फ़ॉलिकुलाइटिस और त्वचा में ऐब्सेस

इनके द्वाराWingfield E. Rehmus, MD, MPH, University of British Columbia
समीक्षा की गई/बदलाव किया गया जून २०२३ | संशोधित सित॰ २०२३

फ़ॉलिकुलाइटिस और त्वचा में फोड़े, त्वचा में मवाद से भरे बंद स्थान होते हैं जो जीवाणु संक्रमण से होते हैं। वे सतह पर या गहरे हो सकते हैं, और वे मात्र हेयर फ़ॉलिकल को या त्वचा की गहराई में मौजूद संरचनाओं को प्रभावित कर सकते हैं।

(त्वचा के जीवाणु संक्रमणों का विवरण भी देखें।)

फ़ॉलिकुलाइटिस त्वचा में एक प्रकार का छोटा ऐब्सेस है जिसमें हेयर फ़ॉलिकल शामिल होता है। अन्य प्रकार के ऐब्सेस त्वचा की सतह पर और त्वचा की गहराई में मौजूद संरचनाओं, दोनों में हो सकते हैं और उनमें हमेशा ही कोई हेयर फ़ॉलिकल शामिल होना ज़रूरी नहीं है।

त्वचा में ऐब्सेस अधिकतर स्टेफ़ाइलोकोकस ऑरियस नामक बैक्टीरिया से होते हैं और त्वचा की सतह पर मवाद से भरे बंद स्थान के रूप में दिखते हैं। स्टेफ़ाइलोकोकस का एक ऐसा स्ट्रेन, जिस पर पूर्व में प्रभावी एंटीबायोटिक्स का प्रभाव नहीं पड़ता है, इसका एक काफ़ी आम कारण बन चुका है। इस स्ट्रेन को मेथिसिलिन-प्रतिरोधी स्टेफ़ाइलोकोकस ऑरियस (MRSA) कहते हैं।

कभी-कभी बैक्टीरिया किसी हेयर फ़ॉलिकल, छोटी सी खरोंच, या छेद के ज़रिए त्वचा में प्रवेश कर जाते हैं, हालांकि अक्सर कोई स्पष्ट प्रवेश बिंदु नहीं होता है। जो लोग भीड़-भाड़ वाली जगहों पर रहते हैं, जिनकी साफ़-सफ़ाई की आदतें अच्छी नहीं होती हैं, जो त्वचा के क्रोनिक विकारों से ग्रस्त होते हैं या जिनकी नाक के मार्गों में स्टेफ़ाइलोकोकस होता है, उनमें फ़ॉलिकुलाइटिस या त्वचा में फ़ोड़ा बनने की ज़्यादा संभावना होती है। कमज़ोर प्रतिरक्षा तंत्र, मोटापा, बुढ़ापा, और संभवतः डायबिटीज़ भी आम जोखिम कारक हैं। कुछ लोगों में अज्ञात कारण से बार-बार संक्रमण होता है।

जिन लोगों में बार-बार संक्रमण होने की अधिक संभावना होती है, उन्हें डॉक्टर पूरे शरीर को जीवाणुरोधी साबुन से धोने, नाक के अंदर जहाँ जीवाणु छिप सकते हैं, वहाँ एंटीबायोटिक ऑइंटमेंट लगाने और मुंह से दी जाने वाली एंटीबायोटिक्स लेने का निर्देश देते हैं, ताकि उनमें से स्टेफ़ाइलोकोकस को ख़त्म करने की कोशिश की जा सके।

फ़ॉलिकुलाइटिस

फ़ॉलिकुलाइटिस, हेयर फ़ॉलिकल का संक्रमण है। यह बाल के आधार पर एक नन्हे से लाल या सफ़ेद मुंहासे जैसा दिखता है। इसमें एक संक्रमित फ़ॉलिकल भी हो सकता है और कई भी। हर संक्रमित फ़ॉलिकल में खुजली या थोड़ा दर्द होता है, पर वैसे व्यक्ति को अस्वस्थता महसूस नहीं होती है।

