एसबेस्टस-संबंधी प्लूरा रोग में प्लूरा का मोटा होना (प्लाक) और कैल्सिफ़िकेशन, जमाव, प्लूरल एफ़्यूज़न, फेफड़े का आंशिक रूप से खराब हो जाना और मीसोथैलियोमा शामिल हैं।
एसबेस्टस-संबंधी प्लूरल रोग से पीड़ित लोगों को सांस लेने में तकलीफ़ हो सकती है।
रोग का निदान करना इतिहास और चेस्ट इमेजिंग के नतीजों पर आधारित होता है।
इलाज का मकसद लक्षणों से राहत दिलाना होता है।
(एसबेस्टस-संबंधी विकार और पर्यावरण तथा पेशे संबंधी फेफड़े के रोग का विवरण भी देखें।)
एसबेस्टस प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले सिलिकेट्स (मिनरल) का एक परिवार है, जिसके गर्मी सहन करने और संरचनात्मक गुण निर्माण और जहाज़ निर्माण की सामग्रियों, ऑटोमोबाइल ब्रेक और कुछ कपड़ों में उपयोगी हैं। एसबेस्टस हवा, पानी और मिट्टी में निम्न स्तरों में पाया जा सकता है, लेकिन पर्यावरणीय जोखिम का यह निम्न स्तर मानव रोग में महत्वपूर्ण योगदान नहीं देता है। जब सांस ली जाती है, तो एसबेस्टस के फ़ाइबर फेफड़ों में गहराई तक बैठ जाते हैं, जिससे दाग बन जाते हैं।
एसबेस्टस के सांस में जाने से फेफड़ों को ढकने वाली झिल्ली (प्लूरा) मोटी हो सकती है और घाव हो सकता है। इस तरह से मोटे हो जाने को प्लूरा प्लाक कहा जाता है और इनका आम तौर पर कोई लक्षण नहीं होता। यदि प्लूरल प्लाक ज़्यादा बढ़ जाते हैं, तो उनकी वजह से सांस लेने में तकलीफ़ हो सकती है और फेफड़े के कामकाज के परीक्षण में सांस लेने की असामान्यताएं आ सकती हैं। प्लूरल प्लाक कैंसरयुक्त नहीं बनते।
एसबेस्टस फ़ाइबर को सांस में अंदर लेने से कभी-कभी फ़्लूड फेफड़ों की दो प्लूरल लेयर (प्लूरल स्पेस) के बीच की जगह में जमा हो सकता है। इस फ़्लूड जमा होने की प्रक्रिया को कैंसर-रहित (मामूली) एसबेस्टस इफ्यूजन कहा जाता है। गैर कैंसर-रहित एसबेस्टस एफ़्यूज़न से पीड़ित लोगों को सांस लेने में परेशानी हो सकती है।
हालांकि, एसबेस्टस-संबंधी प्लूरल प्लाक और फ़्लूड जमा होना कैंसरयुक्त नहीं होता, लेकिन उनसे पहले कभी एसबेस्टस के संपर्क में आने का संकेत मिलता है और इसीलिए फेफड़े का कैंसर और मीसोथैलियोमा के विकसित होने का जोखिम बढ़ जाता है।
एसबेस्टस से जुड़ी प्लूरल डिजीज का निदान
एसबेस्टस एक्सपोज़र का इतिहास
छाती की इमेजिंग
एसबेस्टस के संपर्क में आने वाले कई लोगों में प्लूरल प्लाक डेवलप होते हैं, जिनमें अक्सर कैल्शियम होता है, जो उन्हें छाती के एक्स-रे और कंप्यूटेड टोमोग्राफ़ी (CT) पर देखने में आसान बनाता है।
एसबेस्टस से जुड़ी प्लूरल डिजीज का उपचार
लक्षणों से राहत के लिए उपचार
जैसे ज़रूरी हो, वैसे लक्षणों का इलाज किया जाता है। कभी-कभी, डॉक्टरों को छाती में एक ट्यूब डालकर फ़्लूड निकालना पड़ता है।