एक्यूट हैपेटाइटिस C में लिवर में सूजन आ जाती है, जो हैपेटाइटिस C के वायरस के कारण होती है, यह कुछ हफ़्तों से लेकर 6 महीने तक रह सकती है।
हैपेटाइटिस C, संक्रमित लोगों के रक्त या दूसरे बॉडी तरल के संपर्क में आने से फैलता है, जैसे कि लोगों का अवैध दवाओं के सेवन के समय स्टेरेलाइज़ न की हुई सुइयां साझा करना।
एक्यूट हैपेटाइटिस C का अक्सर कोई लक्षण नहीं होता है
डॉक्टर एक्यूट हैपेटाइटिस C का निदान करने के लिए, रक्त परीक्षण करते हैं।
इसके लिए कोई टीका उपलब्ध नहीं है।
अक्सर, एक्यूट हैपेटाइटिस C के लिए किसी विशिष्ट उपचार की ज़रूरत नहीं होती।
(हैपेटाइटिस का विवरण, एक्यूट वायरल हैपेटाइटिस का विवरण, और क्रोनिक हैपेटाइटिस C भी देखें।)
2021 के दौरान संयुक्त राज्य अमेरिका में, एक्यूट हैपेटाइटिस C के 5,000 मामले दर्ज किए गए। हालांकि, कई मामलों की पहचान नहीं हो पाती या इन्हें दर्ज नहीं किया जाता, इसलिए, 2019 में नए संक्रमणों की असल संख्या अनुमानित तौर पर 57,500 से अधिक थी। 2013 से अब तक, संयुक्त राज्य अमेरिका में एक्यूट हैपेटाइटिस C से संक्रमित होने वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
अज्ञात कारणों से, अल्कोहल से संबंधित लिवर रोग से पीड़ित लगभग 5 में से 1 व्यक्ति को हैपेटाइटिस C होता है। इन लोगों में अल्कोहल और हैपेटाइटिस C, लिवर की सूजन और अंदरूनी घावों (सिरोसिस) को बदतर बनाते हैं।
हैपेटाइटिस C का संचरण
आमतौर पर, हैपेटाइटिस C संक्रमित व्यक्ति के रक्त के संपर्क में आने से फैलता है। आमतौर पर, हैपेटाइटिस C उन लोगों में फैलता है जो अवैध दवाओं को इंजेक्ट करने के लिए ऐसी सुई इस्तेमाल करते हैं जिसे स्टेरेलाइज़ न किया गया हो। टैटू और बॉडी पियर्सिंग के लिए इस्तेमाल की जाने वाली, उन सुइयों से भी संक्रमण फैल सकता है जिन्हें स्टेरेलाइज़ न किया गया हो।
रक्त ट्रांसफ़्यूजन या अंग प्रत्यारोपण के ज़रिए संचरण संभव है, लेकिन दुर्लभ है। 1992 से पहले, संयुक्त राज्य अमेरिका में इन तरीकों से संक्रमण फैलना आम बात होती थी, अब हैपेटाइटिस C संक्रमण का पता लगाने के लिए ब्लड सप्लाई की व्यापक जांच होती है।
आमतौर पर, यौन संबंध बनाने और गर्भवती महिला से उसके बच्चे में संक्रमण नहीं फैलता।
यह पक्के तौर पर नहीं कहा जा सकता कि हैपेटाइटिस C किन कारणों से होता है।
एक्यूट हैपेटाइटिस C के लक्षण
शुरुआत में, एक्यूट हैपेटाइटिस C आमतौर पर हल्का होता है और इसके लक्षण नहीं दिखते। एक्यूट हैपेटाइटिस C से संक्रमित कुछ लोगों को, उनके संक्रमित होने का पता भी नहीं चलता।
एक्यूट हैपेटाइटिस C से संक्रमित कुछ लोगों में वायरल हैपेटाइटिस के लक्षण दिख सकते हैं। इन लक्षणों में शामिल हैं
भूख नहीं लगना
बीमारी का सामान्य एहसास (मेलेइस)
बुखार
जी मचलाना और उल्टी आना
पीलिया (त्वचा का पीला पड़ना और आंखों का सफ़ेद होना)
एक्यूट हैपेटाइटिस C बहुत कम मामलों में गंभीर (फ़लमिनेंट) होता है।
लगभग 75% लोगों को क्रोनिक हैपेटाइटिस C होता है। क्रोनिक संक्रमण का असर आमतौर पर हल्का होता है। हालांकि, समय के साथ, क्रोनिक हैपेटाइटिस C से संक्रमित 20 से 30% लोगों को सिरोसिस होता है। लिवर का कैंसर हो सकता है, लेकिन आमतौर पर यह सिरोसिस होने के बाद ही होता है।
एक्यूट हैपेटाइटिस C का निदान
रक्त की जाँच
डॉक्टर एक्यूट हैपेटाइटिस C के संक्रमण की संभावना जताते हैं, अगर
लोगों में एक्यूट हैपेटाइटिस के लक्षण दिखते हैं।
रक्त परीक्षण (लिवर टेस्ट) की रिपोर्ट में लिवर में सूजन (हैपेटाइटिस) होने का पता चलता है।
लोगों में हैपेटाइटिस C होने के जोखिम कारक दिखते हैं।
