रोज़ेशिया

(एक्ने रोज़ेशिया)

इनके द्वाराJonette E. Keri, MD, PhD, University of Miami, Miller School of Medicine
समीक्षा की गई/बदलाव किया गया फ़र. २०२२

रोज़ेशिया त्वचा का एक ज़िद्दी विकार है, जिससे आम तौर पर चेहरे के मध्य भाग पर, लालिमा और छोटे मुंहासे होने के साथ-साथ रक्त वाहिकाएं दिखने लगती हैं।

  • कारण अज्ञात है।

  • आम लक्षणों में लालिमा, छोटी-छोटी रक्त वाहिकाओं का दिखना और कभी-कभी छोटे मुंहासे शामिल हैं, जो गालों और नाक पर होते हैं।

  • इसका निदान ददोरे की खास दिखावट और लक्षण पहली बार होने के समय व्यक्ति की आयु के आधार पर किया जाता है।

  • खाने-पीने की कुछ चीज़ों, अल्कोहल, गर्म पेय पदार्थों और धूप, बहुत अधिक या बहुत कम तापमान और कॉस्मेटिक के संपर्क से परहेज़ करके, रोज़ेशिया को और बदतर होने से रोका जा सकता है।

  • इसके इलाज में त्वचा पर इस्तेमाल की जाने वाली एंटीबायोटिक्स दवाएँ या कुछ लोगों के मामले में, मुंह से ली जाने वाली एंटीबायोटिक्स दवाएँ शामिल होती हैं।

रोज़ेशिया आम तौर पर, 30 से 50 वर्षीय लोगों को प्रभावित करता है। यह विकार आयरिश और उत्तरी यूरोपीय वंशावली के गोरे लोगों में सबसे आम है, लेकिन यह सांवली त्वचा वाले लोगों को भी प्रभावित करता है, जिनमें इसके सारे मामलों की पहचान शायद नहीं हो पाती। हालांकि, डॉक्टर रोज़ेशिया को आम तौर पर आसानी से पहचान लेते हैं, लेकिन कभी-कभी यह एक्ने और त्वचा के कुछ अन्य विकारों जैसा दिखता है। इसे अक्सर एडल्ट एक्ने कहा जाता है।

रोज़ेशिया का कारण ज्ञात नहीं है, लेकिन कुछ लोगों में यह विकार होने की संभावना अधिक होती है।

मसालेदार भोजन, अल्कोहल या गर्म पेय पदार्थ, इस विकार को बढ़ा सकते हैं। इसे बढ़ाने वाले अन्य कारकों में धूप, सनस्क्रीन, भावनात्मक तनाव, ठंडा या गर्म मौसम, व्यायाम, तेज़ हवा, कॉस्मेटिक उत्पाद और हॉट बाथ शामिल हो सकते हैं।

कुछ दवाएँ जैसे एमीओडारोन, त्वचा पर लगाई या सांस से ली जाने वाली कॉर्टिकोस्टेरॉइड दवाएँ और विटामिन B6 और B12 की हाई डोज़ से रोज़ेशिया बदतर हो सकता है।

रोज़ेशिया के लक्षण

रोज़ेशिया केवल चेहरे और सिर की त्वचा को प्रभावित करता है। इसके चार चरण होते हैं:

  • प्री-रोज़ेशिया चरण (चरण 1): गालों और नाक के ऊपर की त्वचा सामान्य से अधिक लंबे समय तक लाल और गर्म हो जाती है, और उसमें चुभन हो सकती है।

  • वैस्कुलर चरण (चरण 2): त्वचा लाल और सूजी दिखती है और सतह के ठीक नीचे छोटी-छोटी रक्त वाहिकाएं दिखने लगती हैं (इसे टेलेंजिएक्टेसिया कहते हैं)।

  • इंफ्लेमेटरी फेज़ (चरण 3): अक्सर छोटे-छोटे मुंहासे हो जाते हैं, जिनमें कभी-कभी मवाद होता है (इन्हें दाने कहते हैं)।

  • लेट फेज़ (चरण 4): कुछ लोगों में नाक के इर्द-गिर्द की त्वचा कभी-कभी मोटी हो जाती है, जिससे वह लाल और बल्ब जैसी गोल दिखने लगती है (इसे राइनोफायमा कहते हैं)।

रोज़ेशिया के उदाहरण
रोज़ेशिया
रोज़ेशिया
रोज़ेशिया में चेहरा लाल हो सकता है और मुंहासे व दाने हो सकते हैं।

थॉमस हबीफ, MD द्वारा प्रदान की गई छवि।

वैस्कुलर रोज़ेशिया
वैस्कुलर रोज़ेशिया
इस फोटो में वैस्कुलर रोज़ेशिया से ग्रस्त एक महिला के गालों पर लालिमा और टेलेंजिएक्टेसिया देखे जा सकते हैं।

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इंफ्लेमेटरी रोज़ेशिया
इंफ्लेमेटरी रोज़ेशिया
इस फोटो में इंफ्लेमेटरी (शोथकारी) रोज़ेशिया से ग्रस्त एक महिला में साफ़ तौर पर, लालिमा और छोटे-छोटे ठोस मुंहासे (फुंसिय... अधिक पढ़ें

