पेशाब पर नियंत्रण

इनके द्वाराPatrick J. Shenot, MD, Thomas Jefferson University Hospital
द्वारा समीक्षा की गईLeonard G. Gomella, MD, Sidney Kimmel Medical College at Thomas Jefferson University
समीक्षा की गई/बदलाव किया गया संशोधित नव॰ २०२३
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किडनी में लगातार मूत्र का उत्पादन होता रहता है, जो 2 ट्यूब (मूत्रवाहिनियों) से होकर मूत्राशय में आता है, जहां मूत्र जमा होता है (देखें मूत्र मार्ग को देखना)। मूत्राशय (गर्दन) का सबसे निचला हिस्सा एक मांसपेशी (यूरिनरी स्पिंक्टर) से घिरा होता है, जो यूरीन को शरीर (मूत्रमार्ग) से बाहर ले जाने वाले चैनल को बंद करने के लिए सिकुड़ा रहता है, ताकि मूत्र मूत्राशय में तब तक बना रहे, जब तक कि यह पूरा भर ना जाए।

जब मूत्राशय भर जाता है, तो यह संदेश तंत्रिका के माध्यम से मूत्राशय से स्पाइनल कॉर्ड तक जाता है। इसके बाद, यह संदेश मस्तिष्क को भेजा जाता है और व्यक्ति पेशाब करने की तलब महसूस करता है। पेशाब को नियंत्रित कर पाने वाला व्यक्ति सतर्कता और स्वेच्छा से, यह तय कर सकता है कि पेशाब को मूत्राशय से बाहर निकाले या कुछ समय के लिए रोक कर रखे। जब पेशाब करने का निर्णय लिया जाता है, तो स्पिंक्टर मांसपेशी रिलैक्स हो जाती है, जिससे पेशाब मूत्राशय से निकल कर बहता है और मूत्राशय की दीवार की मांसपेशियाँ पेशाब को बाहर धकेलने के लिए संकुचित हो जाती हैं। पेशाब पर दबाव बढ़ाने के लिए, पेट की दीवार और श्रोणि के तल की मांसपेशियाँ स्वेच्छा से संकुचित हो सकती हैं।

उनमें से कई प्रकार की बीमारियाँ पेशाब को नियंत्रित करने में अड़चन पैदा कर सकती हैं

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