ऑटोइम्यून विकार क्या है?
आपका इम्यून सिस्टम आपको बीमारी और संक्रमण से बचाने में मदद करता है। आमतौर पर यह हमलावर बैक्टीरिया, वायरस और कैंसर कोशिकाओं पर हमला करता है। ऑटोइम्यून विकार को, आपका इम्यून सिस्टम गलत तरीके से लेता है और आपके शरीर के कुछ हिस्सों पर हमला करना शुरू कर देता है।
कनेक्टिव ऊतक का ऑटोइम्यून विकार क्या है?
कनेक्टिव ऊतक, वह है जो आपके अंगों को एक साथ बनाए रखता है। हर अंग में कुछ कनेक्टिव ऊतक होते हैं, लेकिन ये खासतौर से आपकी त्वचा, जोड़ों, मांसपेशियों, टेंडन, लिगामेंट्स और रक्त वाहिकाओं में होते हैं।
कनेक्टिव ऊतक का ऑटोइम्यून विकार ऐसी बीमारी है, जिसमें आपका इम्यून सिस्टम आपके स्वयं के कनेक्टिव ऊतक पर हमला करता है।
कनेक्टिव ऊतक के अलग-अलग कई प्रकार के ऑटोइम्यून रोग होते हैं, जिनमें ल्यूपस, शोग्रेन सिंड्रोम, सिस्टेमिक स्क्लेरोसिस और रूमैटॉइड अर्थराइटिस शामिल हैं
इन स्थितियों में अक्सर केवल कनेक्टिव ऊतक ही अधिक प्रभावित होते हैं
कनेक्टिव ऊतक के ऑटोइम्यून विकार के लक्षण कौन से हैं?
इसके लक्षण इस बात पर निर्भर करते हैं, कि आपको कौन सा विकार है लेकिन इसमें ये शामिल हो सकते हैं:
जोड़ का दर्द और सूजन
शुष्क आँखें
त्वचा पर चकत्ते, सूजन या गांठें होना
मांसपेशी का दर्द
ठंड लगने पर अंगुलियों का पीला होना, उनमें झुनझुनी होना और सुन्न हो जाना (रेनॉड सिंड्रोम)
डॉक्टर कैसे बता सकते हैं कि मुझे कनेक्टिव ऊतक का ऑटोइम्यून विकार है या नहीं?
डॉक्टर आपके लक्षणों के आधार पर और आगे दी गई कार्रवाई करके आपको कनेक्टिव ऊतक का ऑटोइम्यून विकार होने की शंका ज़ाहिर करते हैं:
रक्त की जाँच
कभी-कभी बायोप्सी करना (ऊतक का एक छोटा टुकड़ा निकाल कर उसे सूक्ष्मदर्शी के अंतर्गत रखकर देखना)
डॉक्टर, कनेक्टिव ऊतक के ऑटोइम्यून विकार का उपचार कैसे करते हैं?
डॉक्टर इन विकारों का उपचार इन तरीकों से करते हैं:
कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स और अन्य दवाएँ जो आपके इम्यून सिस्टम को धीमा कर देती हैं और इसे आपके अपने ऊतक पर हमला करने से रोकती हैं
अगर आप बहुत अधिक मात्रा में या लंबे समय तक कॉर्टिकोस्टेरॉइड लेते हैं, तो आपको ऑस्टियोपोरोसिस (कमजोर हड्डियां) होने की संभावना ज़्यादा होती है। डॉक्टर आपकी हड्डियों को मजबूत बनाए रखने के लिए आपको विटामिन D, कैल्शियम और दूसरी दवाएँ लेने के लिए कह सकते हैं।