त्वचा जीवाणु संक्रमणों के विरुद्ध एक बहुत अच्छी बाधा का काम करती है। हालांकि बहुत से बैक्टीरिया त्वचा के संपर्क में आते हैं या उस पर रहते हैं, पर वे आम तौर पर संक्रमण पैदा नहीं कर पाते हैं। जब जीवाणु संक्रमण होते हैं तो उनका साइज़ छोटे से धब्बे से लेकर शरीर की पूरी सतह जितना बड़ा हो सकता है। उनकी गंभीरता भी अलग-अलग होती है और वे हानिरहित से लेकर जानलेवा तक हो सकते हैं।
त्वचा के जीवाणु संक्रमण तब होते हैं जब बैक्टीरिया हेयर फ़ॉलिकल के ज़रिए या त्वचा में खरोंचों, छेदों, सर्जरी, जलने, धूप से झुलसने, किसी पशु या कीड़े के काटने, घाव, और पहले से मौजूद त्वचा विकारों के कारण बनी छोटी-छोटी दरारों के ज़रिए प्रवेश कर जाते हैं। लोगों को विभिन्न प्रकार की गतिविधियों में भाग लेने के बाद त्वचा के जीवाणु संक्रमण हो सकते हैं, जैसे दूषित मिट्टी में बाग़बानी करना, या किसी दूषित तालाब, झील, या महासागर में तैरना।
त्वचा के जीवाणु संक्रमणों का वर्गीकरण
कुछ संक्रमण केवल त्वचा में होते हैं, और अन्य संक्रमण त्वचा के नीचे कोमल ऊतकों तक भी चले जाते हैं। अपेक्षाकृत मामूली संक्रमणों में शामिल हैं
छोटे त्वचा ऐब्सेस (त्वचा में मवाद से भरे बंद-स्थान)
त्वचा के अधिक गंभीर जीवाणु संक्रमणों और त्वचा संरचना के संक्रमणों में शामिल हैं
बड़े त्वचा ऐब्सेस
घाव के संक्रमण
स्टेफिलोकोकल स्केल्ड स्किन सिंड्रोम, स्कार्लेट बुखार और टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम जीवाणु संक्रमण के त्वचा संबंधी परिणाम हैं।
त्वचा के जीवाणु संक्रमण होने के कारण
कई प्रकार के बैक्टीरिया त्वचा को संक्रमित कर सकते हैं। सबसे आम हैं स्टेफ़ाइलोकोकस और स्ट्रेप्टोकोकस।
मेथिसिलिन-प्रतिरोधी स्टेफ़ाइलोकोकस ऑरियस (जिसे MRSA भी कहते हैं) संयुक्त राज्य अमेरिका में त्वचा में संक्रमण पैदा करने वाला एक आम बैक्टीरिया है। MRSA पर आम तौर पर प्रयोग होने वाली कई एंटीबायोटिक्स का प्रभाव नहीं होता है क्योंकि यह ऐसे कई आनुवंशिक बदलाव से गुज़र चुका है जो इसे कुछ एंटीबायोटिक्स के संपर्क में आने के बावजूद ज़िंदा बचे रहने की क्षमता देते हैं। चूंकि MRSA कई एंटीबायोटिक्स के लिए प्रतिरोधी है जिसे इसे मारने के लिए इस्तेमाल किया जाता था, अतः डॉक्टर अपने उपचार को इस आधार पर अनुकूल बनाते हैं कि स्थानीय क्षेत्र में MRSA कितने बार मिला है और आम तौर पर प्रयोग होने वाली एंटीबायोटिक्स का उस पर प्रभाव होता पाया गया है या नहीं।
त्वचा के जीवाणु संक्रमणों के जोखिम कारक
कुछ लोग त्वचा संक्रमण होने के विशेष जोखिम में होते हैं:
डायबिटीज वाले लोग, जिनमें रक्त प्रवाह (विशेष रूप से हाथों और पैरों में) खराब होने की संभावना होती है, उनके रक्त में शर्करा (ग्लूकोज़) का उच्च स्तर होता है, जिससे संक्रमण से लड़ने की उनकी क्षमता कम हो जाती है
वे लोग जो अस्पताल में भर्ती हैं या किसी नर्सिंग होम में रह रहे हैं
जिन लोगों की आयु अधिक है
वे लोग जो ह्यूमन इम्यूनोडिफिशिएंसी वायरस (HIV), एड्स या अन्य प्रतिरक्षा विकारों, या हैपेटाइटिस से ग्रस्त हैं
वे लोग जो कीमोथेरेपी करवा रहे हैं या प्रतिरक्षा तंत्र को दबाने वाली अन्य दवाओं से उपचार करा रहे हैं
सूजे हुए या क्षतिग्रस्त त्वचा में संक्रमण होने का अधिक जोखिम होता है। असल में, त्वचा के कोई भी कटने-फटने या दरार से व्यक्ति में संक्रमण होने की संभावना बढ़ जाती है।
त्वचा के जीवाणु संक्रमणों का उपचार
एंटीबायोटिक्स
फोड़े को सुखाना
यदि त्वचा पर कोई मामूली संक्रमण हो जाए तो एंटीबायोटिक ऑइंटमेंट प्रयोग किया जाता है। यदि त्वचा का बड़ा भाग संक्रमित हो गया हो तो मुंह से या इंजेक्शन से ली जाने वाली एंटीबायोटिक्स भी ज़रूरी हो सकती हैं।
ऐब्सेस को डॉक्टर द्वारा काटकर खोला जाना चाहिए और मवाद बहने देना चाहिए, और जो भी मृत ऊतक हो उसे सर्जरी से हटाया जाना चाहिए।
त्वचा के जीवाणु संक्रमणों की रोकथाम
त्वचा को साबुन व पानी से साफ़ करना
त्वचा के जीवाणु संक्रमणों की रोकथाम के लिए त्वचा को क्षतिमुक्त और साफ़ रखना ज़रूरी होता है। जब त्वचा कट या खुरच जाए, तो चोट को साबुन व पानी से धोना चाहिए और किसी स्टेराइल बैंडेज से ढक देना चाहिए।
ऊतकों को नम रखने और जीवाणु की घुसपैठ रोकने की कोशिश के लिए खुले स्थानों पर पेट्रोलेटम लगाया जा सकता है। डॉक्टर सुझाते हैं कि लोग असंक्रमित मामूली घावों पर एंटीबायोटिक ऑइंटमेंट (चाहे प्रिस्क्रिप्शन पर मिलता हो या बिना प्रिस्क्रिप्शन) का उपयोग न करें क्योंकि ऐसा करने से एंटीबायोटिक से एलर्जी होने का जोखिम रहता है।