इंट्राक्रैनियल एपिड्यूरल ऐब्सेस तथा सबड्यूरल एमपिएमा

इनके द्वाराRobyn S. Klein, MD, PhD, University of Western Ontario
समीक्षा की गई/बदलाव किया गया जुल॰ २०२४

इंट्राक्रैनियल एपिड्यूरल ऐब्सेस मवाद का वह हिस्सा होता है जो खोपड़ी और दिमाग को कवर करने वाले ऊतकों की सबसे ऊपरी परत (ड्यूरा मेटर) में विकसित होता है। सबड्यूरल एमपिएमा मवाद का वह हिस्सा होता है जो ड्यूरा मेटर और दिमाग को कवर करने वाले ऊतकों की बीच वाली परत (एरेक्नॉइड मेटर) में विकसित होता है।

(दिमाग के संक्रमणों का विवरण भी देखें।)

  • इंट्राक्रैनियल एपिड्यूरल ऐब्सेस तथा सबड्यूरल एम्पीएमा साइनस के कारण या कान के संक्रमण की वजह से या ऐसी दशाओं से विकसित हो सकता है जिनके कारण बैक्टीरिया खोपड़ी में प्रवेश कर लेता है, जैसे सिर में चोट लगना या सिर की सर्जरी होना।

  • बुखार, सिरदर्द, बहुत ज़्यादा नींद आने की समस्या, उलटी करना, सीज़र्स, या गर्दन में कड़ापन, तथा दिमाग की बीमारी के अन्य लक्षण कई दिनों में विकसित हो सकते हैं।

  • उपचार के बिना, लक्षण तेजी से बदतर होते हैं, और इसकी वजह से कोमा और मृत्यु हो जाती है।

  • इन बीमारियों का पता लगाने के लिए, डॉक्टर मैग्नेटिक रीसोनेंस इमेजिंग या कंट्रास्ट एजेन्ट के साथ कंप्यूटेड टोमोग्राफ़ी करते है।

  • उपचार में सर्जिकल ड्रेनेज, एंटीबायोटिक्स, तथा कभी-कभी सीज़र्स को रोकने वाली या खोपड़ी में दबाव को कम करने वाली दवाएँ शामिल होती हैं।

इंट्राक्रैनियल एपिड्यूरल ऐब्सेस और सबड्यूरल एम्पीएमा दिमाग के बाहर, लेकिन खोपड़ी के अंदर विकसित होते हैं:

  • इंट्राक्रैनियल एपिड्यूरल ऐब्सेस: ड्यूरा मेटर (दिमाग को कवर करने वाली बाहरी परत) तथा खोपड़ी के बीच

  • सबड्यूरल एमपिएमा: अरेक्नॉइड मेटर (दिमाग को कवर करने वाले ऊतकों की बीच वाली परत) तथा ड्यूरा मेटर

मस्तिष्क को ढकने वाले ऊतक

खोपड़ी के अंदर, मस्तिष्क मेनिंजेस नाम के ऊतक की 3 परतों से ढका होता है।

कारण

एपिड्यूरल ऐब्सेस तथा सबड्यूरल एम्पीएमा का विकास निम्नलिखित से हो सकता है

मस्तिष्क ऐब्सेस का कारण बनने वाले समान बैक्टीरिया (जैसे स्टेफ़ाइलोकोकस ऑरियस और बैक्टेरॉइड्स फ़्रेजाइलिस) के कारण एपिड्यूरल ऐब्सेस तथा सबड्यूरल एम्पीएमा हो सकते हैं।

5 वर्ष से छोटे बच्चों में, कारण आमतौर पर बैक्टीरियल मेनिनजाइटिस होता है। चूंकि मेनिनजाइटिस अब बच्चों में इतना आम नहीं होता, इसलिए एपिड्यूरल ऐब्सेस तथा सबड्यूरल एम्पीएमा भी बच्चों में आम नहीं पाया जाता।

लक्षण

दिमाग में ऐब्सेस की तरह, एपिड्यूरल ऐब्सेस या सबड्यूरल एमपिएमा के कारण बुखार, सिरदर्द, बहुत ज़्यादा नींद आने की समस्या, उल्टी करना, सीज़र्स, गर्दन में अकड़न, तथा दिमाग की बीमारियों के अन्य लक्षण हो सकते हैं।

