मेकोनियम एस्पिरेशन सिंड्रोम, उस नवजात शिशु को सांस लेने में होने वाली परेशानी (रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस) है, जिसने जन्म के समय या उस समय के आस-पास, फेफड़ों में मेकोनियम नामक एक गहरे हरे रंग के, रोगानुराहित मल युक्त सांस (एस्पाइरेट की गयी) ली हो।
भले ही गर्भस्थ शिशु खाते नहीं हैं, लेकिन उनकी आंतों में मेकोनियम नामक एक मल पदार्थ जमा होता है।
गर्भस्थ शिशु कभी-कभी जन्म से पहले एमनियोटिक फ़्लूड में या तो सामान्य रूप से या तनाव के कारण, जैसे ऑक्सीजन की कमी, मेकोनियम छोड़ता है।
तनाव के कारण गर्भस्थ शिशु जबरदस्ती हांफने लगता है, इस प्रकार एमनियोटिक फ़्लूड युक्त मेकोनियम उनके फेफड़ों में चला जाता है।
प्रभावित नवजात शिशुओं की त्वचा और/या होंठ नीले पड़ जाते हैं, वे तेज़ी से और कठिनाई से भारी सांसें लेने लगते हैं और सांस छोड़ते समय घुरघुराने की आवाज़ कर सकते हैं।
बीमारी का निदान जन्म के समय एमनियोटिक फ़्लूड में मेकोनियम देखने और साथ ही सांस लेने में परेशानी तथा छाती के असामान्य एक्स-रे परिणामों पर आधारित होता है।
प्रभावित नवजात शिशुओं को पूरक ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है और उन्हें वेंटिलेटर की सहायता की आवश्यकता हो सकती है।
अधिकांश प्रभावित नवजात जीवित रहते हैं, लेकिन गंभीर होने पर सिंड्रोम घातक हो सकता है।
(नवजात शिशुओं में सामान्य चोटों का विवरण भी देखें।)
मेकोनियम गहरे हरे रंग का मल पदार्थ है जो जन्म से पहले आंत में बनता है। मेकोनियम आमतौर पर जन्म के बाद निकलता है जब नवजात शिशु दूध पीना शुरू करता है, लेकिन कभी-कभी यह जन्म के समय या उसके आसपास एमनियोटिक फ़्लूड में निकल जाता है। मेकोनियम का निकलना जन्म से पहले सामान्य हो सकता है, विशेष रूप से दी गई तारीख से ठीक पहले या बाद में। लेकिन कभी-कभी तनाव के कारण भी मेकोनियम निकलता है, जैसे संक्रमण या रक्त में ऑक्सीजन के अपर्याप्त स्तर के कारण। हालांकि मेकोनियम पैसेज समय पर या समय के बाद वाले गर्भस्थ भ्रूण में सामान्य हो सकता है, लेकिन प्रीमैच्योर बच्चे की डिलीवरी होने पर मेकोनियम निकलना कभी सामान्य नहीं होता है। ज्यादातर, प्रीमेच्योर बच्चे में मेकोनियम निकलने का मतलब होता है कि गर्भ में बच्चे को संक्रमण हो गया है।
मेकोनियम एस्पिरेशन सिंड्रोम तब होता है जब तनाव (जैसे संक्रमण या कम ऑक्सीजन का स्तर) के कारण भ्रूण को ज़ोर से हांफना पड़ता है, जिससे मेकोनियम युक्त एमनियोटिक फ़्लूड सांस के साथ अंदर चला जाता है (एस्पिरेटेड) और फेफड़ों में जमा हो जाता है। प्रसव के बाद, एस्पाईरेट किया हुआ मेकोनियम नवजात शिशु के वायुमार्ग को अवरुद्ध कर सकता है और फेफड़ों के खराब होने का कारण बन सकता है। कभी-कभी वायुमार्ग केवल आंशिक रूप से अवरुद्ध होते हैं, जिससे हवा फेफड़ों की रुकावट से हटकर फेफड़ों के अन्य हिस्सों तक पहुंच जाती है लेकिन इससे सांस बाहर जाने में रुकावट आती है। जिससे फेफड़े अधिक फैल सकते हैं। जब फेफड़े का एक हिस्सा अधिक फैलता चला जाता है, तो यह फट सकता है और इससे फेफड़े खराब हो सकते हैं। तब हवा फेफड़े (न्यूमोथोरैक्स) के पास की छाती गुहा के भीतर जमा हो सकती है।
मेकोनियम फेफड़ों में चला जाता है जिससे फेफड़ों में सूजन (न्यूमोनाइटिस) आ जाती है और फेफड़ों में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
मेकोनियम एस्पिरेशन सिंड्रोम वाले नवजात शिशुओं में निरंतर पल्मोनरी उच्च रक्तचाप का खतरा भी बढ़ जाता है।
मेकोनियम एस्पिरेशन सिंड्रोम के लक्षण
प्रभावित नवजात शिशुओं को रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस होता है, जिसमें वे जल्दी-जल्दी सांस लेते हैं, सांस लेते समय अपनी छाती की निचली सतह को अंदर खींचते हैं और सांस बाहर छोड़ते समय घुरघुराहट की आवाज करते हैं।
