दिमाग का ऐब्सेस

इनके द्वाराJohn E. Greenlee, MD, University of Utah Health
समीक्षा की गई/बदलाव किया गया मार्च २०२२

दिमाग में ऐब्सेस, दिमाग में मवाद का एक हिस्सा होता है।

  • दिमाग में ऐब्सेस बन सकता है जब सिर में कहीं और हुए संक्रमण से बैक्टीरिया या खून के बहाव से बेक्टीरिया या घाव से बैक्टीरिया दिमाग में प्रवेश कर लेता है।

  • सिरदर्द, बहुत ज़्यादा नींद आने की समस्या, मतली, शरीर के एक तरफ कमजोरी, या सीज़र्स हो सकते हैं।

  • सिर की इमेजिंग की ज़रूरत पड़ती है।

  • एंटीबायोटिक्स दी जाती है, आमतौर पर उसके बाद सुई के साथ ऐब्सेस का ड्रेनेज किया जाता है या इसे हटाने के लिए सर्जरी की जाती है।

(दिमाग के संक्रमणों का विवरण भी देखें।)

दिमाग में होने वाले ऐब्सेस काफ़ी कम देखने को मिलते हैं।

दिमाग में होने वाले ऐब्सेस में ऊतक के आसपास फ़्लूड एकत्र हो जाता है। इसकी वजह से, दिमाग में आसपास के ऊतक सूज जाते हैं, तथा खोपड़ी के भीतर दबाव बढ़ जाता है। जितना बड़ा ऐब्सेस होता है, उतनी ही बड़ी सूजन तथा दबाव होता है। यदि ऐब्सेस से रिसाव होता है या टूट जाता है तथा मवाद सेरेब्रोस्पाइनल फ़्लूड (जो उन ऊतकों में से बहता है जो दिमाग और स्पाइनल कॉर्ड को कवर करते हैं), उनमें प्रवेश कर लेता है, तो गंभीर मेनिनजाइटिस हो जाता है।

दिमाग में ऐब्सेस के कारण

दिमाग में ऐब्सेस निम्नलिखित के कारण पैदा हो सकते हैं

  • कोई ऐसा संक्रमण जो किसी अन्य जगह से सिर में फैल जाता है (जैसे दांत, नाक या कान)

  • ऐसा संक्रमण जो शरीर के दूसरे हिस्से से खून के बहाव के ज़रिए दिमाग में फैल जाता है

  • बैक्टीरिया जो सिर के घाव में घुस जाता है, वह दिमाग में प्रवेश कर लेता है, जिसमें मस्तिष्क की सर्जरी के दौरान चीरे लगाए जाते हैं, शामिल हैं

कभी-कभी कारण अज्ञात होता है।

अनेक प्रकार के बैक्टीरिया जिनमें, स्ट्रेप्टोकोकस बैक्टीरिया, स्टेफ़ाइलोकोकस ऑरियस और बैक्टेरॉइड्स फ़्रेजाइलिस शामिल हैं, उनके कारण दिमाग में ऐब्सेस हो सकता है। ऐसे लोग जिनकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है, में प्रोटोजोआ टॉक्सोप्लाज़्मा गोन्डाई (जिसके कारण टोक्सोप्लाज़्मोसिस होता है) तथा फंगस, जैसे एस्परजिलाई शामिल हैं, वे दिमाग में ऐब्सेस के सामान्य कारण होते हैं। प्रतिरक्षा प्रणाली ह्यूमन इम्यूनोडिफिशिएंसी वायरस (HIV) संक्रमण के कारण कमजोर हो जाती है, जिसके कारण एड्स होती है, या ऐसी दवाएँ जो प्रतिरक्षा प्रणाली का दमन करती हैं (इम्युनोसप्रेसेंट), उनके कारण कमजोर हो सकती हैं। इम्युनोसप्रेसेंट का प्रयोग प्रत्यारोपित अंग के अस्वीकार की रोकथाम करने के लिए किया जा सकता है या कैंसर या ऑटोइम्यून बीमारियों के उपचार के लिए किया जा सकता है।

दिमाग में ऐब्सेस के लक्षण

दिमाग में ऐब्सेस के कारण अनेक अलग-अलग लक्षण हो सकते हैं, जो इसकी लोकेशन पर निर्भर करता है, इसके आकार, तथा सूजन तथा ऐब्सेस के आसपास सूजन पर निर्भर करता है।

प्रारम्भ में बुखार और ठंड लगना हो सकता है, और बाद में ये ठीक हो जाते हैं।

दिमाग में ऐब्सेस से पीड़ित लोगों को सिरदर्द हो सकता है, वे मतली आना महसूस कर सकते हैं, उल्टी कर सकते हैं, असामान्य रूप से नींद की समस्या से प्रभावित हो सकते हैं, तथा फिर कोमा में चले जाते हैं (और ऐसा उस समय होता है, जब दिमाग में दबाव निरन्तर बढ़ता रहता है)। सीज़र्स हो सकते हैं, शरीर की एक साइड कमजोर हो सकती है, तथा विचारण में बीमारी हो सकती है। लक्षण कई दिनों से लेकर कई सप्ताहों के दौरान विकसित हो सकते हैं। हालांकि, कुछ लोगों में, बुखार और ठंड लगना बहुत हल्का होता है, और ऐसा संक्रमण के बाद तक नहीं होता है, या कभी होता ही नहीं है।

