नवजात शिशुओं में टोक्सोप्लाज़्मोसिस

(जन्मजात टोक्सोप्लाज़्मोसिस)

इनके द्वाराAnnabelle de St. Maurice, MD, MPH, UCLA, David Geffen School of Medicine
द्वारा समीक्षा की गईBrenda L. Tesini, MD, University of Rochester School of Medicine and Dentistry
समीक्षा की गई/बदलाव किया गया संशोधित अप्रैल २०२५
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टोक्सोप्लाज़्मोसिस टॉक्सोप्लाज़्मा गोन्डाई नामक परजीवी का संक्रमण है। आमतौर पर यह स्वस्थ वयस्कों में किसी तरह का समस्या नहीं पैदा करता है, लेकिन नवजात शिशुओं को और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले किसी भी आदमी को गंभीर रूप से बीमार कर सकता है।

  • टोक्सोप्लाज़्मोसिस एक परजीवी के कारण होता है जो बिल्लियों में रहता है और वहीं इसकी वृद्धि होती है।

  • भ्रूण का जन्म समय से पहले हो सकता है और नवजात शिशु में छोटे सिर या बढ़े हुए लिवर जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

  • भ्रूण, नवजात शिशु या मां में संक्रमण का पता लगाने के लिए ब्लड परीक्षण और दूसरे किस्म के फ़्लूड परीक्षण भी टेस्ट किए जा सकते हैं।

  • संक्रमण का इलाज करने वाली दवांएँ गर्भवती महिलाओं को गर्भस्थ शिशु में संक्रमण को प्रसारित होने से रोकने के लिए दी जा सकती हैं या नवजात शिशुओं को दी जा सकती हैं।

  • यह संक्रमण कुछ बच्चों में घातक हो सकता है तथा अन्य में दीर्घकालिक न्यूरोलॉजिक समस्याएँ पैदा कर सकता है।

  • गर्भवती महिलाओं को बिल्ली की गंदगी से बचना चाहिए और माँस खाने से पहले उसे अच्छी तरह से पकाना चाहिए।

(नवजात शिशुओं में संक्रमण और वयस्कों में टोक्सोप्लाज़्मोसिस का विवरण भी देखें।)

टॉक्सोप्लाज़्मा गोन्डाई परजीवी मुख्य रूप से बिल्लियों में होता है और इनमें वृद्धि होती रहती है और इसके अंडे बिल्ली के मल में होते हैं। बिल्ली का मल भोजन, मिट्टी और पानी को दूषित कर सकता है।

गर्भवती महिलाएँ यदि बिल्ली की दूषित गंदगी, मिट्टी या अन्य वस्तुओं को छूने के बाद अपने मुँह या हैंडल को छूकर टोक्सोप्लाज्मा के अंडे निगल लेती हैं और हाथ धोए बिना भोजन खा लेती हैं तो वे संक्रमित हो जाती हैं। गर्भवती महिलाएँ कच्चे या अधपके माँस अथवा अन्य दूषित खाद्य पदार्थों का सेवन करने से भी संक्रमित हो सकती हैं।

गर्भावस्था के दौरान अगर टॉक्सोप्लाज़्मा गोन्डाई गर्भनाल (जिस अंग से भ्रूण पोषण प्राप्त करता है) को पार कर जाए तो भ्रूण संक्रमित हो जाते हैं।

वह परजीवी, जो टोक्सोप्लाज़्मोसिस का कारण बनता है, जीवन के लिए विभिन्न ऊतकों में प्रसुप्त (निष्क्रिय) रह सकता है। वे महिलाएँ, जो गर्भावस्था से पहले संक्रमित थी, खास तौर पर परजीवी को अपने गर्भस्थ शिशु को तब तक पास नहीं करती है, जब तक कि उसकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमज़ोर न हो जाए (उदाहरण के लिए HIV संक्रमण द्वारा), और प्रसुप्त परजीवी पुनः सक्रिय (फिर से सक्रिय) न हो जाए।

भ्रूण में संक्रमण तब बहुत ज़्यादा गंभीर हो जाता है जब गर्भावस्था में भ्रूण पहले से संक्रमित हो गया हो।

टॉक्सोप्लाज़्मा गोन्डाई का जीवन चक्र

  1. 1a. अंडे बिल्ली के मल में चले जाते हैं। आमतौर पर बहुत सारे अंडे निकलते हैं, लेकिन सिर्फ़ 1 से 2 सप्ताह के लिए। अंडे 1 से 5 दिनों के बाद वातावरण में संक्रमण पैदा करने में सक्षम हो जाते हैं।

  2. 1b. बिल्लियां अगर अंडे से दूषित भोजन या अन्य पदार्थ खा लेती हैं तो वे दोबारा संक्रमित हो सकती हैं।

  3. 2. अन्य जानवर (जैसे जंगली पक्षी, गिलहरी, हिरण, सूअर और भेड़) भी दूषित मिट्टी, पानी, पौधों की सामग्री, या बिल्ली के कचरे से अंडे खा सकते हैं।

