उम्र बढ़ने के बारे में स्पॉटलाइट: नाखूनों के विकार  

आयु बढ़ने के साथ, नाख़ून सूखे और नाज़ुक हो जाते हैं और बीच में से उभरे होने की बजाए चपटे हो जाते हैं या बीच में से दब जाते हैं। उनकी लंबाई की दिशा में उभरी धारियाँ बन सकती हैं। नाखूनों का रंग बदलकर पीला या स्लेटी हो सकता है। नाज़ुक नाख़ून टूट सकते हैं।

बुज़ुर्गों में और डायबिटीज़ ग्रस्त लोगों ( देखें डायबिटीज से पैरों में समस्याएं) या परिधीय वाहिकीय रोग ( देखें पंजों की देखभाल) से ग्रस्त लोगों में पैरों के नाखूनों को विशेष देखभाल चाहिए होती है। ऐसे लोगों के पंजों में संवेदना की कमी हो सकती है जिससे, नाख़ून काटते समय चोट लगने का जोखिम बढ़ जाता है। पंजों के डॉक्टर (पोडियाट्रिस्ट) ऐसी त्वचा की टूट-फूट की रोकथाम के लिए उनके नाखूनों की देखभाल में मदद कर सकता है, जिनमें संक्रमण पैदा हो सकता है।