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स्वस्थ रहन - सहन

बायोफीडबैक

इनके द्वाराDenise Millstine, MD, Mayo Clinic
समीक्षा की गई/बदलाव किया गया दिस. २०२३

बायोफीडबैक, एक प्रकार की मन-शरीर मेडिसिन है, जो अचेतन जैविक प्रक्रियाओं को सचेत नियंत्रण में लाने की एक विधि है। बायोफीडबैक में, इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का इस्तेमाल करके, अचेतन प्रक्रियाओं (जैसे हृदय गति, ब्लड प्रेशर और मांसपेशियों में तनाव) की जानकारी को मापा जाता है और चेतन मन तक इस जानकारी को पहुंचाया जाता है। बाद में, एक चिकित्सक या प्रशिक्षण की मदद से लोग यह समझ सकते हैं कि ये कार्य क्यों बदलते हैं, साथ ही, वे यह भी सीख सकते हैं कि उन्हें कैसे नियंत्रित किया जाए, ताकि दर्द, तनाव, अनिद्रा और सिरदर्द जैसी स्थितियों के प्रभाव कम हो जाएं। धड़कन में होने वाले बदलावों का बायोफ़ीडबैक और न्यूरोफ़ीडबैक सहित ऐसे कई प्रकार के बायोफ़ीडबैक उपलब्ध हैं, जो खास तौर पर मस्तिष्क की गतिविधि की निगरानी करते हैं। (इंटीग्रेटिव, कॉम्प्लीमेंटरी और अल्टरनेटिव मेडिसिन का विवरण भी देखें।)

बायोफ़ीडबैक के औषधीय उपयोग

आमतौर पर बायोफ़ीडबैक का उपयोग दर्द (सिरदर्द सहित), तनाव, चिंता, अनिद्रा और साथ ही पेल्विक फ़्लोर के विकारों (जैसे कि युरिनरी इनकॉन्टिनेन्स की समस्या पैदा करने वाले विकारों) का इलाज करने में किया जाता है। धड़कन के परिवर्तन के बायोफ़ीडबैक का उपयोग खेलों में प्रदर्शन को सुधारने और कई न्यूरोलॉजिक या मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े विकारों (जैसे कि ध्यान की कमी/अतिसक्रियता विकार [ADHD] और मस्तिष्क में आघात से लगी चोट) के लिए किया जा चुका है। लगता है कि न्यूरोफ़ीडबैक बौद्धिक प्रदर्शन और ADHD के इलाज में असरदार होता है।

अधिक जानकारी

निम्नलिखित अंग्रेजी-भाषा संसाधन उपयोगी हो सकते हैं। कृपया ध्यान दें कि इस संसाधन की विषयवस्तु के लिए मैन्युअल ज़िम्मेदार नहीं है।

  1. National Center for Complementary and Integrative Health (NCCIH): स्वास्थ्य के लिए मन शांत रखने के उपाय