केलॉइड

इनके द्वाराDenise M. Aaron, MD, Dartmouth Geisel School of Medicine
समीक्षा की गई/बदलाव किया गया सित. २०२३

    केलॉइड, घाव के निशान वाले ऊतक की चिकनी और चमकदार वृद्धियां होते हैं जो आमतौर पर चोट या सर्जिकल घाव वाले स्थानों के ऊपर बनते हैं।

    (त्वचा वृद्धियों का संक्षिप्त विवरण भी देखे।)

    केलॉइड, घाव के निशान वाले ऊतक की चरम अतिवृद्धि होते हैं। केलॉइड किसी चोट के बाद के महीनों में बन सकते हैं। वे त्वचा की सतह से ¼ इंच (लगभग 0.5 सेंटीमीटर) तक या इससे भी अधिक उठे हुए हो सकते हैं। केलॉइड किसी भी चोट से हो सकते हैं, जिनमें सर्जिकल चीरे और एक्ने शामिल हैं। वे सांवली त्वचा वाले लोगों में अधिक आम हैं और आमतौर पर छाती के बीच में, कंधों पर, पीठ पर और कभी-कभी चेहरे व कान की पालियों पर होते हैं। कभी-कभी वे अपने-आप हो जाते हैं।

    केलॉइड चमकदार, ठोस, चिकने और थोड़े गुलाबी या गहरे रंग के होते हैं। केलॉइड में खुजली हो सकती है या वे छूने में संवेदनशील हो सकते हैं, लेकिन उनमें तकलीफ़ नहीं होती है।

    केलॉइड में थेरेपी से कोई विशेष लाभ नहीं होता है, लेकिन मासिक अंतराल पर कॉर्टिकोस्टेरॉइड दवाओं के इंजेक्शन लगाने से वे कुछ हद तक चपटे हो जाते हैं।

    डॉक्टर उन्हें सर्जरी या लेजर से निकाल सकते हैं, लेकिन इलाज से बनने वाले निशान में अक्सर नए और पहले से अधिक बड़े केलॉइड बन जाते हैं। हालांकि, सर्जरी से पहले और बाद में कॉर्टिकोस्टेरॉइड दवाओं के इंजेक्शन लगाने से यह जोखिम घट सकता है।

    केलॉइड पर सिलिकॉन पैच लगाने या प्रेशर गारमेंट पहनने से उन्हें दोबारा होने से रोकने में मदद मिल सकती है। हाल ही में, प्रतिरक्षा प्रणाली की क्रियाओं में बदलाव करने वाली दवाएँ (इम्युनोमॉड्यूलेटर्स), जैसे इमिक्विमोड, केलॉइड को होने या दोबारा होने से रोकने के लिए प्रयोग की गई हैं।