तंत्रिका तंत्र का विवरण

इनके द्वाराThe Manual's Editorial Staff
समीक्षा की गई/बदलाव किया गया मई २०२२

तंत्रिका तंत्र क्या होता है?

तंत्रिका तंत्र शरीर की सूचना प्रसंस्करण और संचार प्रणाली है। यह संदेश प्राप्त करता है, जानकारी संसाधित करता है और फिर आपके शरीर के बाकी हिस्सों को संकेत भेजता है कि उसे क्या करना है।

तंत्रिका तंत्र निम्नलिखित से बना हुआ है:

  • मस्तिष्क

  • स्पाइनल कॉर्ड

  • तंत्रिकाएं

तंत्रिका तंत्र आपकी सोच, बात और हर काम में शामिल होता है।

  • आपका दिमाग किसी कंप्यूटर की सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (CPU) की तरह होता है

मस्तिष्क को आपकी आँखों, कानों, नाक और अन्य इंद्रियों से जानकारी मिलती है। यह सूचनाओं को संसाधित करता है और सोच और विचार पैदा करता है। फिर मस्तिष्क आपके शरीर को संदेश भेजता है। मिसाल के तौर पर, यह मांसपेशियों को बताता है कि कैसे चलना है ताकि आप चल सकें, बात कर सकें और शरीर वह काम कर सकें जो आप चाहते हैं। आपका मस्तिष्क आपके सोचे बिना शरीर के बहुत सारे कामों को भी नियंत्रित करता है। मिसाल के तौर पर, आपका दिमाग स्वचालित रूप से आपकी सांस, हृदय गति और ब्लड प्रेशर को समायोजित करता है।

  • आपकी स्पाइनल कॉर्ड मोटी बिजली के एक केबल की तरह तंत्रिकाओं की एक लंबी ट्यूब है।

स्पाइनल कॉर्ड आपके मस्तिष्क से पीठ के नीचे आपकी रीढ़ के खोखले-से केंद्र के ज़रिए चलती है। मस्तिष्क में तंत्रिका स्पाइनल कॉर्ड में संदेश भेजती हैं। आपके स्पाइनल कॉर्ड में दूसरी तंत्रिकाएं इन संदेशों को आपके शरीर में भेजती हैं। स्पाइनल कॉर्ड आपके शरीर से संदेश को आपके मस्तिष्क तक भी ले जाती है।

  • आपकी तंत्रिका सिग्नल देने वाले तारों की तरह हैं।

हरेक तंत्रिका में कई तंत्रिका कोशिकाओं के फ़ाइबर होते हैं। ये फ़ाइबर मज़बूती और चोट से बचाने के लिए एक साथ बंडल में बंधे होते हैं।

आपका केंद्रीय तंत्रिका तंत्र आपका दिमाग और स्पाइनल कॉर्ड शामिल है। मस्तिष्क और स्पाइनल कॉर्ड के बाहर की तंत्रिकाएं परिधीय तंत्रिका तंत्र कहलाती है।

तंत्रिका तंत्र कैसे काम करता है?

आपकी तंत्रिका तंत्र की संरचना:

  • तंत्रिका कोशिकाएं और उनके फ़ाइबर

आपके मस्तिष्क और स्पाइनल कॉर्ड तथा स्पाइनल कॉर्ड के बाहर भी अरबों-अरबों तंत्रिका कोशिकाओं का एक गुच्छा होता हैं।

प्रत्येक तंत्रिका कोशिका का एक सूक्ष्म शरीर होता है:

  • तंत्रिका कोशिका का शरीर पोषक तत्वों को संसाधित करने और कोशिका को जीवित रखने के लिए जिम्मेदार है

हरेक तंत्रिका कोशिका में कहीं जाने वाले और कहीं से जाने वाले फ़ाइबर होते हैं:

  • इनपुट फ़ाइबर अन्य तंत्रिका कोशिकाओं से या आपके ज्ञानेंद्रिय में रिसेप्टर्स से संकेत प्राप्त करते हैं

  • आउटपुट फ़ाइबर अन्य तंत्रिकाओं, मांसपेशियों या दूसरे अंगों को संकेत भेजते हैं

  • किसी तंत्रिका कोशिका में संकेत सिर्फ़ एक दिशा में चलते हैं

तंत्रिका फ़ाइबर कभी-कभी दर्ज़नों सेंटीमीटर लंबे होते हैं। मिसाल के तौर पर, हो सकता है आपके स्पाइनल कॉर्ड से लेकर पैर की उंगलियों तक एक तंत्रिका फ़ाइबर चले। आपकी त्वचा या आपके अंगों में जाने वाले कुछ तंत्रिका फ़ाइबर में संवेदी रिसेप्टर्स होते हैं। उदाहरण के लिए, आपकी त्वचा में तंत्रिका फ़ाइबर के अंतिम सिरे में रिसेप्टर्स नुकीले या गर्म चीज़ों का पता लगाते हैं।

हालांकि यह कहना एकदम से सही नहीं है, कि तंत्रिका फ़ाइबर और उनके संकेत बहुत कुछ इलेक्ट्रिक सिग्नल ले जाने वाले तार की तरह काम करते हैं। तंत्रिका कोशिकाएं रसायनों का इस्तेमाल करके अपने संकेत भेजती हैं।

