आँख की चोट के कारण रेटिना का अलग होना

इनके द्वाराAnn P. Murchison, MD, MPH, Wills Eye Hospital
समीक्षा की गई/बदलाव किया गया मई २०२२ | संशोधित सित॰ २०२२

रेटिना आँख के पीछे स्थित प्रकाश-संवेदी संरचना होती है। कुंद चोट के कारण रेटिना का कुछ भाग या पूरा रेटिना फट सकता है या आँख के पीछे स्थित अपने नीचे की सतह से अलग हो सकता है।

(आँखों की चोटों का विवरण भी देखें।)

आमतौर पर, रेटिना का कुछ भाग ही अलग होता है (अक्सर रेटिना की बाहरी किनारा, या घेरे का भाग), लेकिन यदि चोट के बाद जल्दी से इलाज नहीं होता, तो रेटिना का और हिस्सा भी अलग हो सकता है। जब रेटिना अलग होता है, तो वह अपने रक्त की आपूर्ति के भाग से अलग हो जाता है। जब तक रेटिना को फिर से नहीं जोड़ा जाए, तब तक खून की कमी से वह स्थायी रूप से क्षतिग्रस्त हो सकता है।

आँख के अंदर का दृश्य

लक्षण

रेटिना अलग होने की प्रक्रिया दर्द रहित होती है और हो सकता है शुरुआत में कोई लक्षण न दिखे या यदि एक छोटा भाग ही निकला हो। लोगों में आमतौर पर निम्न लक्षण होते हैं, जो रेटिना के और अधिक भाग के निकलने के साथ बढ़ते जाते हैं:

  • तैरते आकार (फ़्लोटर-धब्बे/रेखाएँ जो व्यक्ति के दृष्टि क्षेत्र में चलते दिखाई देते हैं) में बढ़त दिखाई देना

  • तेज़ प्रकाश की चमक दिखाई देना जो एक सेकंड से कम समय तक रहती है (फ़ोटेप्सिया)

  • धुँधला दिखाई देना

  • उनकी दृष्टि का ऐसा क्षेत्र होना जहाँ वे देख नहीं सकते (विजुअल फ़ील्ड कट)

बाहरी घेरे की दृष्टि की हानि आमतौर पर पहले होती है, और जैसे-जैसे अलग होने की प्रक्रिया बढ़ती है दृष्टि की हानि बढ़ती जाती है। दृष्टि की हानि से दृष्टि के क्षेत्र में धूसरपन आ जाता है या ऐसा लगता है जैसे नज़र के पार कोई पर्दा गिर गया हो। लोगों को आँख के पिछले हिस्से के पास जेली की तरह काँच जैसे द्रव्य में खून (विट्रियस हैमरेज) आ सकता है। यदि मैक्युला अलग हो जाता है, तो दृष्टि बहुत तेज़ी से ख़राब होती है, और सबकुछ धुँधला हो जाता है। इनमें से किसी भी लक्षण वाले व्यक्ति को जितनी जल्दी हो सके डॉक्टर से मिलने की ज़रूरत होती है।

निदान

  • डॉक्टर द्वारा आँख की जांच

  • कभी-कभी अल्ट्रासोनोग्राफी

एक ऑप्थेल्मोलॉजिस्ट (एक डॉक्टर जो आँख के विकारों के मूल्यांकन और - सर्जिकल या गैर-सर्जिकल - इलाज का विशेषज्ञ होता है) आँख की पुतली को फैलाने के लिए आई ड्रॉप लगाने के बाद तेज़ प्रकाश के साथ आँख के पिछले भाग की जांच (ऑप्थेल्मोस्कोपी) करता है। कभी-कभी अल्ट्रासाउण्ड जांच की जाती है।

उपचार

  • सर्जरी

अधिकतर रेटिना अलग होने को सर्जरी से ठीक किया जा सकता है। सर्जन रेटिना के फटने को लेज़र सर्जरी या फ़्रीज़िंग थेरेपी (क्रायोथेरेपी) द्वारा भर देता है। बड़े स्तर पर रेटिना अलग होने के लिए, सर्जन आँख के चारों ओर एक सिलिकॉन का पट्टा (स्क्लेरल बकल कहा जाता है) रखकर या लेंस के पीछे और रेटिना के आगे काँच जैसी जेली को विट्रेक्टोमी नामक सर्जरी द्वारा निकाल कर रेटिना और आँख की भित्ति को पास में ला सकता है। रेटिना को पकड़ने और चपटा करने के लिए अक्सर एक गैस बबल का उपयोग किया जाता है। छोटा हिस्सा अलग होने पर, लेज़र सर्जरी या क्रायोथेरेपी के साथ गैस बबल (न्यूमैटिक रेटिनोपेक्सी कहलाता है) का उपयोग करके रेटिना को फिर से जोड़ा जा सकता है। सर्वोत्तम संभावित दृष्टि देने के लिए अलग हो जाने के बाद जल्दी से इलाज पूरा करना चाहिए।

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