बच्चों और किशोरों में मानसिक स्वास्थ्य विकार के बारे में खास जानकारी

इनके द्वाराJosephine Elia, MD, Sidney Kimmel Medical College of Thomas Jefferson University
द्वारा समीक्षा की गईAlicia R. Pekarsky, MD, State University of New York Upstate Medical University, Upstate Golisano Children's Hospital
समीक्षा की गई/बदलाव किया गया मई २०२३ | संशोधित जुल॰ २०२३
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अनेक महत्वपूर्ण मानसिक स्वास्थ्य विकार, जैसे डिप्रेशन, चिंता विकार, और खानपान संबंधी विकारों की शुरुआत अक्सर बचपन और किशोरावस्था में होती है। कुछ विकार, जैसे ऑटिज़्म, केवल बचपन में शुरु होते हैं।

सीज़ोफ़्रेनिया तथा अन्य संबंधित मानसिक स्वास्थ्य विकार (कभी-कभी जिन्हें मनोरोग विकार कहा जाता है) आमतौर पर बचपन में बहुत कम पाए जाते हैं। जब वे होते हैं, तो खास तौर पर उनकी शुरुआत किशोरावस्था के मध्य से लेकर युवा वयस्कता (किसी व्यक्ति के 30 के दशक के मध्य में होने पर) में होती है।

20% बच्चों तथा किशोरों में निदान योग्य स्वास्थ्य विकार होता है जिससे कुछ विकृति पैदा होती है। आयु के बढ़ने के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य विकार से निदान किए जाने का जोखिम बढ़ता है। कुछ अनुमानों के अनुसार, लगभग 30% ऐसे किशोर जिनकी आयु 13 से 17 वर्ष के बीच में है, वे दो या अधिक मानसिक स्वास्थ्य विकारों के मानदंडों की कसौटी पर खरे उतरते हैं। पर्यावरणीय चिंताओं (अर्थात कोविड-19 महामारी) से महत्वपूर्ण सामान्य दिनचर्या और रिश्ते इतने अधिक प्रभावित हो सकते हैं कि सशक्त स्वभाग वाले बच्चे और किशोर भी मानसिक स्वास्थ्य विकारों से प्रभावित हो सकते हैं।

कुछ अपवादों के साथ, मानसिक स्वास्थ्य विकारों के लक्षण उन भावनाओं जैसे होने की प्रवृति रखते हैं जिनका अनुभव हर बच्चे द्वारा किया जाता है, जैसे उदासी, गुस्सा, संदेह, उत्तेजना, निर्लिप्तता और अकेलापन। विकार और सामान्य अनुभूति में अंतर वह स्तर है जिस स्तर तक अनुभूति इतनी अधिक शक्तिशाली बन जाती है कि उससे सामान्य जीवन की गतिविधियां दब जाती हैं या उनके साथ हस्तक्षेप पैदा होता है या बच्चे को परेशानी होती है। इस प्रकार, डॉक्टरों को यह निर्धारित करने के लिए अपने पूर्ण विवेक का इस्तेमाल करना चाहिए कि कब कोई खास विचार और भावना बचपन के अनुभव का सामान्य घटक नहीं रहती और यह विकार बन जाती है।

क्या आप जानते हैं...

  • विकार और सामान्य अनुभूति में अंतर वह स्तर है जिस स्तर तक अनुभूति इतनी अधिक शक्तिशाली बन जाती है कि उससे बच्चे अभिभूत हो जाते हैं, उनके सामान्य जीवन की गतिविधियों में बाधा होती है, या बच्चे उनसे परेशान हो जाते हैं।

मनोस्थिति विकारों (अर्थात्, डिप्रेशन, चिंता) और खान-पान के विकारों के अलावा, दूसरे प्रकार की व्यवहार संबंधी स्वास्थ्य समस्याएँ होती हैं। बाधक व्यवहार संबंधी विकार मुख्य रूप से व्यवहार को प्रभावित करते हैं। व्यवहार आशयित रूप से बाधक नहीं होता, लेकिन इससे दूसरे परेशान होते हैं, जिनमें अध्यापक, सहपाठी तथा परिवार के सदस्य शामिल हैं। इन विकारों में शामिल हैं

तंत्रिकाविकासात्मक विकार से मानसिक स्वास्थ्य और बच्चों का समग्र विकास दोनों प्रभावित होते हैं। इन विकारों में शामिल हैं

ऑटिज़्म स्पेक्ट्रम विकारों में, विकृत सामाजिक संबंध, रूचियों की सीमित श्रृंखला, असामान्य भाषा विकास और इस्तेमाल, और कुछ मामलों में बौद्धिक विकार का संयोजन शामिल होते हैं। रेट सिंड्रोम, एक आनुवंशिक विकार है, जिसमें समान लक्षण देखे जाते हैं, जिनमें सामाजिक कौशल तथा संप्रेषण में कठिनाईयां शामिल हैं।

बच्चों में मानसिक स्वास्थ्य विकारों का निदान

  • डॉक्टर या व्यवहार संबंधी स्वास्थ्य विशेषज्ञ से मुलाकात

  • कभी-कभी लक्षणों के बारे में प्रश्नावलियाँ

  • कभी-कभी बच्चे के व्यवहार की निगरानी करना

मानसिक स्वास्थ्य विकार के निदान की पुष्टि किसी भी जांच से नहीं की जा सकती है। यह निर्धारित करने के लिए कि मानसिक स्वास्थ्य विकार मौजूद है अथवा नहीं, डॉक्टर बच्चे या किशोर के साथ किए गए साक्षात्कार तथा माता-पिता और अध्यापकों के तथा कार्यालय में मुलाकात के दौरान देखे गए अवलोकनों पर आश्रित रहते हैं। कभी-कभी डॉक्टर बच्चे या किशोर को मानसिक स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर के पास भेजते हैं जो बच्चों तथा किशोरों में मानसिक स्वास्थ्य विकारों का निदान करने और उपचार करने में प्रशिक्षित होता है। ये पेशेवर विशेष रूप से तैयार किए गए साक्षात्कारों तथा आंकलन टूल्स का प्रयोग बच्चे के मूल्यांकन के लिए कर सकते हैं।

डॉक्टर न्यूरोडेवलपमेंटल विकारों, जैसे कि फ़्रेजाइल X सिंड्रोम, रेट सिंड्रोम और डाइजॉर्ज सिंड्रोम की जांच करने के लिए ब्लड टेस्ट कर सकते हैं।

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