पसीना कम आना

(हायपोहाइड्रोसिस)

इनके द्वाराShinjita Das, MD MPH, Massachusetts General Hospital
समीक्षा की गई/बदलाव किया गया मार्च २०२४

कुछ लोगों को बहुत कम पसीना आता है (इस स्थिति को हायपोहाइड्रोसिस कहते हैं)।

(पसीने के विकारों का परिचय भी देखे।)

अगर व्यक्ति को गर्मी सहन नहीं होती है या उसके शरीर के बड़े भाग पर पसीना बहुत कम आता है, तो व्यक्ति के शरीर का तापमान बढ़ सकता है। हालांकि, बहुत कम पसीना आने की समस्या आमतौर पर शरीर के किसी विशेष जगह तक ही सीमित होती है।

पसीना कम होना त्वचा की ऐसी किसी चोट (जैसे आघात, रेडिएशन, संक्रमण [जैसे कुष्ठरोग] या सूजन) से या सिस्टेमिक रुमेटिक (ऑटोइम्यून) विकार (जैसे सिस्टेमिक स्क्लेरोसिस, सिस्टेमिक लूपस एरिथेमेटोसस, या शोग्रेन सिंड्रोम) से हो सकती है, जिससे पसीना पैदा करने वाली ग्रंथियां नष्ट हो जाती हैं।

बहुत कम पसीना आने की समस्या दवाओं से भी हो सकती है, विशेष रूप से उन दवाओं से जिनके एंटीकॉलिनर्जिक प्रभाव होते हैं (एंटीकॉलिनर्जिक: इसका क्या मतलब है? साइडबार देखें)। डायबिटीज़ के कारण तंत्रिकाओं को नुकसान (डायबिटिक न्यूरोपैथी) से भी बहुत कम पसीना आ सकता है और अनेक आनुवंशिक स्थितियाँ भी हो सकती हैं।

कुछ आनुवंशिक विकार बहुत कम पसीना आने का कारण हो सकते हैं। बहुत कम होने वाले जीन विकार में लोगों में पसीना बिल्कुल नहीं बनता है, इस स्थिति को एनहाइड्रोसिस कहते हैं।

कभी-कभी, बहुत गंभीर हीटस्ट्रोक (लू) से ग्रस्त लोगों में पसीना आना रुक जाता है।

हाइपोहिड्रोसिस का निदान

  • एक डॉक्टर का मूल्यांकन

डॉक्टर बहुत कम पसीना आने की समस्या का निदान, व्यक्ति को ध्यान से देखकर करते हैं।

हाइपोहिड्रोसिस का उपचार

  • अधिक गर्मी को रोकने के लिए अलग-अलग तरीके

पसीना बहुत कम आने का सबसे अच्छा इलाज एयर-कंडीशनिंग का इस्तेमाल करके और गीले कपड़े पहनकर शरीर को ठंडा करना है।

लोगों को उन दवाओं से भी बचना चाहिए, जो पसीना कम करती हों और उन गतिविधियों से भी बचना चाहिए, जो उनके शरीर का तापमान बढ़ाती हों।

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