  4. 3. अंडे खाने के तुरंत बाद, वे ऐसे परजीवी के रूप को छोड़ देते हैं जो चल-फिर सकते हैं (ये टैकीज़ोइट्स कहलाते हैं)।

  5. 4. टैकीज़ोइट्स जानवर के पूरे शरीर में फैल जाते हैं और तंत्रिका और मांसपेशियों के ऊतकों में सिस्ट बनाते हैं।

  6. 5. ऐसे सिस्ट से पीड़ित जानवरों को खाने के बाद बिल्लियां संक्रमित हो जाती हैं।

  7. 6a. इन सिस्ट युक्त अधपका मांस खाने से लोग संक्रमित हो सकते हैं।

  8. 6b. अगर लोग बिल्ली के मल से दूषित हो चुके खाद्य पदार्थ, पानी या अन्य सामग्री (जैसे मिट्टी) खाते हैं या जब वे एक पालतू बिल्ली के कचरे को हाथ लगाते हैं और फिर अपने मुंह को स्पर्श करते हैं तो लोग संक्रमित हो सकते हैं।

  9. 7. ऐसे लोगों से ब्लड ट्रांसफ़्यूजन या अंग प्रत्यारोपण, जिनमें परजीवी थे, से बहुत कम ही संक्रमित होते हैं।

  10. 8. संक्रमण माँ से गर्भस्थ शिशु में फैलता है।

  11. 9. आमतौर पर परजीवी लोगों की मांसपेशियों और हृदय, मस्तिष्क और आँखों के ऊतकों में सिस्ट बनाते हैं।

नवजात शिशुओं में टोक्सोप्लाज़्मोसिस के लक्षण

भ्रूण हो सकता है धीरे-धीरे बढ़े और हो सकता है प्रीमेच्योर पैदा हो।

आमतौर पर नवजात शिशुओं में जन्म के समय कोई लक्षण नहीं होते हैं, लेकिन उनमें कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं, जो निम्न हैं

  • छोटा सिर (माइक्रोसेफ़ेली)

  • मस्तिष्क में सूजन

  • पीलिया (त्वचा या आँखों के सफेद भाग का रंग पीला होना)

  • लिवर और स्प्लीन का बड़ा हो जाना

  • दिल, फेफड़े, या आँखों की सूजन

  • लाल दाने

आँखों की सूजन (कोरियोरेटिनिटिस) के कारण अंधापन हो सकता है। सीज़र्स सहित गंभीर किस्म के न्यूरोलॉजिक समस्याएं हो सकती हैं। कुछ बच्चों में बौद्धिक विकलांगता हो जाती है।

नवजात शिशुओं में टोक्सोप्लाज़्मोसिस का निदान

  • किसी गर्भवती महिला के लिए: रक्त की जाँच

  • किसी गर्भस्थ शिशु के लिए: एमनियोटिक फ़्लूड का टेस्ट

  • किसी नवजात शिशु के लिए: खून और दूसरे फ़्लूड का टेस्ट, ब्रेन इमेजिंग, स्पाइनल टैप और आँखों की जांच

किसी गर्भवती महिला में टोक्सोप्लाज़्मोसिस का निदान आमतौर पर रक्त परीक्षणों पर आधारित होता है जो परजीवी के खिलाफ एंटीबॉडीज का पता लगाते हैं। (एंटीबॉडीज़ प्रतिरक्षा प्रणाली द्वारा निर्मित वे प्रोटीन होते हैं जो शरीर को परजीवियों सहित किसी भी हमले से बचाने में मदद करते हैं।)

यह पता लगाने के लिए कि भ्रूण संक्रमित है या नहीं, डॉक्टर भ्रूण के आस-पास के फ़्लूड (एमनियोटिक फ़्लूड) का नमूना ले सकता है और परजीवी के प्रति एंटीबॉडीज़ और परजीवी की आनुवंशिक सामग्री (DNA) के लिए इसका टेस्ट कर सकते हैं। आमतौर पर यह टेस्ट गर्भावस्था के 14वें सप्ताह के बाद किया जाता है, इस प्रक्रिया को एम्नियोसेंटेसिस कहते हैं।

अमेरिका के कुछ राज्यों में, सूखे रक्त के धब्बे का उपयोग करके नियमित नवजात स्क्रीनिंग परीक्षणों के दौरान, यह संक्रमण स्वस्थ दिखने वाले नवजात शिशुओं में पाया जाता है। अगर डॉक्टरों को लगता है कि नवजात शिशु में संक्रमण है, तो वे उसके खून और मस्तिष्क और स्पाइनल कॉर्ड (स्पाइनल फ़्लूड) के आसपास के फ़्लूड का टेस्ट करते हैं। स्पाइनल फ़्लूड निकालने के लिए डॉक्टर स्पाइनल टैप (लंबर पंचर) करते हैं। शरीर में दूसरे किस्म का फ़्लूड और गर्भनाल का भी टेस्ट किया जा सकता है। मस्तिष्क में टोक्सोप्लाज़्मोसिस की विशिष्ट असामान्यताओं का पता लगाने के लिए डॉक्टर कंप्यूटेड टोमोग्राफ़ी (CT) या मैग्नेटिक रीसोनेंस इमेजिंग (MRI) जैसी इमेजिंग टेस्ट करते हैं। नवजात शिशुओं की आँखों का ऑप्थेल्मोलॉजिस्ट (एक मेडिकल डॉक्टर जो सभी प्रकार के नेत्र विकारों के मूल्यांकन और इलाज का विशेषज्ञ होता है) द्वारा और सुनने संबंधी तमाम परीक्षण भी अच्छी तरह से होने चाहिए।

