नींद में सुधार करने के लिए व्यवहार में बदलाव

क्या करें

इसे कैसे करें

नियमित रूप से सोने-जागने की समय-सारणी का अनुपालन करें

लोगों को हर रात एक नियत समय पर सो जाना चाहिए, और सबसे ज़रूरी बात है कि हर सुबह तय समय पर जागना चाहिए, यहां तक कि हफ़्ते के आखिर और छुट्टियों में भी ऐसा ही करना चाहिए। लोगों को बिस्तर में बहुत अधिक समय नहीं बिताना चाहिए।

सोने के समय से पहले एक नियमित रूटीन का पालन करें

गतिविधियों का नियमित पैटर्न—जैसे सॉफ़्ट म्यूजिक को सुनना, दांतों को ब्रश करना, मुंह धोना, और अलार्म क्लॉक सेट करना—नींद के लिए मनोदशा तय कर सकते हैं। इस रूटीन का हर रात पालन किया जाना चाहिए, चाहे घर पर हों या बाहर। इस रूटीन के हिसाब से, लोगों को सोने से पहले चमकदार रोशनी से बचना चाहिए। रात को सोने से कुछ घंटे पहले सेल फ़ोन, कंप्यूटर और टेलीविज़न का सीमित प्रयोग करने से भी सहायता मिलेगी।

परिवेश को नींद के लिए अनुकूल बनाएँ

बेडरूम को डार्क, शांत तथा न ही बहुत गर्म और न ही बहुत ठंडा रखा जाना चाहिए। शोर-शराबे से नींद में बाधा पैदा हो सकती है, तब भी जब लोग इसकी वजह से जागते नहीं हैं। ईयर प्लग पहनने, व्हाइट-नॉयस मशीन या पंखा या बेडरूम में भारी पर्दे लगाने से (ताकि बाहर से आने वाले शोर शराबे और लाइट से बचा जा सके) फ़ायदा हो सकता है। आँखों पर मास्क पहनने से ऐसे लोगों को सहायता मिल सकती है, जिनके लिए दिन के समय ऐसे कमरे में सोना ज़रूरी होता है जिसमें पूरी तरह से अंधेरा नहीं किया जा सकता है। यदि लोग रात में जाग जाते हैं, तो उनको चमकदार रोशनी से बचना चाहिए।

सिरहानों का इस्तेमाल करें

घुटनों के बीच में या कमर के नीचे सिरहानों को रखने से, कुछ लोग सुविधा महसूस करते हैं। पीठ की समस्याओं से पीड़ित लोगों के लिए, घुटनों के बीच में सिरहाने को रख कर साइड में सोने से या घुटनों के नीचे बड़ा सिरहाना रख कर पीठ के बल सोने से फ़ायदा हो सकता है।

बिस्तर का इस्तेमाल मुख्य रूप से सोने के लिए करें

बिस्तर का इस्तेमाल सोने और सेक्स करने के लिए किया जाना चाहिए। इसका प्रयोग खाने-पीने, पढ़ने, टेलीविज़न देखने, बिलों का भुगतान करने, फ़ोन या लैपटॉप पर टेक्स्ट मैसेज या ईमेल भेजने या जागने से जुड़ी अन्य गतिविधियों से नहीं करना चाहिए।

उठ जाएं

जब लोग 20 मिनट के अंदर सोने में असमर्थ रहते हैं, तो उठ कर दूसरे कमरे में जाकर कुछ करना और फिर से नींद महसूस होने पर बिस्तर पर आ जाना, बिस्तर पर पड़े रहने और सोने की कोशिश करने की तुलना में कहीं बेहतर रहता है।

नियम से कसरत करें

एक्सरसाइज़ से लोगों को स्वभाविक रूप से नींद आने में सहायता मिल सकती है। हालांकि, सोने के समय से 5 घंटे पहले एक्सरसाइज़ करने से हृदय और दिमाग उत्प्रेरित हो सकते हैं और लोग जगे रह सकते हैं।

