सांस की घरघराहट के कुछ कारण और विशेषताएं

कारण

सामान्य विशेषताएं*

परीक्षण†

तीव्र ब्रोंकाइटिस

खांसी

कभी-कभी श्वसन तंत्र के ऊपरी हिस्से में संक्रमण के लक्षण (जैसे नाक का भरा होना)

आमतौर पर फेफड़े के विकार का कोई ज्ञात इतिहास नहीं होता है

डॉक्टर की जांच

एलर्जी प्रतिक्रियाएं

अचानक शुरू होने वाली सांस की घरघराहट, जो आमतौर पर पराग-कणों जैसे ज्ञात या संभावित एलर्जिन के संपर्क में आने के 30 मिनट के अंदर शुरू होती है

नाक का अक्सर भरा हुआ रहना, पित्ती, आँखों में खुजली और छींक आना

डॉक्टर की जांच

अस्थमा

आमतौर पर परिवार में पहले अस्थमा होना

सांस की घरघराहट जो अचानक या विशिष्ट उत्तेजना के संपर्क में आने के बाद शुरू होती है (जैसे पराग कण या एलर्जी के अन्य कारक, श्वसन तंत्र के ऊपरी भाग का संक्रमण, ठंड या व्यायाम)

डॉक्टर की जांच

कभी-कभी नीचे दिए गए परीक्षणों में से एक या अधिक होना:

  • यह मूल्यांकन करने के लिए परीक्षण करना कि फेफड़े कितनी अच्छी तरह काम कर रहे हैं (पल्मोनरी फ़ंक्शन का परीक्षण)

  • हवा के अधिकतम प्रवाह का मापन (हवा को कितनी तेजी से बाहर निकाला जा सकता है)

  • कसरत करने से पहले और बाद में फेफड़े की गतिविधि का मापन करना या मीथेकोलीन देना (ऐसी दवाई, जिससे वायुमार्ग संकरा हो जाता है)

  • कभी-कभी ब्रोंकोडाइलेटर्स (ऐसी दवाएँ, जिनसे वायुमार्ग चौड़ा हो जाता है) का उपयोग यह देखने के लिए किया जाता है कि क्या इससे लक्षण समाप्त हो जाते हैं

ब्रोन्कियोलाइटिस (श्वसन तंत्र के ट्रैक्ट के निचले हिस्से का संक्रमण)

18 महीने से कम उम्र के बच्चों में

आमतौर पर यह उत्तरी गोलार्ध में नवंबर से अप्रैल तक होता है

आमतौर पर श्वसन तंत्र के ऊपरी भाग के संक्रमण के लक्षण (जैसे नाक का भरा होना और बुखार) और तेज़ी से सांस लेना

डॉक्टर की जांच

COPD का उभरना

मध्यम आयु वर्ग के या अधिक उम्र के लोगों में

जिन लोगों में पहले से COPD मौजूद है

आमतौर पर बहुत अधिक धूम्रपान करने का इतिहास

सांस लेने में परेशानी होना

सीने का एक्स-रे

कोई ऐसी बाहरी चीज़, जिसे सांस ले लिया गया है

श्वसन तंत्र के ऊपरी भाग का संक्रमण, बुखार, या बीमारी के अन्य किसी भी लक्षणों के बिना लोगों (आमतौर पर शिशुओं या छोटे बच्चों) में सांस की घरघराहट या खांसी अचानक शुरू होना

छाती का एक्स-रे या छाती का CT

ब्रोंकोस्कोपी

पेट की सामग्री का बार-बार ऊपर उठकर बार-बार फेफड़ों में आने के साथ GERD (क्रोनिक एस्पिरेशन)

क्रोनिक या बार बार होने वाली सांस की घरघराहट

सीने में अक्सर जलन होना (हार्टबर्न) या पेट में होने वाला ऐसा दर्द, जो कोई खाद्य पदार्थ खाने के बाद, व्यायाम करते समय या सीधे लेटने पर बढ़ जाता है

