म्यूकोपॉलीसेकेराइडोज़

इनके द्वाराMatt Demczko, MD, Mitochondrial Medicine, Children's Hospital of Philadelphia
समीक्षा की गई/बदलाव किया गया दिस. २०२१

म्यूकोपॉलीसेकेराइडोसिस, लाइसोसमल जमा होने के विकार का एक प्रकार है, जिसमें जटिल शुगर वाले अणु सामान्य रूप से नहीं टूटते और शरीर के ऊतकों में खतरनाक मात्रा में इकट्ठा होने लगते हैं। इसके नतीजे में चेहरे की खास बनावट और हड्डियों, आँखों, लिवर और स्प्लीन की असामान्यताएं शामिल हैं और कभी-कभी इनके साथ बौद्धिक विकलांगता भी हो जाती है। म्यूकोपॉलीसेकेराइडोसिस तब होता है, जब बीमारी पैदा करने वाले खराब जीन माता-पिता से बच्चों में आते हैं।

  • म्यूकोपॉलीसेकेराइडोसिस तब होता है, जब शरीर में जटिल शुगर अणुओं को तोड़ने और जमा करने के लिए ज़रूरी एंज़ाइम मौजूद नहीं होते।

  • खासतौर पर, इसके लक्षणों में छोटा कद, शरीर पर बाल, उंगलियों के जोड़ों में अकड़न और चेहरे का मोटापन शामिल है।

  • इसका निदान लक्षणों, शारीरिक जांचों और ब्लड टेस्ट के आधार पर किया जाता है।

  • हालांकि, सामान्य जीवन काल होना संभव है, लेकिन कुछ प्रकार में समय से पहले मृत्यु हो जाती है।

  • इसके इलाज में जीवन भर एंज़ाइम रिप्लेसमेंट थेरेपी लेना और कभी-कभी बोन मैरो ट्रांसप्लांट कराना शामिल है।

आनुवंशिक बीमारियों के कई प्रकार होते हैं। मेटाबोलिज़्म से जुड़ी कई आनुवंशिक बीमारियों में, बच्चे के माता-पिता दोनों में असामान्य जीन की एक प्रति होती है। आमतौर पर, इस विकार को विकसित होने के लिए, असामान्य जीन की दो प्रतियां ज़रूरी होती हैं, इसलिए माता और पिता में से किसी को यह विकार नहीं होता। मेटाबोलिज़्म से जुड़ी ज़्यादातर आनुवंशिक बीमारियाँ एक्स-लिंक्ड होती हैं, जिसका मतलब है कि लड़कों में अगर खराब जीन का एक प्रकार भी आ जाए, तो उन्हें यह बीमारी हो सकती है। (मेटाबोलिज़्म से जुड़े आनुवंशिक विकारों का विवरण भी देखें।)

म्यूकोपॉलीसेकेराइडोसिस (ग्लाइकोएमीनोग्लाइकैन) नाम के जटिल शुगर वाले अणु, शरीर के ऊतकों के महत्वपूर्ण भाग हैं। म्यूकोपॉलीसेकेराइडोसिस में, शरीर में म्यूकोपॉलीसेकेराइडोसिस को तोड़ने (मेटाबोलाइज़) और जमा करने के लिए ज़रूरी एंज़ाइम मौजूद नहीं होते। इसके नतीजे के तौर पर, म्यूकोपॉलीसेकेराइडोसिस ब्लड में घुस जाते हैं और शरीर में असामान्य जगहों पर जमा हो जाते हैं।

म्यूकोपॉलीसेकेराइडोसिस के प्रकार

अनुपस्थित एंज़ाइम के प्रकार के आधार पर, म्यूकोपॉलीसेकेराइडोसिस कई प्रकार के होते हैं। इन प्रकारों को दर्शाने के लिए रोमन नंबरों का इस्तेमाल किया जाता है और कभी-कभी इन्हें खास नाम भी दिए जाते हैं (उदाहरण के तौर पर, हर्लर सिंड्रोम और हंटर सिंड्रोम)।

