पोटेशियम का लेवल क्यों बढ़ता है?

कारण

बीमारियां

दवाएँ या अन्य वजहें

यूरिन कम आना

गुर्दे की विफलता

अलिस्किरेन

एंजियोटेंसिन-कन्व्हर्टिंग एंज़ाइम (एसीई) इनहिबिटर

एंजियोटेन्सिन-रिसेप्टर ब्लॉकर

साइक्लोस्पोरिन (अंग ट्रांसप्लांट न कर पाने की स्थिति को ठीक करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है)

किडनी में पोटेशियम जमा करने वाले डाइयुरेटिक्स, जैसे कि एप्लेरेनॉन, स्पाइरोनोलैक्टॉन और ट्रायेमेट्रीन

बिना स्टेरॉइड वाली एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाएँ

टेक्रोलिमस (अंग ट्रांसप्लांट न कर पाने की स्थिति को ठीक करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है)

ट्राइमेथोप्रिम (एंटीबायोटिक्स)

सेल में से पोटेशियम निकलना

जलना, अगर गंभीर हो

दबाव की वजह से लगी चोटें

डायबिटीज मैलिटस (खासतौर पर डायबेटिक कीटोएसिडोसिस)

मेटाबोलिक एसिडोसिस

मांसपेशियों के ऊतकों का टूटना (रैब्डोमायोलिसिस)

बीटा-ब्लॉकर्स

कैंसर कीमोथेरेपी

थकाने वाली और देर तक की गई एक्सरसाइज़

ज्यादा खाना लेना

पोटेशियम की बहुतायत वाली डाइट लेना (जैसे की बीन, पत्तेदार सब्ज़ियां, आलू, मछली और केले)

पोटेशियम को इंट्रावीनस तरीके से देना, जैसे कि मुंह की जगह किसी अन्य अंग से आहार-पोषण लेना और ब्लड ट्रांसफ़्यूजन

पोटेशियम के सप्लीमेंट