कुछ लोगों में, ख़राब ढंग से क्लोरीनीकृत किए गए हॉट टब या वर्लपूल के संपर्क में आने के बाद फ़ॉलिकुलाइटिस हो जाता है। यह स्थिति, जिसे कभी-कभी “हॉट टब फ़ॉलिकुलाइटिस” या “हॉट टब डर्माटाईटिस” कहते हैं, स्यूडोमोनास एरुजिनोसा नामक बैक्टीरिया से होती है। यह संपर्क के बाद 6 घंटे से 5 दिन के बीच कभी-कभी शुरू हो जाती है। त्वचा के वे भाग इसके सबसे आम स्थान हैं जो बाथिंग सूट से ढके होते हैं, जैसे धड़ और कूल्हे।

कुछ लोगों में नमी और घर्षण के संपर्क में आने वाले स्थानों, जैसे खेलकूद के उपकरणों के नीचे रहने वाले स्थानों में या कूल्हों पर हल्का फ़ॉलिकुलाइटिस हो जाता है।

संक्रमित बाल आसानी से झड़ जाते हैं या खींचकर तोड़े जा सकते हैं, लेकिन नए मुंहासे बनते रहते हैं।

कभी-कभी दाढ़ी के कठोर बाल (या ऐसे किसी भी स्थान के कठोर बाल जिसकी शेविंग की जाती है) शेविंग के बाद मुड़कर त्वचा में फिर से प्रवेश कर जाते हैं (अंदर की ओर उगे बाल), जिससे हल्की उत्तेजना और सूजन होते हैं। हालांकि, इसमें कोई वास्तविक संक्रमण नहीं होता है। इस प्रकार के फ़ॉलिकुलाइटिस को स्यूडोफ़ॉलिकुलाइटिस बार्बी कहा जाता है।

गंभीर और बार-बार होने वाले फ़ॉलिकुलाइटिस के लिए, डॉक्टर जीवाणु कल्चर ले सकते हैं (मवाद का एक नमूना लैबोरेटरी में भेजा जाता है जहां उसे कल्चर मीडियम में रखा जाता है; यह सूक्ष्मजीवों को पनपने देता है)। कल्चर के परिणामों के आधार पर एंटीबायोटिक चुनी जाती है।

फ़ॉलिकुलाइटिस का इलाज एंटीबैक्टीरियल क्लींज़र या सीधे त्वचा पर लगाई जाने वाली एंटीबायोटिक्स (टॉपिकल दवाओं) से किया जाता है। अगर फ़ॉलिकुलाइटिस बड़े भाग पर है, तो मुंह से ली जाने वाली एंटीबायोटिक्स ज़रूरी हो सकती हैं।

हॉट टब फ़ॉलिकुलाइटिस बिना किसी इलाज के एक हफ़्ते में ठीक हो जाता है। हालांकि, इसे बार-बार होने से रोकने और दूसरों को संक्रमण से बचाने के लिए हॉट टब या वर्लपूल का ठीक से क्लोरीनीकरण ज़रूरी है।

(अंदर की ओर उगे बालों से होने वाले) फ़ॉलिकुलाइटिस के इलाज की कई अलग-अलग विधियाँ हैं, जिनकी सफलता की दर अलग-अलग है। व्यक्ति को कुछ समय शेविंग रोकनी पड़ सकती है।

प्रयोगशाला परीक्षण

त्वचा में फोड़े

त्वचा के फोड़े गर्म, दर्दनाक, त्वचा की सतह के नीचे मवाद से भरे संक्रमण के पॉकेट होते हैं जो शरीर की किसी भी सतह पर हो सकते हैं। ये आम तौर पर लाल रंग के और उभरे हुए होते हैं। फोड़े एक से कई इंच चौड़े हो सकते हैं।

फ़रंकल और कारबंकल त्वचा के फोड़ों के प्रकार हैं।

फ़रंकल (फोड़े) छूने मात्र से दर्द करने वाले, छोटे और अधिक सतही फोड़े होते हैं, जिनमें हेयर फ़ॉलिकल और आस-पास के ऊतक शामिल होते हैं। फ़रंकल गर्दन, स्तनों, चेहरे और कूल्हों पर आम होते हैं। वे तकलीफ़देह होते हैं और संवेदनशील स्थानों में (जैसे, नाक, कान या अंगुलियों पर) विशेष रूप से अधिक दर्दयुक्त हो सकते हैं।