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रोज़ेशिया का राइनोफायमा
रोज़ेशिया का राइनोफायमा
इस फोटो में रोज़ेशिया से ग्रस्त एक व्यक्ति में राइनोफायमा देखा जा सकता है, जिसकी पहचान है नाक की त्वचा का मोटा होना और ... अधिक पढ़ें

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चेहरे को प्रभावित करने वाले रोज़ेशिया के साथ-साथ अक्सर आंखों को प्रभावित करने वाला रोज़ेशिया (जिसे ऑकुलर रोज़ेशिया कहते हैं) भी होता है। ऑकुलर रोज़ेशिया के लक्षणों में पलकों, कंजंक्टाइवा, आइरिस, स्कलेरा और कॉर्निया में से एक या अधिक का शोथ शामिल हो सकता है जिससे खुजली होती है, आंखों में कुछ पड़े होने का अहसास (बाहरी वस्तु संवेदना) होता है और आंख लाल होकर सूज जाती है।

ऑकुलर रोज़ेशिया
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इस फोटो में ऑकुलर रोज़ेशिया से ग्रस्त एक व्यक्ति की दोनों आंखों में लालिमा और पलकों में लालिमा व सूजन देखी जा सकती है।
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रोज़ेशिया का निदान

  • डॉक्टर की जांच

डॉक्टर ददोरे कैसे दिखते हैं, इस आधार पर रोज़ेशिया का निदान करते हैं। इसके लिए कोई विशिष्ट टेस्ट नहीं है। लक्षण पहली बार दिखने के समय व्यक्ति की आयु और ब्लैकहैड व व्हाइटहैड की अनुपस्थिति से रोज़ेशिया को एक्ने से अलग पहचानने में मदद मिलती है।

रोज़ेशिया का इलाज

  • समस्या के बढ़ने से बचना

  • इंफ्लेमेटरी रोज़ेशिया के लिए, मुंह से ली जाने वाली या त्वचा पर लगाई जाने वाली एंटीबायोटिक्स दवाएँ या एज़ेलेक एसिड या आइवरमेक्टिन

  • फ़्लशिंग (त्वचा लाल और गर्म पड़ जाने) के लिए ब्रिमोनिडीन जैल या ऑक्सीमेटाज़ोलिन क्रीम

  • टेलेंजिएक्टेसिया के लिए लेजर और इलेक्ट्रोकॉटरी

  • राइनोफायमा के लिए डर्माब्रेज़न, लेजर और/या अतिरिक्त ऊतक हटाना

समस्या के बढ़ने से बचना, रोज़ेशिया का पहला इलाज है। इलाज में लक्षणों पर नियंत्रण का लक्ष्य रखा जाता है, क्योंकि रोज़ेशिया का कोई इलाज नहीं है।

इंफ्लेमेटरी रोज़ेशिया में त्वचा पर लगाई जाने वाली एंटीबायोटिक्स दवाएँ जैसे मेट्रोनीडाज़ोल, बेंजॉइल परॉक्साइड, क्लिंडामाइसिन, मिनोसाइक्लिन और एरिथ्रोमाइसिन तथा एज़ेलेक एसिड क्रीम प्रभावी हो सकती हैं। आइवरमेक्टिन क्रीम भी प्रभावी होती है। त्वचा पर लगाई जाने वाली कॉर्टिकोस्टेरॉइड दवाओं से अक्सर रोज़ेशिया बदतर हो जाता है।

जिन लोगों को बहुत से दाने हों या ऑकुलर रोज़ेशिया हो, उन्हें मुंह से ली जाने वाली कुछ एंटीबायोटिक्स दवाएँ दी जाती हैं। आम तौर पर, डॉक्सीसाइक्लिन, टेट्रासाइक्लिन, मिनोसाइक्लिन, एज़िथ्रोमाइसिन या एरिथ्रोमाइसिन का इस्तेमाल किया जाता है। मुंह से ली जाने वाली आइसोट्रेटिनॉइन प्रभावी हो सकती है, लेकिन संभावित गंभीर बुरे असर के कारण इसे तब तक प्रयोग नहीं करते, जब तक अन्य इलाज निष्प्रभावी न हों।

लगातार बनी रहने वाली फ़्लशिंग (त्वचा का लाल व गर्म पड़ जाना) या लालिमा का इलाज ब्रिमोनिडीन जैल या ऑक्सीमेटाज़ोलिन क्रीम से किया जा सकता है।

टेलेंजिएक्टेसिया का इलाज लेजर ट्रीटमेंट और इलेक्ट्रोकॉटरी (त्वचा पर लगाई गई इलेक्ट्रिक करंट टेलेंजिएक्टेसिया को हटा देती है) से किया जाता है।

गंभीर राइनोफायमा के मामले में दवाओं से पूरा लाभ मिलने की संभावना कम होती है। इसलिए, इस विकार से ग्रस्त व्यक्ति को अतिरिक्त ऊतक हटाने के लिए डर्माब्रेज़न (एक कार्यविधि, जिसमें त्वचा की सतह को किसी घर्षण करने वाले धातुई उपकरण से घिसकर ऊपरी परत हटा दी जाती है), लेजर ट्रीटमेंट और/या सर्जरी की ज़रूरत पड़ सकती है।