दांतों का जीवविज्ञान

इनके द्वाराRosalyn Sulyanto, DMD, MS, Boston Children's Hospital
द्वारा समीक्षा की गईDavid F. Murchison, DDS, MMS, The University of Texas at Dallas
समीक्षा की गई/बदलाव किया गया अप्रैल २०२४ | संशोधित जुल॰ २०२५
v1521125_hi

एक दांत तीन हिस्सों में विभाजित होता है। क्राउन, जो गम लाइन के ऊपर का हिस्सा है, और रूट, जो गम लाइन के नीचे का हिस्सा है।

क्राउन, दांत की सुरक्षा करने वाले सफेद रंग के इनेमल से ढका होता है। इनेमल शरीर का सबसे कठोर पदार्थ है, लेकिन अगर यह डैमेज होता है, तो इसमें खुद को सुधारने की बहुत कम क्षमता होती है।

इनेमल के नीचे डेंटिन होता है जो हड्डी जैसा ही होता है लेकिन उससे ज़्यादा कठोर होता है। डेंटिन मध्य (पल्प) चैम्बर को घेरता है, जिसमें रक्त वाहिकाएं, तंत्रिकाएं और कनेक्टिव टिशू होते हैं। डेंटिन स्पर्श और तापमान परिवर्तन के प्रति संवेदनशील होता है।

रक्त वाहिकाएं और तंत्रिकाएं रूट कैनाल के माध्यम से पल्प चैम्बर में प्रवेश करती हैं, रूट कैनाल भी डेंटिन से घिरा होता है। रूट में, डेंटिन सीमेंटम–एक पतले हड्डी जैसे पदार्थ से ढका होता है। सीमेंटम एक मेंब्रेन (पेरियोडोंटल लिगामेंट) से घिरा होता है जो दांत के लिए कुशन का काम करता है और सीमेंटम लेयर से संलग्न होता है, और इस तरह पूरे दांत को जबड़े की हड्डी से मज़बूती से जोड़ता है।

दांत के अंदर का एक दृश्य

लोगों में प्राकृतिक दांतों के 2 सेट होते हैं:

  • शुरुआत में आने वाले (बच्चों के) दांत (प्राइमरी टीथ): ये शुरुआत में आने वाले दांत (प्राइमरी टीथ) हैं, बाद में इनकी जगह पर परमानेंट टीथ (स्थायी दांत) आ जाते हैं

  • स्थायी (वयस्कों के) दांत (परमानेंट टीथ): ये वो दांत हैं जो शुरुआत में आने वाले दांत (प्राइमरी टीथ) की जगह लेते हैं

20 प्राइमरी टीथ होते हैं: एक जोड़ी अपर और लोअर सेंट्रल (फ्रंट) इंसीज़र्स, लेटरल इंसीज़र्स, कैनाइन (कस्पिड्स), फर्स्ट मोलार्स और सेकंड मोलार्स।

32 परमानेंट टीथ होते हैं: एक जोड़ी अपर और लोअर सेंट्रल (फ्रंट) इंसीज़र्स, लेटरल इंसीज़र्स, कैनाइन्स, फर्स्ट कस्पिड्स, सेकंड कस्पिड्स, फर्स्ट मोलार्स और सेकंड मोलार्स, और थर्ड मोलार्स (विज़डम टीथ या अकल दाढ़)। अकल दाढ़, हालांकि, सबमें अलग-अलग होती हैं—सभी को 4 अकल दाढ़ नहीं होती हैं, और कुछ लोगों को एक भी अकल दाढ़ नहीं होती।

मुंह का एक दृश्य

दांत आना

मसूड़े के ऊतकों से होते हुए मुंह में दांत आने (निकलने) की श्रुंखला अपने तय समय पर होती है। शुरुआत में आने वाले दांतों (प्राइमरी टीथ) के लिए, पहले आने वाले दांत सेंट्रल इंसीज़र्स होते हैं, ये लगभग 6 महीने की उम्र में आना शुरू होते हैं। इसके बाद लेटरल इंसीज़र्स, फर्स्ट प्राइमरी मोलार्स, कैनाइन्स और अंत में, सेकेंडरी प्राइमरी मोलार्स आते हैं। लगभग 2½ साल की उम्र तक, शुरुआत में आने वाले सभी दांत (प्राइमरी टीथ) बच्चे के मुंह में देखे जा सकते हैं।

इनमें से शुरुआत में आने वाले हरेक दांत (प्राइमरी टीथ) को स्थायी दांत (परमानेंट टूथ) बाहर धकेल देता है, ऐसा लगभग 6 साल की उम्र से शुरू होता है। परमानेंट फर्स्ट (6-वर्ष) मोलार्स, आखिरी प्राइमरी मोलार्स के ठीक पीछे मुंह में आते हैं और इसलिए, ये किसी भी दांत को हटाते नहीं हैं। इसी तरह परमानेंट सेकंड और थर्ड मोलार्स के मामलों में भी कोई दांत हटाया नहीं जाता है। थर्ड मोलार्स (अकल दाढ़) आने वाले आखिरी परमानेंट टीथ हैं, जो आमतौर पर 17 से 21 वर्ष की आयु के दौरान आते हैं।

एक इम्पैक्टेड टूथ (दबाव में आया दांत) वह होता है जो जगह की कमी या दांतों की स्थिति के कारण आ नहीं पाता। ज़्यादातर जो दांत इम्पैक्टेड टूथ (दबाव में आया दांत) बन जाते हैं वे अकल दाढ़ होते हैं।

कुछेक मामलों में ही, बच्चा दांत के साथ जन्म लेता है (नेटल टूथ), या बच्चे का दांत जन्म के एक महीने के भीतर आ जाता है (नियोनेटल टूथ)। ये दांत आमतौर पर प्राइमरी लोअर इंसीज़र्स होते हैं, लेकिन वे एक्स्ट्रा (सुपरन्यूमररी) टीथ भी हो सकते हैं। इन दांतों को केवल तभी हटाया जाता है जब वे दूध पीने में रुकावट बनते हैं या अगर वे बेहद ढीले हो जाते हैं।

कई बच्चों में, परमानेंट लोअर इंसीज़र्स एक दूसरे के पीछे आते हैं। जगह की कमी (भीड़-भाड़, घुमावदार स्थायी दांत, या कंकाल के विकास में असामान्यताएं होने के कारण) से भी समस्याएं हो सकती हैं, और जल्दी ऑर्थोडोंटिक थेरेपी (ब्रेसेज़ लगाना) ज़रूरी हो सकता है। अंगूठा या उंगली चूसने से दांतों की स्थिति भी प्रभावित होती है, कभी-कभी शुरुआत में ही ऑर्थोडोंटिक थेरेपी की आवश्यकता हो सकती है।

quizzes_lightbulb_red
अपना ज्ञान परखेंएक क्वज़ि लें!
iOS ANDROID
iOS ANDROID
iOS ANDROID