  • रासायनिक परिवर्तन किसी तंत्रिका फ़ाइबर की लंबाई के साथ आगे बढ़ते जाते हैं

  • जब रासायनिक परिवर्तन तंत्रिका फ़ाइबर के छोर तक पहुंचते हैं, तो वे न्यूरोट्रांसमीटर नामक अन्य रसायनों छोड़ते हैं

  • न्यूरोट्रांसमीटर एक सूक्ष्म अंतर के पार वहां प्रभावित होते हैं जहां वे किसी अन्य कोशिका के रासायनिक रिसेप्टर्स से टकराते हैं

  • न्यूरोट्रांसमीटर उस दूसरी कोशिका में रासायनिक परिवर्तनों को उत्प्रेरित करता है

  • अगर वह कोशिका एक तंत्रिका कोशिका है, तो होने वाला रासायनिक परिवर्तन उस कोशिका के तंतुओं तक सिग्नल संचारित करने के लिए जारी रहता है

  • अन्य समय अगली कोशिका कोई तंत्रिका कोशिका नहीं है—उदाहरण के लिए, अगर अगली कोशिका कोई मांसपेशी कोशिका है, तो न्यूरोट्रांसमीटर के रासायनिक परिवर्तन के कारण मांसपेशी कोशिका में संकुचन होता है

तंत्रिका कोशिका की विशिष्ट संरचना

तंत्रिका कोशिका (न्यूरॉन) में एक बड़ी कोशिका और कई तंत्रिका तंतु होते हैं—जिनमें आवेग भेजने के लिए 1 लंबा तंत्रिकाक्ष (एक्सॉन) और आवेग प्राप्त करने के लिए आम तौर पर कई शाखाएँ (डेंड्राइट्स) शामिल होती हैं। आवेग एक्सॉन से होते हुए साइनेप्स (2 तंत्रिका कोशिकाओं के बीच के जंक्शन) को पार करते हुए दूसरी कोशिका के डेंड्राइट तक पहुंचते हैं।

प्रत्येक बड़ा एक्सॉन मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी में ओलिगोडेंड्रोसाइट्स और परिधीय तंत्रिका तंत्र में श्वान कोशिकाओं से घिरा होता है। इन कोशिकाओं की झिल्लियों में मायलिन नामक वसा (लिपोप्रोटीन) होता है। झिल्लियां एक्सॉन के चारों ओर कसकर लिपटी होती हैं, जिससे अनेक परत वाला आवरण बनता है। मायलिन का यह आवरण इन्सुलेशन जैसा दिखता है, जैसे कि बिजली की तार के चारों तरफ होता है। तंत्रिका आवेग मायलिन आवरण के साथ बिना आवरण वाले तुलना में नसों में बहुत तेजी से यात्रा करते हैं।

एक तंत्रिका कोशिका सिर्फ एक ही तरह का संकेत भेजती है जो बहुत सारी जानकारी नहीं ले सकती। लेकिन जब अरबों तंत्रिका कोशिकाएं आपस में जुड़ी होती हैं जैसा कि आपके मस्तिष्क में होती हैं, तो वे एक बहुत शक्तिशाली सूचना प्रोसेसर बन जाती हैं।

आपकी तंत्रिका तंत्र में कौन-सी गड़बड़ी हो सकती है?

आपके तंत्रिका तंत्र को कई समस्याएं प्रभावित कर सकती हैं, जिनमें निम्न शामिल हैं:

जब एक बार आपके मस्तिष्क या स्पाइनल कॉर्ड की तंत्रिका कोशिकाएं मर जाती हैं, तो उनमें दोबारा विकसित नहीं हो सकती हैं। हालांकि, कभी-कभी आसपास की अन्य मस्तिष्क कोशिकाएं मृत मस्तिष्क कोशिकाओं का स्थान ले लेना सीख ले सकती हैं। कभी-कभी तंत्रिका तंतु दोबारा विकसित हो सकते हैं बशर्ते उनकी कोशिका को चोट ना पहुंचा हो। तंत्रिका तंतुओं को वापस बढ़ने में महीनों लग सकते हैं। डॉक्टर कभी-कभी छोटी तंत्रिकाओं को एक साथ जोड़ सकते हैं और उन्हें दोबारा काम पर लगा सकते हैं। डॉक्टर स्पाइनल कॉर्ड या मस्तिष्क की मरम्मत नहीं कर सकते।

उम्र तंत्रिका तंत्र को कैसे प्रभावित करती है?

जैसे-जैसे लोग बुज़ुर्ग हो जाते हैं, उनके मस्तिष्क में तंत्रिका कोशिकाएं कम होती जाती हैं। युवाओं की तुलना में, बुज़ुर्गों में इसकी संभावना कहीं ज़्यादा होती है:

  • हाल की घटनाओं को याद रखने या नई चीज़ों को सीखने में दिक्कत

  • शब्दों के इस्तेमाल में समस्या

  • प्रतिक्रिया का समय का सुस्त हो जाना

  • उनकी त्वचा में संवेदना की कमी

  • बेड़ोल हो जाना

  • लचीलापन कम होना

आपके दिमाग को लंबे समय तक तेज़ रखने में निम्नलिखित कारगर हो सकते हैं: