रीकरंट मेनिनजाइटिस

इनके द्वाराJohn E. Greenlee, MD, University of Utah Health
समीक्षा की गई/बदलाव किया गया नव. २०२२

    दोबारा होने वाला मेनिनजाइटिस वह होता है जो एक से ज़्यादा बार होता है। दिमाग और स्पाइनल कॉर्ड (मेनिंजेस) को ढकने वाले ऊतकों की परतों और मेनिंजेस (सबएरेक्नॉइड स्पेस) के बीच द्रव से भरी हुई जगह में होने वाली सूजन को मेनिनजाइटिस कहते हैं।

    (मेनिनजाइटिस का परिचय भी देखें।)

    कभी-कभी, लोगों को दो या उससे ज़्यादा बार मेनिनजाइटिस होता है। मेनिनजाइटिस बैक्टीरिया, वायरस या फंगस की वजह से दोबारा हो सकता है।

    बैक्टीरिया

    बैक्टीरियल मेनिनजाइटिस दोबारा हो सकता है, अगर किसी इलाज न की गई चोट या जन्मजात दोष की वजह से, दिमाग और स्पाइनल कॉर्ड को ढकने वाले ऊतक की परतों के बीच में से बैक्टीरिया प्रवेश कर जाता है। दोष निम्न स्थानों पर हो सकता है

    • खोपड़ी की आधार में, जहां बैक्टीरिया साइनस, कान के मध्य में या कान के पीछे की हड्डी (मास्टॉइड प्रोसेस) से प्रवेश कर जाता है

    • मेनिंजेस या स्पाइनल कॉर्ड (जिसे न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट कहते हैं), आमतौर पर गर्दन या पीठ में नीचे की ओर

    रीढ़ की हड्डी में दोष का एकमात्र लक्षण रीढ़ के ऊपर की त्वचा पर डिंपल या बालों का गुच्छा हो सकता है।

    किसी चोट या जन्मजात दोष की वजह से होने वाले मेनिनजाइटिस को विकसित होने में कई महीने या साल लग सकते हैं।

    बहुत कम मामलों में, बैक्टीरियल मेनिनजाइटिस आनुवंशिक (जन्मजात) विकारों की वजह से होता है, जिसकी वजह से प्रतिरक्षा प्रणाली के एक हिस्से पर असर पड़ता है जिसे पूरक प्रणाली कहते हैं। ऐसे मामलों में, बैक्टीरिया की वजह से स्ट्रेप्टोकोकस निमोनिया या निसेरिया मेनिनजाइटिस हो सकता है। वैक्सीन की वजह से संक्रमण से सुरक्षा मिल सकती है। न्यूमोकोकल वैक्सीन का इस्तेमाल करके स्ट्रेप्टोकोकस निमोनिया और मेनिंगोकोकल वैक्सीन की मदद से निसेरिया मेनिनजाइटिस वाले संक्रमण से सुरक्षा मिल सकती है।

    अगर बैक्टीरियल मेनिनजाइटिस दोबारा होता है, डॉक्टर शारीरिक जांच करते हैं और खोपड़ी के आधार और स्पाइनल कॉर्ड में मौजूद दोष का पता लगाने के लिए कभी-कभी एक्स-रे या कंप्यूटेड टोमोग्राफ़ी (CT) करते हैं। वे प्रतिरक्षा तंत्र में आनुवंशिक विकारों की जांच करने के लिए रक्‍त परीक्षण कर सकते हैं।

    दोबारा होने वाले बैक्टीरियल मेनिनजाइटिस का इलाज एंटीबायोटिक्स और डेक्सामेथासोन (कॉर्टिकोस्टेरॉइड) से किया जाता है।

    वायरस

    दोबारा होने वाले वायरल मेनिनजाइटिस

    दोबारा होने वाले मेनिनजाइटिस को मोलारेट मेनिनजाइटिस कहते हैं। खासतौर पर, लोगों को तीन या ज़्यादा बार बुखार, सिरदर्द और गर्दन में अकड़न होती है। ये लक्षण आमतौर पर 2 से 5 दिन तक रहते हैं और फिर अपने-आप ठीक हो जाते हैं। व्यक्ति उनींदा या सुस्त लग सकता है। कुछ लोगों को सीज़र्स हो सकते हैं, नज़र की समस्या हो सकती है या सुनने की क्षमता जा सकती है।

    मोलारेट मेनिनजाइटिस का इलाज एंटीवायरल एसाइक्लोविर से किया जाता है। ज्यादातर लोग पूरी तरह ठीक हो जाते हैं।

    अन्य कारण

    दोबारा होने वाला मेनिनजाइटिस ऐसे स्थितियों में होता है जिसमें व्यक्ति को संक्रमण नहीं होता (तालिका देखें नॉनइंफ़ेक्शियस मेनिनजाइटिस के कुछ कारण), जैसे कि बिना स्टेरॉइड वाली एंटी इंफ़्लेमेटरी दवाएँ (NSAID) या अन्य दवाएँ। अगर एक बार मेनिनजाइटिस किसी दवा की वजह से होता है, तो दोबारा वही दवा लेने से मेनिनजाइटिस दोबारा हो सकता है।

    दिमाग के सिस्ट के फटने की वजह होने वाला मेनिनजाइटिस भी हो सकता है। इन सिस्ट का निदान करने के लिए दिमाग और/या स्पाइनल कॉर्ड की मैग्नेटिक रीसोनेंस इमेजिंग (MRI) की जाती है या MRI उपलब्ध न हो, तो कंप्यूटेड टोमोग्राफ़ी (CT) की जाती है।