आराम करें

तनाव और चिंता नींद के बाधक हैं। रात को सोते वक्त जिन लोगों को नींद नहीं आती, वे पढ़कर या गर्म पानी से स्नान करके विश्राम कर सकते हैं। रिलैक्सेशन तकनीक जैसे विज़ुअल इमेजरी, प्रगतिशील मांसपेशी रिलैक्सेशन, और सांस लेने से जुड़ी एक्सरसाइज़ की जा सकती है। लोग अपनी समस्याओं को अपने बेडरूम के दरवाज़े तक छोड़ने का लक्ष्य बना सकते हैं। चिंताओं पर विचार करने के लिए दिन के समय में वक्त तय करने से, रात को सोते समय चिंता करने की आवश्यकता को कम किया जा सकता है।

रात को सोने से पहले उत्प्रेरक गतिविधियों से बचें

सोने से पहले एक घंटे के दौरान रोमांचक टेलीविज़न कार्यक्रम या खेल कार्यक्रम देखना, रोमांचक कंप्यूटर गेम खेलना, या काम से संबंधित जटिल मामलों से निपटना, नींद को कठिन बना सकता है।

ऐसे चीज़ों से बचें जिनके कारण नींद में बाधा होती है

ऐसे खाद्य पदार्थ और पेय पदार्थ जिनमें अल्कोहल या कैफ़ीन होती है (जैसे कॉफ़ी, चाय, कोला ड्रिंक्स, तथा चॉकलेट) से नींद बाधित हो सकती है, और ऐसा ही भूख घटाने वाले तत्वों, डाइयुरेटिक्स, तथा निकोटीन (सिगरेट तथा निकोटीन पैच) से भी हो सकता है। कैफ़ीन वाली चीज़ों का सेवन रात को सोने से 12 घंटे पहले नहीं किया जाना चाहिए। रात को बड़ी मात्रा में अल्कोहल का सेवन करने से सुबह जल्दी जागना पड़ सकता है। धूम्रपान छोड़ देने से फ़ायदा हो सकता है।

हल्के स्नैक का सेवन करें

नींद लाने में भूख बाधा पैदा कर सकती है। कभी-कभी, हल्के स्नैक खाने से विशेषरूप से यदि गर्म हैं, तो सहायता मिल सकती है जब तक कि व्यक्ति को गैस्ट्रोइसोफ़ेजियल रिफ़्लक्स न हो। हालांकि, लोगों को सोने से कुछ घंटे पहले खाने से बचना चाहिए तथा रात को सोने के समय के आसपास भोजन, खास तौर पर भारी भोजन नहीं करना चाहिए। भारी भोजन करने से, सीने में जलन पैदा हो सकती है जिससे नींद बाधित हो सकती है।

ऐसे व्यवहार से दूर रहें जिससे चिंता बढ़ती है

लोग घड़ी को दूर रख सकते हैं, जिससे समय पर उनका ध्यान केन्द्रित नहीं रहता है। बिस्तर में होने पर उन्हें घड़ी नहीं देखनी चाहिए।

दिन के समय में चमकदार रोशनी में समय बिताएँ

दिन के समय प्रकाश के संपर्क में रहने से लोगों को अपने सोने-जागने का शेड्यूल तय करने में मदद मिल सकती है, ताकि वे धरती के प्रकाश और अंधकार के चक्र के साथ तालमेल स्थापित कर सकें।

दिन में थोड़ी देर के सोने से बचें, सिवाए ऐसे लोग जो शिफ्ट कामगार हैं और जिनको नार्कोलेप्सी है

अनिद्रा रोग से पीड़ित लोगों में दिन के समय सोने से रात को नींद बाधित हो सकती है। हालांकि, झपकी लेने से नार्कोलेप्सी से पीड़ित लोगों में दवाई की आवश्यकता कम हो जाती है और शिफ़्ट में काम करने वाले लोगों के प्रदर्शन में सुधार होता है। यदि ज़रूरत है, तो झपकियां दिन के एक ही समय पर लेनी चाहिए और यह 30 मिनट से अधिक नहीं होनी चाहिए।