण के कारण होता है, जो किसी जीवाणु, विषाणु, परजीवी या फ़ंगस के कारण हो सकता है। आम तौर पर, संक्रमण त्वचा, कान, नाक या आंख के संक्रमण से या इन्फ़ेक्शियस मोनोन्यूक्लियोसिस, साइटोमेगालोवायरस संक्रमण, स्ट्रेप्टोकोकल संक्रमण, ट्यूबरक्लोसिस या सिफलिस जैसे संक्रमणों से लसीका ग्रंथि तक फैलता है। यह संक्रमण कई लसीका ग्रंथियों को भी प्रभावित कर सकता है या शरीर के केवल किसी एक स्थान विशेष के लसीका ग्रंथियों को भी।

लिम्फ़ाडेनाइटिस के लक्षण

संक्रमित लसीका ग्रंथियों का साइज़ बढ़ जाता है और आम तौर पर उनमें छूने मात्र से भी दर्द होता है और दर्द रहता है। कभी-कभी, संक्रमित ग्रंथियों के ऊपर की त्वचा सूज जाती है, लाल दिखती है और गर्म महसूस होती है। कुछ लोगों में सेल्युलाइटिस हो सकता है। आम तौर पर लोगों को बुखार होता है। कभी-कभी, मवाद से भरे बंद स्थान (फोड़े) उत्पन्न हो जाते हैं।

लसीका ग्रंथियों का आकार में बढ़ना, लेकिन उनमें दर्द, छूने में मुलायम होना या लालिमा का न होना किसी दूसरे गंभीर विकार, जैसे लिम्फ़ोमा का संकेत हो सकता है। ऐसे लसीका ग्रंथियों की डॉक्टरी जांच ज़रूरी होती है।

लिम्फ़ाडेनाइटिस
विवरण छुपाओ

इस फोटो में एक बच्चे में सूजी हुई लसीका ग्रंथियां (लिम्फ़ाडेनाइटिस) देखी जा सकती हैं।

© Springer Science+Business Media

लिम्फ़ाडेनाइटिस का निदान

  • एक डॉक्टर का मूल्यांकन

  • कभी-कभी एस्पिरेशन और कल्चर या ऊतक बायोप्सी

आम तौर पर, लिम्फ़ाडेनाइटिस का निदान लक्षणों से किया जा सकता है और उसका कारण आस-पास मौजूद कोई स्पष्ट संक्रमण होता है।

जब कारण की पहचान आसान न हो, तो डॉक्टर लसीका ग्रंथियों में नीडल घुसाकर फ़्लूड निकालते हैं (एस्पाइरेशन)। फ़्लूड के नमूने को कल्चर के लिए लैबोरेटरी भेजा जाता है (नमूने को कल्चर मीडियम में रखा जाता है और वह मीडियम, सूक्ष्मजीवों को पनपने देता है)। कल्चर से संक्रमण के लिए जिम्मेदार जीव की पहचान हो सकती है। या फिर, डॉक्टर बायोप्सी (लसीका ग्रंथि का एक टुकडा़ निकालकर माइक्रोस्कोप से उसकी जांच) कर सकते हैं।

प्रयोगशाला परीक्षण

लिम्फ़ाडेनाइटिस का इलाज

  • एंटीबायोटिक्स

लिम्फ़ाडेनाइटिस का इलाज संक्रमण के लिए जिम्मेदार जीव पर निर्भर करता है। बैक्टीरियल संक्रमण के लिए, आम तौर पर शिरा से (इंट्रावीनस) या मुंह से एंटीबायोटिक दी जाती है। फ़ंगल या परजीवी संक्रमणों के लिए दी जाने वाली अन्य दवाएँ।

गर्म व गीली सिंकाई या पट्टियों से सूजी हुई लसीका ग्रंथियों के दर्द से राहत मिल सकती है। आम तौर पर, संक्रमण का इलाज हो जाने पर, लसीका ग्रंथियां धीरे-धीरे सिकुड़ जाती हैं और दर्द चला जाता है। कभी-कभी, बढ़े साइज़ वाली ग्रंथियां ठोस बनी रहती हैं पर उनमें छूने मात्र से दर्द होना बंद हो जाता है।

फोड़ों से सर्जरी द्वारा मवाद निकालना ज़रूरी होता है और लोगों को इंट्रावीनस एंटीबायोटिक्स दी जाती हैं। बच्चों में इंट्रावीनस एंटीबायोटिक्स की आम तौर पर ज़रूरत पड़ती है।

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