नवजात शिशु में लिस्टिरियोसिस

इनके द्वाराBrenda L. Tesini, MD, University of Rochester School of Medicine and Dentistry
समीक्षा की गई/बदलाव किया गया अक्टू. २०२२ | संशोधित दिस. २०२२

लिस्टिरियोसिस एक ऐसा संक्रमण है जो लिस्टीरिया मोनोसाइटोजेन्स नामक बैक्टीरिया के कारण होता है।

  • लिस्टिरियोसिस नवजात शिशुओं में गर्भाशय में या प्रसव के दौरान या उसके बाद हो सकता है।

  • लेकिन इसमें सुस्ती और दूध पीने में परेशान करने समेत अलग-अलग तरह के लक्षण हो सकते हैं।

  • इसमें बैक्टीरिया की पहचान करके निदान की पुष्टि की जाती है इसके लिए नवजात शिशु और मां से रक्त के या दूसरे पदार्थ के नमूने प्राप्त किए जाते हैं।

  • संक्रमण के कारण कुछ नवजात शिशुओं की मौत हो जाती है।

  • कुछ खाद्य पदार्थों को खाने से गर्भवती महिलाओं को बचना चाहिए और कच्चे खाद्य पदार्थों के रख-रखाव के बाद हाथों और रसोई के उपकरण को अच्छी तरह से धोना चाहिए।

  • संक्रमण का इलाज एंटीबायोटिक्स से किया जा सकता है।

(नवजात शिशुओं में संक्रमण और वयस्कों में लिस्टिरियोसिस का विवरण भी देखें।)

दुनिया भर में कुछ लोगों और कई जानवरों की आंत में लिस्टीरिया मोनोसाइटोजेन्स नामक बैक्टीरिया रहता है। दूसरे कई जीवों के विपरीत रेफ्रिजरेटर के तापमान पर यह बखूबी जीवित रहता है।

दूषित खाना खाने से गर्भवती महिलाएं संक्रमित हो सकती हैं। इन खाद्य पदार्थों में शामिल हैं बिना पाश्चरीकृत किया गया डेयरी उत्पाद, सॉफ़्ट चीज़, कच्ची सब्ज़ियां, तैयार डेली मीट और सलाद, रेफ्रिजरेटेड मीट स्प्रेड या स्मोक्ड सीफ़ूड। अगर लिस्टीरिया मोनोसाइटोजेन्स गर्भावस्था के दौरान गर्भनाल (भ्रूण को पोषण देने वाला अंग) तक पहुँच जाने पर भ्रूण संक्रमित हो जाते हैं। नवजात शिशु प्रसव के दौरान या उसके बाद भी संक्रमित हो सकते हैं।

नवजात शिशुओं में लिस्टिरियोसिस के लक्षण

लिस्टिरियोसिस से संक्रमित गर्भवती महिलाओं में हो सकता है कोई लक्षण नहीं दिखाई दे या हो सकता है फ़्लू जैसे लक्षण (उदाहरण के तौर पर, ठंड लगना, बुखार और मांसपेशियों में दर्द) हों।

भ्रूण और नवजात शिशुओं मेंसेप्सिस (एक तरह का रक्त संक्रमण) की तरह लिस्टिरियोसिस के लक्षण होते हैं और इसमें सुस्ती और दूध पीने में परेशान करना शामिल होता है। लक्षण जन्म के कुछ घंटों या दिनों (जिसको शुरू में होने वाला कहा जाता है) के भीतर दिखाई दे सकते हैं या कई सप्ताह (जो देर से होना कहलाता है) के बाद भी दिख सकते हैं। जिन नवजात शिशुओं में शुरुआत में लक्षण दिखाई देते हैं, अक्सर जन्म के समय उनका वज़न कम होता है, प्रसव के समय समस्याएं होती हैं और जन्म लेते ही सेप्सिस के लक्षण दिखने लगते हैं। जिन नवजात शिशुओं में लक्षण देर से दिखाई पड़ते हैं, वे आमतौर पर अपने पूरे समय में पैदा होते हैं और शुरू में स्वस्थ होते हैं, लेकिन फिर उनमें मेनिनजाइटिस (मस्तिष्क का संक्रमण) या सेप्सिस हो जाता है।

