बच्चों में जीवाणु संक्रमण का विवरण

इनके द्वाराGeoffrey A. Weinberg, MD, Golisano Children’s Hospital
समीक्षा की गई/बदलाव किया गया सित. २०२१ | संशोधित दिस. २०२२

बैक्टीरिया अत्यंत सूक्ष्म और एक कोशिका वाले जीव होते हैं। केवल कुछ बैक्टीरिया से लोगों में रोग पैदा होते हैं। अन्य बैक्टीरिया बिना कोई नुकसान पहुँचाए आंत्र पथ (इंटेस्टिनल ट्रैक्ट), जननांग पथ (जेनिटोयूरिनरी ट्रैक्ट) के भीतर या त्वचा पर रहते हैं। ऐसा माना जाता है कि कुछ बैक्टीरिया लोगों को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।

क्या आप जानते हैं...

  • सभी बैक्टीरिया से बीमारी या संक्रमण नहीं होता है।

बच्चों में सबसे आम जीवाणु संक्रमण त्वचा संक्रमण (इंपेटिगो सहित), कान का संक्रमण, और गले का संक्रमण (स्ट्रेप थ्रोट) हैं। वयस्कों और बच्चों में इनका और कई दूसरे कम सामान्य जीवाणु विकारों का उपचार समान रूप से किया जाता है, जिनकी चर्चा अन्यत्र की गई है। अन्य संक्रमण सभी उम्र में होते हैं लेकिन बच्चों की दृष्टि से ये विशेष रूप से विचारणीय हैं। बाल्यावस्था में रूटीन इम्युनाइज़ेशन के द्वारा कई गंभीर जीवाणु संक्रमणों को रोका जा सकता है।

बच्चों में जीवाणु संक्रमण का जोखिम

कुछ बच्चों को जीवाणु संक्रमण का विशेष जोखिम होता है।

उच्च जोखिम वाले बच्चों में निम्न शामिल हैं

  • 3 महीने से छोटे शिशु

  • जिन बच्चों में स्प्लीन नहीं होता है

  • जो बच्चे प्रतिरक्षा प्रणाली के विकार से ग्रस्त हैं

  • जिन बच्चों को सिकल सेल रोग है

  • जिन बच्चों को कैंसर है

  • जिन बच्चों का अनुशंसित टीकाकरण नहीं हुआ है

बच्चों में जीवाणु संक्रमण का निदान

  • रक्त, बॉडी फ़्लूड या ऊतक नमूनों का परीक्षण

  • कल्चर

डॉक्टर कभी-कभी जीवाणु संक्रमण द्वारा होने वाले विशिष्ट लक्षणों के आधार पर उनकी जांच करते हैं। हालाँकि, आमतौर पर बैक्टीरिया की पहचान ऊतक, रक्त या बॉडी फ़्लूड जैसे कि मूत्र, मवाद या सेरेब्रोस्पाइनल फ़्लूड के नमूनों से किया जाना चाहिए। कभी-कभी इन नमूनों से बैक्टीरिया की पहचान माइक्रोस्कोप से या उन रैपिड डिटेक्शन टेस्ट से की जा सकती है जो कुछ निश्चित बैक्टीरिया से आनुवंशिक पदार्थों का पता लगाते हैं। हालाँकि, सामान्यतः इनकी संख्या बहुत कम होती है या दिखने में बहुत छोटे होते हैं, इसलिए डॉक्टरों को उन्हें प्रयोगशाला में विकसित (कल्चर) करने का प्रयास करना चाहिए। बैक्टीरिया को कल्चर करने में आमतौर पर 24 से 48 घंटे का समय लगता है।

प्रयोगशाला परीक्षण

कल्चर का उपयोग विभिन्न एंटीबायोटिक्स हेतु विशेष बैक्टीरिया की संवेदनशीलता का परीक्षण करने के लिए भी किया जा सकता है। इसके परिणामों से डॉक्टर को यह निर्धारित करने में मदद मिल सकती है कि संक्रमित बच्चे के इलाज में किस दवा का उपयोग किया जाए।

बच्चों में जीवाणु संक्रमण की रोकथाम

  • रूटीन इम्युनाइज़ेशन

अनुशंसित टीकाकरण शेड्यूल का पालन करके बच्चों में कई जीवाणु संक्रमणों को रोका जा सकता है। रूटीन इम्युनाइज़ेशन द्वारा कई वायरल संक्रमणों (जैसे कि खसरा, पोलियो, हैपेटाइटिस A और हैपेटाइटिस B) को भी रोका जा सकता है।

रूटीन इम्युनाइज़ेशन द्वारा जीवाणु संक्रमण को रोका जा सकता है*

* नोट: रूटीन इम्युनाइज़ेशन द्वारा कई वायरल संक्रमणों को भी रोका जा सकता है।

बच्चों में जीवाणु संक्रमण का उपचार

  • एंटीबायोटिक्स

  • कभी-कभी सर्जरी भी करनी पड़ सकती है

एंटीबायोटिक्स वे दवाएँ हैं जिनका उपयोग जीवाणु संक्रमण के उपचार में किया जाता है। एंटीबायोटिक्स कई तरह के होते हैं। इनमें से प्रत्येक केवल कुछ बैक्टीरिया पर ही प्रभावी होता है, हालाँकि कुछ अन्य की तुलना में बैक्टीरिया की एक विस्तृत शृंखला के विरुद्ध प्रभावी होते हैं। प्रायः एंटीबायोटिक्स अकेले ही जीवाणु संक्रमण को खत्म करने में सक्षम होते हैं। हालाँकि, जब किसी संक्रमण की वजह से मवाद ज्यादा बन जाता है, तो कभी-कभी लोगों को मवाद निकालने के लिए सर्जरी कराने की भी आवश्यकता होती है। इस तरह के संक्रमणों में ऐब्सेस और जोड़ों के संक्रमण शामिल हैं।

डॉक्टरों द्वारा कल्चर का परिणाम आने से पहले भी एंटीबायोटिक्स से बाल्यावस्था के कुछ संभावित किंतु गंभीर संक्रमणों का उपचार किया जा सकता है। परिणाम प्राप्त होने पर एंटीबायोटिक्स का उपयोग जारी रखा जाता है या आवश्यकतानुसार बदल दिया जाता है। यदि कोई बैक्टीरिया नहीं पाया जाता है, तो एंटीबायोटिक्स को रोका जा सकता है।