त्वचा के फोड़ों के उदाहरण
ऐब्सेस
ऐब्सेस
फुरुनकल (फोड़ा)
फुरुनकल (फोड़ा)

इस तस्वीर में फ़रंकल (छाला) एक कोमल, सूजा हुआ, मवाद से भरा क्षेत्र है।

तस्वीर थॉमस हबीफ, MD द्वारा प्रदान की गई है।

भौंहों के नीचे फुरुनकल
भौंहों के नीचे फुरुनकल

इस महिला की भौंहों के नीचे लाल, सूजा हुआ छाला है।

DermPics/SCIENCE PHOTO LIBRARY

कारबंकल
कारबंकल

इस फोटो में गर्दन के पीछे मौजूद कारबंकल देखा जा सकता है। यह आपस में जुड़े फ़रंकलों के गुच्छे से बनता है, जो दर्दयुक्त, मवाद से भरे और सूजे हुए हेयर फ़ॉलिकल होते हैं।

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SCIENCE PHOTO LIBRARY

कारबंकल, फ़रंकलों के गुच्छे होते हैं जो त्वचा की सतह के नीचे एक-दूसरे से जुड़े होते हैं।

अगर इलाज न किया जाए, तो अक्सर फोड़ों का मुंह बन जाता है जिसके बाद वे फूट जाते हैं और उनसे एक क्रीमी सफ़ेद या गुलाबी फ़्लूड निकलने लगता है। बैक्टीरिया फोड़े से आस-पास के ऊतक और लसीका ग्रंथियों तक फैलकर उन्हें संक्रमित कर सकते हैं। व्यक्ति को बुखार आ सकता है और वह सामान्य रूप से अस्वस्थ महसूस करता है।

डॉक्टर त्वचा के फोड़ों के स्वरुप के आधार पर उनका निदान करते हैं। कभी-कभी डॉक्टर बैक्टीरिया की पहचान करने के लिए मवाद के नमूने लैबोरेटरी को भेजते हैं (इसे कल्चर कहा जाता है)।

त्वचा पर होने वाले फोड़े अपने आप ठीक हो सकते हैं और गर्माहट वाले दवाब उनके ठीक होने की प्रक्रिया में तेज़ी ला सकते हैं। या फिर, डॉक्टर फोड़े को काटकर उसका मवाद बहाकर उसका इलाज करते हैं। फोड़े से मवाद निकाल देने के बाद, डॉक्टर यह सुनिश्चित करते हैं कि सारा मवाद निकल गया हो और वे कभी-कभी उस स्थान को सलाइन घोल से धोते हैं। 5 सेंटीमीटर (लगभग 2 इंच) से बड़े फोड़ों को अस्थायी रूप से गॉज़ से पैक करने की ज़रूरत पड़ सकती है।

अगर फोड़े में से मवाद पूरी तरह निकल गया हो, तो एंटीबायोटिक्स की ज़रूरत आमतौर पर नहीं पड़ती है। हालांकि, निम्नलिखित कारणों से मुंह से ली जाने वाली एंटीबायोटिक्स दी जा सकती हैं:

  • फोड़ा मवाद निकालने से ठीक न हुआ हो।

  • व्यक्ति का प्रतिरक्षा तंत्र कमज़ोर हो।

  • संक्रमण आस-पास की त्वचा में फैल चुका हो (सेल्युलाइटिस)।

  • व्यक्ति के शरीर पर कई फोड़े हों।

  • व्यक्ति में हृदय संक्रमण (एन्डोकार्डाइटिस) होने का जोखिम हो।

  • फोड़ा चेहरे के मध्य भाग पर हो।

  • व्यक्ति को बुखार हो।

जिन लोगों की त्वचा पर बार-बार फोड़े होते हैं, वे अपनी त्वचा को विशेष एंटीसेप्टिक दवाओं से युक्त लिक्विड साबुन से धो सकते हैं और 1 से 2 माह तक एंटीबायोटिक्स ले सकते हैं।

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