लिस्टिरियोसिस की दूसरे किस्म की आम जटिलताओं में गर्भपात, इंट्रा-एमनियोटिक संक्रमण के साथ-साथ समय से पहले प्रसव और मृत शिशु का पैदा होना शामिल हैं।

नवजात शिशुओं में लिस्टिरियोसिस का निदान

  • गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं के रक्त और दूसरे फ़्लूड का परीक्षण

बुखार से पीड़ित गर्भवती महिलाओं में रक्त के नमूने, गर्भाशय ग्रीवा से पदार्थ और एमनियोटिक फ़्लूड को निकाल कर लिस्टीरिया मोनोसाइटोजेन्स के लिए परीक्षण किया जा सकता है।

नवजात शिशु अगर बीमार है, तो रक्त और स्पाइनल फ़्लूड के नमूनों (स्पाइनल टैप से लिया जाता है—स्पाइनल टैप करने का तरीका देखें) को निकाला जाता है और लिस्टीरिया मोनोसाइटोजेन्स का परीक्षण किया जाता है। नवजात शिशु अगर बीमार है और मां को पक्के तौर पर लिस्टिरियोसिस है, तो उसके पेट से फ़्लूड, मेकोनियम (जन्म से पहले आंतों में बनने वाला मल) और संक्रमित ऊतकों के अलावा रक्त और स्पाइनल फ़्लूड के नमूने भी लिए जाते हैं और लिस्टीरिया मोनोसाइटोजेन्स का परीक्षण किया जाता है।

प्रयोगशाला परीक्षण

बैक्टीरिया की वृद्धि (कल्चर) करने के लिए या पॉलीमरेज़ चेन रिएक्शन (PCR) परीक्षण करने के लिए नमूनों को प्रयोगशाला में भेजा जाता है। PCR टेस्ट बैक्टीरिया की आनुवंशिक सामग्री की तलाश करता है और डॉक्टरों को बैक्टीरिया की तेज़ी से पहचान करने में सक्षम बनाता है। नमूने में बैक्टीरिया की पहचान करने से निदान की पुष्टि होती है।

नवजात शिशुओं में लिस्टिरियोसिस के लिए पूर्वानुमान

लिस्टिरियोसिस से पीड़ित लगभग 10 से 50% नवजात शिशुओं की मौत हो जाती है। मृत्यु दर उन नवजात शिशुओं में कहीं ज़्यादा होती है, जिन्हें एकदम शुरुआत में लिस्टिरियोसिस होता है।

नवजात शिशु में लिस्टिरियोसिस से बचाव

गर्भवती महिलाओं को ऐसे खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए, जिनके लिस्टीरिया मोनोसाइटोजेन्स से दूषित होने की ज़्यादा संभावना होती है। ऐसे खाद्य पदार्थ, जिन्हें खाने से बचना चाहिए, उनमें बिना पाश्चरीकृत के डेयरी प्रोडक्ट, सॉफ़्ट चीज़, कच्ची सब्ज़ियां, तैयार डेली मीट और सलाद, फ़्रिज़ में रखा मीट स्प्रेड और स्मोक्ड सीफ़ूड शामिल हैं। खाने के सामान को ठीक से रख-रखाव करना, खास तौर पर पकाने की तैयारी करते समय कच्चे मांस को अन्य चीज़ों से अलग करना और कच्चे खाद्य पदार्थ के रख-रखाव के बाद हाथ, बर्तन और काटने के लिए बोर्ड को धोना निहायत ज़रूरी है।

गर्भावस्था के दौरान अगर लिस्टिरियोसिस का निदान किया जाता है, तो इसके प्रसार को रोकने में मदद करने के लिहाज़ से डॉक्टर हो सकता है प्रसव से पहले या प्रसव के समय एंटीबायोटिक्स दवाओं से गर्भवती महिलाओं का इलाज करें, लेकिन इस तरह के इलाज की सार्थकता अप्रमाणित है।

नवजात शिशु में लिस्टिरियोसिस का इलाज

  • एंटीबायोटिक्स

नवजात शिशुओं को एंटीबायोटिक एम्पीसिलीन प्लस और एमीनोग्लाइकोसाइड नाम की दवा दी जाती है, जो एक दूसरी श्रेणी का एंटीबायोटिक है।

सेप्सिस से पीड़ित नवजात शिशुओं को भी एंटीबायोटिक्स और दूसरे किस्म के इलाज की जरूरत होती है।