फ्रैक्चर हुए, ढीले या ज़ोर लगने से टूटकर निकले दांत

इनके द्वाराMichael N. Wajdowicz, DDS, Veterans Administration
समीक्षा की गई/बदलाव किया गया अक्टू. २०२२

फ्रैक्चर होने पर, ढीले होने पर या ज़ोर लगने पर दांत टूटकर निकलना, दांतों की तुरंत इलाज की ज़रूरत वाली कुछ ऐसी समस्याएं हैं, जिन पर तुरंत ध्यान देने की ज़रूरत है। जब लोगों के मुंह पर तेज़ झटका लगता है, तो दांत आमतौर पर चटक जाते हैं (फ्रैक्चर होना), ढीले हो जाते हैं या ज़ोर लगने से टूटकर निकल जाते हैं (उखड़ जाते हैं)। कभी-कभी, जो दांत पहले से ही कमज़ोर हैं वो चबाने से फ्रैक्चर हो जाते हैं या ढीले हो जाते हैं।

फ्रैक्चर हुए दांत

सामने के ऊपर वाले दांतों में चोट लगने और फ्रैक्चर होने का खतरा होता है। अगर किसी व्यक्ति को चबाने के दौरान या कुछ ठंडा खाने के दौरान थोड़ी देर के लिए, तेज़ दर्द होता है, तो उसके मुंह में कहीं दांत का अधूरा फ्रैक्चर हो सकता है। अगर दांत केवल चटका है और उसका कोई टुकड़ा अलग नहीं हुआ है, तो दांतों के डॉक्टर एक साधारण फिलिंग करके इस समस्या को ठीक कर सकते हैं। ज़्यादा फ्रैक्चर वाले दांत में क्राउन लगाने की ज़रूरत हो सकती है, रूट कैनाल ट्रीटमेंट के साथ में या बिना।

अगर चोट लगने के बाद दांत में ठंडी हवा या पानी नहीं लग रहा है, तो ज़्यादा संभावना है कि केवल कठोर बाहरी सतह (इनेमल) को नुकसान हुआ है। भले ही इनेमल थोड़ा-सा निकल गया हो, तब भी तुरंत इलाज की ज़रूरत नहीं होती है। दांत की मध्यवर्ती परत (डेंटिन) के फ्रैक्चर में आमतौर पर हवा और/या भोजन के संपर्क में आने पर दर्द होने लगता है, इसलिए ऐसे फ्रैक्चर वाले लोगों को दांतों की देखभाल के लिए जल्दी से डॉक्टर को ढूँढना पड़ता है। अगर फ्रैक्चर दांत के बहुत अंदरूनी भाग (पल्प) को प्रभावित करता है, तो फ्रैक्चर में एक लाल धब्बा और अक्सर थोड़ा रक्त दिखाई देगा। तेज़ दर्द होने से पहले बाकी ज़ख़्मी पल्प को हटाने के लिए रूट कैनाल ट्रीटमेंट की ज़रूरत हो सकती है।

दांत की परतें

ढीले दांत

अगर किसी चोट से सॉकेट में कोई दांत ढीला हो जाता है या अगर आसपास के गम टिशू (मसूड़े के ऊतक) से बहुत अधिक खून बहता है, तो उस व्यक्ति को तुरंत एक दांतों के डॉक्टर से मिलना चाहिए, क्योंकि उसके दांतों के रूट या सॉकेट में फ्रैक्चर हो सकता है। एक ढीला दांत जो जल्दी से अपनी जगह पर आ जाता है और स्थिर हो जाता है, आमतौर पर अपनी जगह पर हमेशा बना रहता है। आमतौर पर, मौजूदा परमानेंट टीथ (स्थायी दांत) को नुकसान से बचाने के लिए बच्चे के मुंह के सामने वाले गंभीर रूप से ढीले हुए (डेसिडुअस) दांतों को हटा दिया जाता है।

ज़ोर लगने से टूटकर निकले दांत

जिन बच्चों के दांत या परमानेंट टीथ (स्थायी दांत) ज़ोर लगने से टूटकर निकल गए हैं, तो उन्हें तुरंत नज़दीकी दांतों के डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए। बच्चों के ज़ोर लगने से टूटकर निकले दांतों को फिर से नहीं लगाया जाना चाहिए क्योंकि वे संक्रमित हो सकते हैं और इन दांतों को फिर से लगाने से परमानेंट टीथ (स्थायी दांत) उगने में रुकावट आ सकती है। हालांकि, ज़ोर लगने से टूटकर निकले परमानेंट टीथ (स्थायी दांत) को तुरंत इलाज की ज़रूरत होती है।