म्यूकोपॉलीसेकेराइडोसिस के लक्षण

अलग-अलग प्रकार के म्यूकोपॉलीसेकेराइडोसिस के हल्के अलग-अलग लक्षण होते हैं, लेकिन आमतौर पर शैशवावस्था और बचपन में बौनापन, शरीर पर बाल और असामान्य विकास दिखाई देते हैं। चेहरे भारी और सिर बड़ा, चौड़ा माथा, बड़े होंठ और लंबी जीभ हो सकती है। म्यूकोपॉलीसेकेराइडोसिस के कुछ प्रकारों से बौद्धिक विकलांगता हो सकती है, जो कि जीवन में समय के साथ बदतर होती जाती है। कुछ प्रकारों में, नज़र या सुनने की क्षमता पर असर पड़ सकता है। धमनियों या हृदय के वाल्व पर असर पड़ सकता है। उंगलियों के जोड़ों में अक्सर अकड़न होती है।

टेबल

म्यूकोपॉलीसेकेराइडोसिस का निदान

  • प्रीनेटल स्क्रीनिंग टेस्ट

  • लक्षणों और जांच के आधार पर

  • हड्डी का एक्स-रे

  • कभी-कभी इमेजिंग या अन्य ब्लड टेस्ट

जन्म से पहले, एम्नियोसेंटेसिस या कोरियोनिक विलस सैंपलिंग प्रीनेटल टेस्ट करके, म्यूकोपॉलीसेकेराइडोसिस का निदान किया जाता है।

जन्म के बाद, डॉक्टर एम्नियोसेंटेसिस का निदान, लक्षणों और शारीरिक जांच के आधार पर करते हैं। परिवार के अन्य सदस्यों में म्यूकोपॉलीसेकेराइडोसिस पाए जाने पर भी निदान किया जाता है। यूरिन टेस्ट से फ़ायदा हो सकता है, लेकिन कभी-कभी ये गलत होते हैं। एक्स-रे से हड्डी की बनावट से जुड़ी असामान्यताओं का पता चलता है। म्यूकोपॉलीसेकेराइडोसिस का निदान ब्लड सेल का विश्लेषण करके भी किया जाता है। अगर किसी जोड़े को यह जानना हो कि क्या उनका होने वाला बच्चा किसी आनुवंशिक बीमारी के साथ पैदा होगा, तो वे आनुवंशिक टेस्टिंग करा सकते हैं।

लक्षणों के आधार पर अन्य परीक्षण किए जाते हैं। उदाहरण के तौर पर, जिन बच्चों को दिल की समस्या हो उनकी ईकोकार्डियोग्राफ़ी की जा सकती है और जिन्हें सुनने से जुड़ी समस्याएं हों उनकी ऑडियोमेट्री की जा सकती है।

म्यूकोपॉलीसेकेराइडोसिस के लिए पूर्वानुमान

पूर्वानुमान, म्यूकोपॉलीसेकेराइडोसिस के प्रकार पर निर्भर करता है। जीवन काल सामान्य रहना संभव है। कुछ प्रकारों में समय से पहले मृत्यु हो सकती है, ज़्यादातर वे जिनमें दिल पर असर पड़ता है।

म्यूकोपॉलीसेकेराइडोसिस का इलाज

  • एंज़ाइम रिप्लेसमेंट

  • कभी-कभी बोन मैरो या स्टेम सेल ट्रांसप्लांटेशन

कुछ तरह के म्यूकोपॉलीसेकेराइडोसिस के इलाज के लिए जीवन भर एंज़ाइम रिप्लेसमेंट थेरेपी की जाती है, जिससे बीमारियों के बदतर होने पर भी रोक लगती है और कुछ जटिलताएं वापस पहले जैसी हो जाती हैं।

बोन मैरो ट्रांसप्लांटेशन या स्टेम सेल ट्रांसप्लांटेशन से कुछ लोगों को फ़ायदा हो सकता है। हालांकि, इन तरीकों से मृत्यु या विकलांगता हो सकती है, इसलिए इन इलाजों पर विवाद चलते रहते हैं।

अधिक जानकारी

निम्नलिखित कुछ अंग्रेजी भाषा के संसाधन हैं जो उपयोगी हो सकते हैं। कृपया ध्यान दें कि इन संसाधनों की सामग्री के लिए मैन्युअल ज़िम्मेदार नहीं है।

  1. National Organization for Rare Disorders (NORD): इस संसाधन से माता-पिता और परिवार को दुर्लभ बीमारियों के बारे में जानकारी मिलती है, जिसमें दुर्लभ बीमारियों की एक सूची, सहायता समूह और क्लिनिकल ट्रायल रिसोर्स शामिल हैं।

  2. जेनेटिक एंड रेयर डिजीज इंफ़ॉर्मेशन सेंटर (GARD): इस संसाधन से आनुवंशिक और दुर्लभ बीमारियों के बारे में आसानी से समझ आने वाली जानकारी मिलती है।