आमतौर पर, सबसे पहले रक्त परीक्षण करवाए जाते हैं, ऐसा यह पता लगाने के लिए किया जाता है कि लिवर ठीक से काम कर रहा है या नहीं और उसमें कोई खराबी तो नहीं है (लिवर टेस्ट)। लिवर के परीक्षणों में लिवर एंज़ाइम और लिवर द्वारा बनाए जाने वाले अन्य पदार्थों के स्तर को मापना भी शामिल है।
यदि टेस्ट में लिवर की असामान्यताओं का पता चलता है, तो हैपेटाइटिस वायरस के संक्रमण का पता लगाने के लिए अन्य रक्त परीक्षण किए जाते हैं। ये रक्त परीक्षण करवाने से कुछ खास तरह के वायरस (एंटीजन) के हिस्सों, वायरस से लड़ने के लिए शरीर द्वारा बनाई जाने वाली विशिष्ट एंटीबॉडीज और वायरस की आनुवंशिक सामग्री (RNA या DNA) की पहचान हो सकती है।
हैपेटाइटिस के अन्य कारणों की पता लगाने के लिए भी रक्त परीक्षण करवाए जाते हैं।
व्यक्ति के शरीर में हैपेटाइटिस C से लड़ने वाली एंटीबॉडीज होने का मतलब है कि वह पहले कभी हैपेटाइटिस C से संक्रमित हुआ था, लेकिन यह ज़रूरी नहीं है कि वह अभी भी संक्रमित हो। यदि व्यक्ति के शरीर में हैपेटाइटिस C से लड़ने वाली एंटीबॉडीज मौजूद हैं, तो हैपेटाइटिस C RNA की जांच की जाती है ताकि यह पता चल सके कि उसे हाल ही में संक्रमण हुआ है या वह पहले कभी संक्रमित हुआ था। हैपेटाइटिस C से लड़ने वाली एंटीबॉडीज होने का मतलब यह नहीं है कि व्यक्ति को हैपेटाइटिस C नहीं हो सकता। (इसके विपरीत, हैपेटाइटिस A और हैपेटाइटिस B से लड़ने वाली एंटीबॉडीज, भविष्य में इन वायरसों का संक्रमण होने से बचाती हैं।)
एक्यूट हैपेटाइटिस C का इलाज
एंटीवायरल दवाइयाँ
एक्यूट हैपेटाइटिस C का निदान होते ही एक्यूट हैपेटाइटिस C से पीड़ित लोगों का इलाज उन्हीं दवाओं से किया जाता है जो क्रोनिक हैपेटाइटिस C के इलाज के लिए उपयोग की जाती हैं। इन दवाओं से एक्यूट हैपेटाइटिस C के क्रोनिक होने का जोखिम कम किया जा सकता है।
हैपेटाइटिस C से संक्रमित लोगों को अल्कोहल का सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह लिवर को और ज़्यादा नुकसान पहुंचा सकता है। इसमें खाने-पीने या कामकाज से जुड़े परहेज़ रखने की कोई आवश्यकता नहीं होती। लोगों को ऐसी दवाएँ नहीं लेनी चाहिए जो लिवर को नुकसान पहुंचा सकती हैं जैसे, एसिटामिनोफेन।
पीलिया ठीक होने के बाद, ज़्यादातर लोग सुरक्षित रूप से काम पर लौट सकते हैं।
एक्यूट हैपेटाइटिस C की रोकथाम
बहुत ज़्यादा जोखिम वाले व्यवहार से बचना चाहिए, जैसे अवैध दवाओं को इंजेक्ट करने के लिए सुइयां साझा करना।
संयुक्त राज्य अमेरिका में, रक्तदान से पहले सभी रक्तदाताओं में हैपेटाइटिस C की जांच की जाती है ताकि ट्रांसफ़्यूजन करने पर हैपेटाइटिस C वायरस को फैलने से रोका जा सके। साथ ही, ट्रांसफ़्यूजन से हैपेटाइटिस होने की संभावना भले ही बेहद कम हो, डॉक्टर सिर्फ़ तभी ट्रांसफ़्यूजन करते हैं जब कोई दूसरा विकल्प न बचा हो। इन उपायों ने ब्लड ट्रांसफ़्यूजन से हैपेटाइटिस का संक्रमण होने के जोखिम को बहुत कम कर दिया है।
हैपेटाइटिस C के लिए अभी तक कोई टीका उपलब्ध नहीं है।
अधिक जानकारी
निम्नलिखित अंग्रेजी-भाषा संसाधन उपयोगी हो सकते हैं। कृपया ध्यान दें कि इस संसाधन की विषयवस्तु के लिए मैन्युअल ज़िम्मेदार नहीं है।
Centers for Disease Control and Prevention: Hepatitis C: इस वेबसाइट पर हैपेटाइटिस C (परिभाषाओं और आंकड़ों सहित) के विवरण और इसके संचरण, लक्षण, जांच, उपचार और हैपेटाइटिस C और रोजगार के बारे में जानकारी के साथ-साथ स्वास्थ्य देखभालकर्ताओं की जानकारी देने वाली लिंक भी हैं। 10 मई 2024 को ऐक्सेस किया गया।