प्लाक का फूटना
प्लाक का फूटना

    हृदय धमनियों के एक जटिल नेटवर्क के माध्यम से शरीर में रक्त को पंप करता है। करोनरी धमनियों को छोड़कर, जो स्वयं हृदय को पोषण प्रदान करती हैं, अधिकांश धमनियाँ ऑक्सीजन से प्रचुर रक्त को हृदय से दूर ले जाती हैं। रक्त में लाल रक्त कोशिकाएं, श्वेत रक्त कोशिकाएं, पोषक तत्व और जीवन के लिए महत्वपूर्ण अन्य पदार्थ संचरित होते हैं। रक्त में कोलेस्ट्रॉल और अन्य फैट के पदार्थ भी संचरित होते हैं। समय के साथ, ये पदार्थ धमनी की दीवारों पर जमा हो सकते हैं, एक अवस्था जिसे एथरोस्क्लेरोसिस कहते हैं। कोलेस्ट्रॉल का जमाव, या प्लाक का निर्माण समय के साथ हो सकता है जिससे धमनी की अन्यथा चिकनी दीवारें कड़ी और संकरी हो जाती हैं। जब धमनी की दीवारें संकरी और कड़ी हो जाती हैं, तो रक्त का प्रवाह सीमित हो जाता है। जब प्लाक जमा होता है, तो यह जमाव अस्थिर हो सकता है और टूट कर अलग हो सकता है या “फूट” सकता है। जब रक्त का जमना या आपस में चिपकना शुरू होता है तो उसके परिणामस्वरूप फूटने के स्थान पर थ्रॉम्बोसिस नामक एक अवस्था उत्पन्न होती है, जो वैसी ही होती है जैसा त्वचा के कटने पर रक्तस्राव को रोकने के लिए खून के थक्के बनने पर होता है। ब्लॉकेज, या थ्रॉम्बस, आकार में बढ़ सकता है, जिससे रक्त का प्रवाह और सीमित हो सकता है। थ्रॉम्बस के उस स्थान से टूटने और बह कर धमनियों में जाने का खतरा भी होता है। थ्रॉम्बस से होने वाली रुकावट जीवन के लिए खतरनाक हो सकती है। करोनरी धमनी में रुकावट से दिल का दौरा पड़ सकता है जबकि मस्तिष्क की धमनी में रुकावट से स्ट्रोक हो सकता है। शरीर की प्रमुख धमनियों में से एक में रुकावट हाथ या पैर या किसी अवयव में रक्त का प्रवाह रुक सकता है, जिससे उस क्षेत्र में दर्द और ऊतक की क्षति हो सकती है।

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