दिमाग में ऐब्सेस का निदान

  • मैग्नेटिक रीसोनेंस इमेजिंग या कंप्यूटेड टोमोग्राफ़ी

  • ऐब्सेस से मवाद के नमूने को विदड्रा करना और जांच करना

यदि डॉक्टर को दिमाग में ऐब्सेस का संदेह होता है, तो गैडोलिनियम के इंजेक्शन अंत:शिरा तौर पर लगाने से पहले और बाद में मैग्नेटिक रीसोनेंस इमेजिंग (MRI) की जाती है। गैडोलिनियम (MRI कन्ट्रास्ट एजेन्ट) से MRI स्कैन के दौरान ऐब्सेस को देखना आसान होता है। यदि MRI उपलब्ध नहीं है, तो कंप्यूटेड टोमोग्राफ़ी (CT) को रेडियोपैक कंट्रास्ट डाई (जिसके कारण CT स्कैन में ऐब्सेस को देखना आसान हो जाता है) का इंजेक्शन लगाने के बाद किया जा सकता है। MRI के रेसोलुशन उच्चतर होते हैं तथा CT स्कैन की तुलना में प्रारम्भिक असामान्यताओं को बेहतर पता लगाया जा सकता है। हालांकि, निदान की पुष्टि करने के लिए अतिरिक्त जांचों की आवश्यकता पड़ सकती है, क्योंकि दिमाग में ट्यूमर या आघात या मल्टीपल स्क्लेरोसिस मस्तिष्क ऐब्सेस से मिलते जुलते हैं।

कारणात्मक जीव की पहचान करने तथा इस प्रकार यह तय करना कि कौन सी दवा सर्वाधिक महत्वपूर्ण होगी, डॉक्टर सुई के साथ ऐब्सेस से मवाद का एक नमूना निकालते हैं। इसकी माइक्रोस्कोप में जांच की जाती है तथा फ़्लूड में बैक्टीरिया का विकास (कल्चर) करने के लिए इसे प्रयोगशाला में भेजा जाता है, ताकि इनकी पहचान की जा सके। MRI या CT स्कैन का प्रयोग ऐब्सेस में सुई को गाइड करने के लिए प्रयोग में लाई जाती है। इस प्रक्रिया के लिए (जिसे स्टीरियोटैक्टिक नीडल एस्पिरेशन कहा जाता है), खोपड़ी के साथ एक फ़्रेम को अटैच किया जाता है। फ़्रेम उन संदर्भ बिंदुओं को उपलब्ध कराता है जिनका प्रयोग MRI या CT स्कैन में उनकी पहचान करने के लिए किया जाता है। इस प्रकार, खोपड़ी में ड्रिल के साथ एक छोटा सा छेद करके, डॉक्टर ठीक ऐब्सेस तक सुई को ले जा सकते हैं।

हालांकि, डॉक्टर उपचार करने के लिए कल्चर के नतीजों को पाने की प्रतीक्षा नहीं करते।

दिमाग में ऐब्सेस का उपचार

  • एंटीबायोटिक्स

  • आमतौर पर सुई के साथ मवाद का ड्रेनेज या ऐब्सेस को हटाने के लिए सर्जरी

  • कभी-कभी सूजन और दबाव को कम करने के लिए दवाएँ

दिमाग में ऐब्सेस जानलेवा होता है जब तक कि इसका उपचार एंटीबायोटिक्स तथा संभावित रूप से सर्जरी के साथ नहीं किया जाता है। आमतौर पर इस्तेमाल की जाने वाली एंटीबायोटिक्स निम्नलिखित हैं

  • सैफ़ेलोस्पोरिन (जैसे सेफ़ोटैक्साइम या सेफ़ट्रिआक्सोन)

  • वैंकोमाइसिन (या नेफ़सिलीन)

  • मेट्रोनिडाज़ोल

इन एंटीबायोटिक्स का इस्तेमाल एक साथ किया जा सकता है, जब तक कि डॉक्टर यह तय नहीं करते हैं कि कौन सी खास एंटीबायोटिक, ऐब्सेस के कारण बनने वाली जीव के लिए सबसे ज़्यादा प्रभावी है। एंटीबायोटिक्स आमतौर पर 4 से 8 सप्ताह के लिए दिए जाते हैं, और उपचार की प्रतिक्रिया की निगरानी के लिए MRI या CT को हर 2 सप्ताह या उससे अधिक बार दोहराया जाता है।

बड़े ऐब्सेस के लिए तथा एंटीबायोटिक उपचार के बावजूद ऐसे ऐब्सेस जो बड़े हो जाते हैं, तो एक सर्जन द्वारा सुई के साथ ऐब्सेस को ड्रेन किया जाता है (सुई को लगाने के लिए स्टीरियोटैक्टिक तकनीकों का इस्तेमाल करके) या फिर ओपन सर्जरी की जाती है, ताकि पूरे ऐब्सेस को हटा दिया जाए।

निम्निलिखित के आधार पर रिकवरी शीघ्र या धीमी हो सकती है

  • सर्जरी कितनी सफल है

  • कितने ऐब्सेस मौजूद हैं

  • व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली कितनी भली भांति काम कर रही है

यदि कमजोर प्रतिरक्षा तंत्र वाले लोगों को टॉक्सोप्लाज़्मा गोन्डाई या फंगस के कारण ऐब्सेस होता है, तो उनको शेष जीवन भर के लिए एंटीबायोटिक्स लेनी पड़ती है।

डॉक्टर बहुत तीव्रता से सूजन तथा खोपड़ी के भीतर बढ़े हुए दबाव का उपचार करते हैं, क्योंकि इन समस्याओं के कारण दिमाग में हमेशा के लिए आई खराबी हो सकती है। कॉर्टिकोस्टेरॉइड (जैसे डेक्सामेथासोन) तथा अन्य दवाएँ जो सूजन और दबाव को कम करती हैं (जैसे मैनिटोल), उनका प्रयोग किया जा सकता है।

सीज़र्स की रोकथाम के लिए एंटीसीज़र दवाएँ शायद दी जा सकती हैं।