तंत्रिका कोशिका की विशिष्ट संरचना
तंत्रिका कोशिका की विशिष्ट संरचना
तंत्रिका कोशिका की विशिष्ट संरचना

तंत्रिका कोशिका (न्यूरॉन) में एक बड़ी कोशिका और कई तंत्रिका तंतु होते हैं—जिनमें आवेग भेजने के लिए 1 लंबा तंत्रिकाक्ष (एक्सॉन) और आवेग प्राप्त करने के लिए आम तौर पर कई शाखाएँ (डेंड्राइट्स) शामिल होती हैं। आवेग एक्सॉन से होते हुए साइनेप्स (2 तंत्रिका कोशिकाओं के बीच के जंक्शन) को पार करते हुए दूसरी कोशिका के डेंड्राइट तक पहुंचते हैं।

प्रत्येक बड़ा एक्सॉन मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी में ओलिगोडेंड्रोसाइट्स और परिधीय तंत्रिका तंत्र में श्वान कोशिकाओं से घिरा होता है। इन कोशिकाओं की झिल्लियों में मायलिन नामक वसा (लिपोप्रोटीन) होता है। झिल्लियां एक्सॉन के चारों ओर कसकर लिपटी होती हैं, जिससे अनेक परत वाला आवरण बनता है। मायलिन का यह आवरण इन्सुलेशन जैसा दिखता है, जैसे कि बिजली की तार के चारों तरफ होता है। तंत्रिका आवेग मायलिन आवरण के साथ बिना आवरण वाले तुलना में नसों में बहुत तेजी से यात्रा करते हैं।