लक्षण अनेक दिनों की अवधि के दौरान विकसित हो सकते हैं। मेनिनजाइटिस या दिमाग में ऐब्सेस हो सकते हैं। या बड़ी नसों (वीनस साइनस) में खून का थक्का विकसित हो सकता है, जो दिमाग से खून को ले जाता है।

उपचार के बिना, लक्षण तेजी से बदतर होते हैं, और इनकी वजह से कोमा और मृत्यु हो जाती है, खास तौर पर सबड्यूरल एमपिएमा से पीड़ित लोगों में ऐसा होता है।

निदान

  • मैग्नेटिक रीसोनेंस इमेजिंग या कंप्यूटेड टोमोग्राफ़ी

एपिड्यूरल ऐब्सेस या सबड्यूरल एमपिएमा का निदान करने के लिए डॉक्टर मैग्नेटिक रीसोनेंस इमेजिंग (MRI) करते हैं, जिसे नस के माध्यम से गैडोलिनियम का इंजेक्शन लगाने के बाद किया जाता है। गैडोलिनियम (MRI कंट्रास्ट एजेन्ट) के कारण ऐब्सेस तथा एम्पीएमा को MRI स्कैन में देखना आसान हो जाता है। अगर MRI उपलब्ध नहीं है, तो रेडियोपैक कंट्रास्ट एजेंट (जिसके कारण ऐब्सेस तथा एम्पीएमा को CT स्कैन में देखना आसान हो जाता है) को इंजेक्शन के माध्यम से दिए जाने के बाद कंप्यूटेड टोमोग्राफ़ी (CT) की जाती है।

खून तथा ऊतक के नमूनों को प्रयोगशाला में भेजा जाता है, ताकि किसी भी मौजूद बैक्टीरिया की पहचान करने के लिए उसका विकास (कल्चर) किया जा सके।

स्पाइनल टैप (लम्बर पंक्चर) से बहुत कम सहायता मिलती है और यह खतरनाक हो सकता है। यदि खोपड़ी में बड़ा ऐब्सेस, एमपिएमा या अन्य मॉस मौजूद है, तो स्‍पाइनल टैप के दौरान स्पाइनल फ़्लूड को हटाने से दिमाग नीचे की तरफ़ आ सकता है तथा वह उस ऊतक की छोटी प्राकृतिक ओपनिंग से बलपूर्वक नीचे आ सकता है, जो दिमाग को कम्पार्टमेंट में विभाजित करता है (जिसे दिमाग का हर्निएशन कहा जाता है)। इसकी वजह से होने वाला नुकसान जानलेवा हो सकता है।

उपचार

  • मवाद का ड्रेनेज

  • एंटीबायोटिक्स और कभी-कभी अन्य दवाएँ

शिशुओं में, फ़ोन्टानेले (खोपड़ी की हड्डियों के बीच में नरम जगह) से कभी-कभी किसी सुई को सीधे ऐब्सेस या एमपिएमा में इंसर्ट किया जा सकता है ताकि मवाद को निकाला जा सके, प्रेशर में राहत प्रदान की जा सके, तथा डॉक्टर की निदान करने में सहायता की जा सके।

एपिड्यूरल ऐब्सेस तथा सबड्यूरल एम्पीएमा का सर्जिकल रूप से ड्रेन किया जाना चाहिए। यदि संक्रमण, साइनस या मध्य कान की किसी असामान्यता के कारण होता है, तो सर्जन को उसी समय असामान्यता को ठीक करना पड़ सकता है।

एंटीबायोटिक्स (जैसे सेफ़ोटैक्साइम, सेफ़ट्रिआक्सोन, मेट्रोनीडाज़ोल, वैंकोमाइसिन) को नसों के ज़रिए दिया जाता है।

सीज़र्स को नियंत्रित करने के लिए एंटीसीज़र दवाएँ तथा खोपड़ी के अंदर दबाव को कम करने के लिए उपायों की ज़रूरत पड़ सकती है। इन उपायों में निम्नलिखित शामिल हो सकते हैं:

  • डाययूरेटिक्स का इस्तेमाल, जिनके कारण शरीर में फ़्लूड की मात्रा कम होती है

  • कॉर्टिकोस्टेरॉइड, जो जलन और सूजन को कम करती हैं

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