यदि रक्त में ऑक्सीजन का स्तर कम हो जाता है तो उनकी त्वचा और/या होंठ नीले पड़ सकते हैं (सायनोसिस नामक स्थिति)। नवजात अश्वेत शिशुओं में त्वचा पीले-भूरे, भूरे या सफेद जैसे रंगों में बदल सकती है। ये बदलाव मुंह, नाक और पलकों के अंदर की म्युकस मेम्ब्रेन में अधिक आसानी से देखे जा सकते हैं।
प्रभावित नवजात शिशुओं में ब्लड प्रेशर कम हो सकता है।
नवजात शिशु की गर्भनाल, नेल बेड्स या त्वचा मेकोनियम से ढंकी हो सकती है, जिससे वे हरे-पीले रंग के हो जाते हैं।
मेकोनियम एस्पिरेशन सिंड्रोम का निदान
एमनियोटिक फ़्लूड में मेकोनियम
सांस लेने में परेशानी
छाती का एक्स-रे
अगर नवजात शिशु को सांस लेने में कठिनाई हो रही हो और जन्म के समय मेकोनियम एम्नियोटिक फ़्लूड में या नवजात पर दिखाई देता है, तो डॉक्टर को मेकोनियम एस्पिरेशन सिंड्रोम का संदेह हो सकता है।
डॉक्टर इसकी जांच छाती के एक्स-रे के ज़रिए करते हैं।
कुछ प्रकार के जीवाणुओं को देखने के लिए रक्त का कल्चर किया जा सकता है।
मेकोनियम एस्पिरेशन सिंड्रोम का उपचार
कभी-कभी वायुमार्ग पर खिंचाव डालना
सांस लेने में सहारा देने के उपाय
कभी-कभी सर्फेक्टेंट और एंटीबायोटिक्स का उपयोग
किसी भी अंतर्निहित विकार का उपचार
डॉक्टर एम्नियोटिक फ़्लूड में या नवजात शिशु के मुंह में मेकोनियम देखने पर हमेशा सक्शन करते हैं, लेकिन इससे कोई मदद नहीं मिलती है और जटिलता होने की संभावना ज़्यादा रहती है। हालांकि, अगर नवजात शिशु का वायुमार्ग मेकोनियम की वजह से बंद हो जाता है, तो डॉक्टर इसे सक्शन से निकालने की कोशिश करते हैं।
जिन नवजात शिशुओं को प्रसव के बाद सांस लेने में परेशानी होती है, उनकी श्वासनली में एक ब्रीदिंग ट्यूब लगानी पड़ सकती है और उन्हें वेंटिलेटर (फेफड़ों में हवा को अंदर और बाहर जाने में मदद करने वाली मशीन) पर रखा जा सकता है, या उन्हें निरंतर सकारात्मक वायुमार्ग दबाव (CPAP) पर रखा जा सकता है। CPAP नवजात शिशुओं की खुद से सांस लेने में मदद करता है, जिसमें उन्हें अतिरिक्त ऑक्सीजन के साथ या उसके बिना, नाक की नली के माध्यम से थोड़ी दबाव वाली हवा दी जाती है। यदि आवश्यक हो तो नवजात शिशुओं को नियोनेटल इंटेंसिव केयर यूनिट (NICU) में भर्ती कराया जाता है।
यदि वेंटिलेटर आवश्यक है, तो फेफड़ों को चोट से बचाने के लिए सबसे कम सेटिंग्स का उपयोग किया जाता है। वेंटिलेटर पर नवजात शिशुओं को सिंथेटिक सर्फ़ेक्टेंट (एक पदार्थ, जो हवा की थैलियों के अंदर आवरण लगाता है और फेफड़ों की हवा की थैलियों को खुला रहने देता है) दिया जा सकता है और गंभीर जटिलताओं, जैसे न्यूमोथोरैक्स या नवजात शिशु के निरंतर पल्मोनरी उच्च रक्तचाप की बारीकी से निगरानी की जाती है। नवजात शिशुओं को जल्द से जल्द वेंटिलेटर और ऑक्सीजन से निकाल लेना सुरक्षित होता है।
यदि गर्भस्थ शिशु में जन्म से पहले, जीवाणु संक्रमण के कारण भ्रूण पर दबाव पड़ने का खतरा होने की संभावना हो, तो नवजात शिशुओं का इलाज नस द्वारा दी जाने वाली एंटीबायोटिक दवाओं से किया जा सकता है।
मेकोनियम एस्पिरेशन सिंड्रोम के लिए पूर्वानुमान
मेकोनियम एस्पिरेशन सिंड्रोम से ग्रसित अधिकांश नवजात शिशुओं में सही प्रॉग्नॉसिस होता है। हालांकि, कभी-कभी, यदि विकार गंभीर हो, खासकर जब इसके कारण नवजात शिशु को निरंतर पल्मोनरी उच्च रक्तचाप का खतरा हो तो यह घातक हो सकता है।
मेकोनियम एस्पिरेशन सिंड्रोम वाले नवजात शिशुओं को बाद में अस्थमा का अधिक खतरा हो सकता है।
कोई भी समस्या जो भ्रूण पर दबाव डालती है और मेकोनियम पैसेज बनाती है, वह पूर्वानुमान पर असर डाल सकती है।