नवजात शिशु में टोक्सोप्लाज़्मोसिस का इलाज

  • गर्भवती महिलाओं और गर्भस्थ शिशुओं के लिए: स्पाइरामाइसिन, या पाइरिमेथामाइनसल्फ़ाडियाज़ीन, और फोलिनिक एसिड (ल्यूकोवोरिन)

  • नवजात शिशुओं के लिए: पाइरिमेथामाइन, सल्फ़ाडायज़िन और ल्यूकोवोरिन

स्पाइरामाइसिन एक ऐसी दवाई है, जो किसी ऐसी गर्भवती महिला को दी जा सकती है, जो गर्भावस्था के 18 सप्ताह से पहले संक्रमित हो जाती है। ये दवाई गर्भस्थ शिशु में संक्रमण पहुँचने के जोखिम को कम कर देती है। संक्रमण को और ज़्यादा फैलने से रोकने के लिए डॉक्टर एंटीबायोटिक ट्राइमेथोप्रिम/ सल्फ़ामेथॉक्साज़ोल का कॉम्बिनेशन भी दे सकते हैं।

पाइरिमेथामाइन, सल्फ़ाडायज़िन और ल्यूकोवोरिन ऐसी दवाएँ हैं, जो उस गर्भवती महिला को दी जा सकती हैं जो गर्भावस्था के 18 सप्ताह तक या उसके बाद संक्रमित हो जाती हैं या यदि रक्त परीक्षण या अल्ट्रासाउंड के परिणाम दिखाते हैं कि गर्भस्थ शिशु संक्रमित है।

लक्षणों वाले या बिना लक्षण वाले संक्रमित नवजात शिशुओं का इलाज पाइरिमेथामाइन, सल्फ़ाडायज़िन और ल्यूकोवोरिन (एक ऐसी दवाई, जो पाइरिमेथामाइन के दुष्प्रभावों से बचाव करती है) से किया जाता है।

कभी-कभी कॉर्टिकोस्टेरॉइड से आँखों की सूजन का इलाज किया जाता है। लक्षणों वाले या बिना लक्षणों वाले संक्रमित नवजात शिशुओं की जीवन के पहले 3 वर्षों के लिए हर 3 से 6 महीने में आँखों की जाँच होनी चाहिए।

नवजात शिशुओं में टोक्सोप्लाज़्मोसिस के लिए पूर्वानुमान

कुछ बच्चों में गंभीर संक्रमण होने पर जल्दी ही उनकी मृत्यु हो जाती है; जबकि दूसरे जीवित तो रहते हैं, लेकिन उन्हें लंबे समय तक न्यूरोलॉजिक समस्याएं होती हैं। कभी-कभी, न्यूरोलॉजिक समस्याएं (जैसे बौद्धिक विकलांगता, बहरापन, और सीज़र्स) या आँखों की समस्याएं जैसे कि कोरियोरेटीनाइटिस होती हैं, जो कि जन्म के समय सामान्य दिखाई देने वाले बच्चों में बाद के वर्षों में विकसित होती हैं। इसलिए जन्मजात टोक्सोप्लाज़्मोसिस से पीड़ित बच्चों की डॉक्टरों द्वारा शैशवावस्था के बाद भी बारीकी से निगरानी की जानी चाहिए।

टोक्सोप्लाज़्मोसिस से नवजात शिशुओं का बचाव

वे गर्भवती महिलाएँ, जिन्हें संक्रमण का खतरा हो (उदाहरण के लिए, अक्सर बिल्ली के मल के संपर्क में आने वाली), उनकी गर्भावस्था के दौरान स्क्रीनिंग की जानी चाहिए।

गर्भवती महिलाओं को बिल्ली की गंदगी से बचना चाहिए। अगर यह संभव नहीं है, तो गर्भवती महिलाओं को हर दिन पूरे गंदगी वाले बॉक्स को बदलना चाहिए, क्योंकि टोक्सोप्लाज़्मोसिस के अंडे बिल्ली द्वारा मल निकाले जाने के लगभग 24 घंटे बाद तक संक्रामक नहीं होते हैं। संक्रमण के जोखिम को कम करने के लिए उनको दस्ताने पहनने चाहिए और फिर अच्छी तरह से हाथ धोने चाहिए।

गर्भवती महिलाओं को माँस खाने से पहले उसको पूरी तरह से पका लेना चाहिए। फल और सब्ज़ियों को अच्छी तरह से धोना या छील लेना चाहिए और हाथों को बहुत अच्छी तरह से धोने के बाद ही सारा खाना पकाना चाहिए।

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