PFAPA (एपैथस स्टोमाटाइटिस, फ़ैरिन्जाइटिस और एडेनाइटिस के साथ आवधिक बुखार) सिंड्रोम की वजह से बार-बार बुखार के प्रकरण होते हैं जो 3 से 6 दिनों तक रहते हैं, साथ ही इससे मुँह में छाले (स्टोमाटाइटिस), गले में खराश (फ़ैरिन्जाइटिस) और लसीका ग्रंथियों में सूजन (एडेनाइटिस) होता है।
PFAPA (एपैथस स्टोमाटाइटिस, फ़ैरिन्जाइटिस ओर एडेनाइटिस के साथ समय-समय पर बुखार आना) सिंड्रोम बच्चों में होने वाला सबसे आम पीरियॉडिक फ़ीवर सिंड्रोम है। हालाँकि, PFAPA का संभवतः कोई आनुवंशिक कारण नहीं है, लेकिन इसे सामान्यतः आनुवंशिक बुखार सिंड्रोम के साथ समूहीकृत किया जाता है।
PFAPA सिंड्रोम आमतौर पर 2 से 5 वर्ष की उम्र के बीच शुरू होता है, और यह बालकों में अधिक सामान्य है। यह वयस्कों में भी पहचाना गया है।
बच्चों को महीने में लगभग एक बार बुखार होता है, जो 3 से 6 दिनों तक बना रहता है। PFAPA सिंड्रोम की वजह से थकान, ठंड लगना और कभी-कभी पेट दर्द और सिरदर्द के साथ-साथ बुखार, गले में खराश, मुंह में छाले और लसीका ग्रंथियों में सूजन आ जाती है।
सिंड्रोम के दो प्रकरणों के बीच के समय में बच्चे स्वस्थ रहते हैं, और उनका विकास भी सामान्य ढंग से होता है।
डॉक्टर द्वारा PFAPA सिंड्रोम का निदान इसके लक्षणों और इनके होने के पैटर्न पर किया जाता है। सूजन को मापने के लिए ब्लड टेस्ट (जैसे कि C-रिएक्टिव प्रोटीन और एरिथ्रोसाइट सेडिमेंटेशन रेट, जिसे कभी-कभी इंफ्लेमेटरी मार्कर्स भी कहा जाता है) किए जा सकते हैं।
PFAPA सिंड्रोम का उपचार
कभी-कभी कॉर्टिकोस्टेरॉइड, कोल्चीसिन, सिमेटीडीन, टॉन्सिलेक्टॉमी या इनका कॉम्बिनेशन
PFAPA सिंड्रोम के लिए किसी उपचार की आवश्यकता नहीं है, लेकिन लक्षणों से राहत पाने के लिए बच्चों को कॉर्टिकोस्टेरॉइड दिए जा सकते हैं। कुछ बच्चों में सिमेटीडीन या कोल्चीसिन मददगार हो सकती है। यदि इन उपचारों से मदद नहीं मिलती है, तो डॉक्टर द्वारा विरले मामलों में टॉन्सिल को निकालने (टॉन्सिलेक्टॉमी) की प्रक्रिया की जाती है, जिससे आमतौर पर लक्षणों से राहत प्राप्त होती है।
अनाकिनरा और कैनाकिनुमैब वे अन्य दवाइयाँ हैं जिनसे कुछ बच्चों को मदद मिल सकती है।
दर्द और बुखार से राहत के लिए आइबुप्रोफ़ेन या एसीटामिनोफ़ेन दिया जा सकता है।
बच्चों में PFAPA सिंड्रोम के बढ़ने की प्रवृत्ति होती है।