हृदय के विद्युतीय मार्ग को ट्रेस करना
साइनोएट्रियल (साइनस) नोड (1) एक विद्युतीय आवेग आरंभ करता है जो दायें और बायें आलिंदों (2) में से प्रवाहित होता है, जिससे वे संकुचित होते हैं। जब विद्युतीय आवेग एट्रियोवेंट्रिकुलर नोड (3) में पहुँचता है, तो उसमें थोड़ा सा विलम्ब होता है। इसके बाद आवेग बंडल ऑफ हिज़ (4) में प्रवेश करता है, जो दायें निलय (5) के लिए राइट बंडल ब्रांच और बायें निलय (5) के लिए लेफ्ट बंडल ब्रांच में विभाजित होता है। फिर आवेग निलयों में फैल जाता है, जिससे वे संकुचिात होते हैं।