अगर हो सके, तो परमानेंट टीथ (स्थायी दांत) को तुरंत अपने सॉकेट में वापस लगा देना चाहिए (रूट्स को छुए बिना)। दांत को 10 सेकंड के लिए ठंडे पानी में धीरे से धोया जा सकता है, लेकिन इसे रगड़ना नहीं चाहिए, क्योंकि रगड़ने से रूट पर से वो टिशू हट सकता है जो दांत को फिर से जोड़ने के लिए ज़रूरी होता है। अगर व्यक्ति दांत को उसके सॉकेट में वापस नहीं लगा पाता है, तो उसे दांतों के डॉक्टर के पास ले जाने के लिए दांत को एक भीगे पेपर टॉवल में लपेट लेना चाहिए या फिर एक गिलास दूध में डालकर रखना चाहिए। (दांत को पोषण देने के लिए दूध एक अच्छा वातावरण प्रदान करता है।) विकल्प के तौर पर, अगर व्यक्ति होश में है और उसके द्वारा दांत के फेफड़ों में लेने या निगलने की कोई संभावना नहीं है, तो दांतों के डॉक्टर तक पहुँचने के दौरान दांत को मुंह में रखा जा सकता है।

अगर ज़ोर लगने से टूटकर निकला दांत नहीं मिल पा रहा है, तो हो सकता है कि वह फेफड़ों में चला गया है (एस्पिरेटेड) या गलती से निगल लिया गया है। फेफड़ों में दांत को ढूँढने के लिए छाती का एक्स-रे लिया जा सकता है। वहीं दूसरी ओर, दांत निगलने से कोई नुकसान नहीं होता है और आमतौर पर पाचन तंत्र में दांत को ढूँढने के लिए एक्स-रे नहीं लिए जाते हैं। जिन लोगों के दांत ज़ोर लगने से टूटकर निकल गए थे अगर उनके दांतों को फिर से लगाया जा रहा है, तो उन्हें आमतौर पर कई दिनों तक एंटीबायोटिक लेने होते हैं। अगर दांत गंदगी के संपर्क में आया था, तो डॉक्टर इस बात का भी मूल्यांकन करेंगे कि उस व्यक्ति का टिटनेस के लिए टीकाकरण हुआ है या नहीं।

अगर ज़ोर लगने से टूटकर निकले परमानेंट टीथ (स्थायी दांत) को 30 मिनट से 1 घंटे के अंदर फिर से लगाया जाता है, तो सॉकेट में इसे फिर से लगा पाने की बेहतर संभावना होती है। 30 मिनट के बाद, दांत जितनी देर तक सॉकेट से बाहर रहेगा, उसे सॉकेट में लगाने से लंबे समय तक फ़ायदा मिलने की संभावना उतनी ही कम होती जाएगी। दांतों के डॉक्टर आमतौर पर 7 से 10 दिनों के लिए दांत को आसपास के दांतों से स्पलिंट (हिलते दांतो को मज़बूत दांत से बांधना) कर देते हैं। अगर दांत के आसपास की हड्डी भी फ्रैक्चर हो गई है, तो दांत को 6 से 10 सप्ताह तक के लिए स्पलिंट (हिलते दांतो को मज़बूत दांत से बांधना) करना पड़ सकता है। फिर से लगाए गए दांतों को आख़िर में रूट कैनाल ट्रीटमेंट की ज़रूरत पड़ती है।

क्या आप जानते हैं...

  • ज़ोर लगने से टूटकर निकले दांत को दांतों के डॉक्टर तक ले जाने के लिए दूध के कंटेनर का उपयोग किया जा सकता है।

अधिक जानकारी

निम्नलिखित अंग्रेजी-भाषा संसाधन उपयोगी हो सकते हैं। कृपया ध्यान दें कि इस संसाधन की विषयवस्तु के लिए मैन्युअल ज़िम्मेदार नहीं है।

  1. Mouth Healthy: यह आम रिसोर्स पोषण के साथ-साथ मौखिक स्वास्थ्य के बारे में जानकारी देता है, साथ ही इससमें अमेरिकन डेंटल एसोसिएशन की मंज़ूरी वाली सील लगे प्रॉडक्ट चुनने के बारे में भी मार्गदर्शन दिया गया है। साथ ही, दांतों के डॉक्टर को कैसे ढूँढें और उनसे कब मिलें, इस बारे में भी सलाह दी गई है।