मीडियास्टिनोस्कोपी और मीडियास्टिनोटॉमी

इनके द्वाराRebecca Dezube, MD, MHS, Johns Hopkins University
समीक्षा की गई/बदलाव किया गया नव॰ २०२३

    एक व्यूइंग ट्यूब (मीडियास्टिनोस्कोप) के ज़रिए छाती के बीच (मीडियास्टीनम) में, दोनों फेफड़ों के बीच की जगह के अंदर सीधे देखना मीडियास्टिनोस्कोपी कहलाता है। मीडियास्टिनोटॉमी में मीडियास्टीनम को सर्जरी से खोला जाता है।

    मीडियास्टीनम में दिल, ट्रेकिया, इसोफ़ेगस, थाइमस, और लसीका ग्रंथि मौजूद होती है। लगभग सभी मीडियास्टिनोस्कोपी का उपयोग छाती के बीच में स्थित लसीका ग्रंथियों के बढ़ने का कारण जानने के लिए या छाती की सर्जरी (थोरैकोटॉमी) करने से पहले यह पता लगाने के लिए किया जाता है कि फेफड़ों का कैंसर कितनी दूर तक फैल गया है।

    मीडियास्टीनम की जगह का पता लगाना

    मीडियास्टिनोस्कोपी व्यक्ति को जनरल एनेस्थीसिया में रखकर, एक ऑपरेशन रूम में की जाती है। ब्रेस्टबोन (स्टेर्नम) के ठीक ऊपर एक छोटा चीरा लगाया जाता है। फिर उपकरण को नीचे की ओर सीने में श्वासनली के सामने पहुँचाया जाता है, जिससे डॉक्टर श्वासनली के बगल में मीडियास्टीनम की चीज़ों को देख पाते हैं और यदि आवश्यक हो, तो जांच के परीक्षण के लिए नमूना ले पाते हैं।

    मीडियास्टिनोटॉमी उन संरचनाओं पर सीधी पहुँच देती है जिन तक मीडियास्टिनोस्कोपी द्वारा नहीं पहुँच सकते।

    हालाँकि, मीडियास्टिनोस्कोपी और मीडियास्टिनोटॉमी आमतौर पर बहुत सुरक्षित होते हैं, लेकिन कभी-कभी जटिलताएँ विकसित हो जाती हैं, जिसमें एनेस्थेटिक दवाओं की प्रतिक्रियाएं, संक्रमण, और फेफड़े की चोट शामिल हैं जिसके कारण हवा रिस कर प्लूरल स्पेस में चली जाती है (न्यूमोथोरैक्स)। बहुत कम होने वाली लेकिन अधिक गंभीर जटिलताओं में दिल के आस-पास की बड़ी रक्त वाहिकाओं में से एक में खराबी और सीने की एक तंत्रिका में चोट (जिससे आवाज़ बैठ सकती है) के कारण खून बहना शामिल है।

    (फेफड़े के बीमारियों के लिए मेडिकल इतिहास और शारीरिक परीक्षण और प्लूरल और मीडियास्टीनल से जुड़ी बीमारियों का विवरण भी देखें।)