मुंह में खट्टा स्वाद होना, खासतौर से जागने के बाद

गला बैठना

ऐसी खांसी, जो रात की मध्य अवधि में या एकदम सुबह के समय होती है

श्वसन तंत्र के ऊपरी भाग का संक्रमण या एलर्जी का कोई लक्षण नहीं

कभी-कभी केवल डॉक्टर द्वारा परीक्षण

कभी-कभी यह देखने के लिए कि लक्षण गए या नहीं, ऐसी दवाइयों का इस्तेमाल, जो एसिड को कम करती हैं, जैसे कि हिस्टामाइन-2 (H2) ब्लॉकर या प्रोटोन पंप इन्हिबिटर का इस्तेमाल करना

कभी-कभी इसोफ़ेगस और पेट (एंडोस्कोपी) में एक लचीली व्यूइंग ट्यूब डालना

कभी-कभी 24 घंटे के लिए अम्लता (pH) की निगरानी के लिए इसोफ़ेगस में सेंसर लगाना

ह्रदय की विफलता (हार्ट फैल्योर)

अक्सर पैरों में सूजन (एडिमा) होना

सांस की ऐसी तकलीफ़, जो लेटने पर बढ़ जाती है या सोने के 1-2 घंटे बाद दिखाई देती है

स्टेथोस्कोप के ज़रिए सुनाई देने वाली आवाज़ों से फेफड़ों में फ़्लूड का पता चलता है

सीने का एक्स-रे

कभी-कभी किसी ब्रेन नैट्रियूरेटिक पेप्टाइड (BNP) नामक पदार्थ को मापने के लिए रक्त परीक्षण करना, जो हृदय पर दबाव पड़ने पर बनता है

कभी-कभी ईकोकार्डियोग्राफ़ी

ऐसे इरिटेंट्स, जिन्हें सांस द्वारा लिया जाता है

सांस की ऐसी घरघराहट जो कार्यस्थल पर उत्तेजना पैदा करने वाले तत्वों (पेशेवर जोखिम) या क्लीनिंग प्रोडक्ट के गलत उपयोग के बाद अचानक शुरू हो जाती है

डॉक्टर की जांच

फेफड़े के ट्यूमर

सांस लेने और छोड़ने के दौरान सांस की घरघराहट, विशेष रूप से ऐसे लोगों में, जिनमें कैंसर के जोखिम वाले कारक या लक्षण मौजूद हैं (जैसे धूम्रपान का इतिहास, रात को पसीना आना, वजन कम होना और खांसी के साथ खून निकलना)

छाती का एक्स-रे या छाती का CT

ब्रोंकोस्कोपी

दवाइयाँ (जैसे ACE इन्हिबिटर, बीटा-ब्लॉकर्स, एस्पिरिन और अन्य NSAID)

आमतौर पर उन लोगों में जिन्होंने हाल ही में नई दवाई लेना शुरू किया है, अधिकतर उन लोगों में जिनका वायुमार्ग में रुकावट का इतिहास रहा हो (जैसा कि अस्थमा में होता है)

डॉक्टर की जांच

* विशेषताओं में डॉक्टर द्वारा परीक्षा के लक्षण और परिणाम शामिल हैं। उल्लिखित विशेषताएं सामान्य हैं लेकिन हमेशा मौजूद नहीं होती हैं।

† डॉक्टर आमतौर पर उंगली (पल्स ऑक्सीमेट्री) पर लगे सेंसर से रक्त में ऑक्सीजन का स्तर मापते हैं। आमतौर पर छाती का एक्स-रे लिया जाता है बशर्ते व्यक्ति के लक्षण स्पष्ट रूप से पहले से ही निदान किए गए क्रोनिक विकार के उभरने के न हो।

ACE = एंजियोटेन्सिन कन्वर्टिंग एंज़ाइम; COPD = क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज; CT = कंप्यूटेड टोमोग्राफ़ी; GERD = गैस्ट्रोइसोफ़ेजियल रिफ्लक्स रोग; NSAID = बिना स्टेरॉइड वाली एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाएँ।